दोस्तो , सुधार व खुलेद्वार नीति लागू होने के पिछले तीस सालों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की विदेश आवाजाही भी चीनी विशेषता वाली कूटनीतिक स्थिति पैदा करने के लिये प्रसायरत है , वर्तमान में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी विश्व के 166 देशों व क्षेत्रों की 528 राजनीतिक पार्टियों और राजनीतिक संगठनों के साथ नाना प्रकार वाले मैत्रीपूर्ण आवाजाही व सम्पर्क बनाये रखे हुए है , एक बहुपक्षीय व विशाल और गहरी नयी कूटनीतिक स्थिति मूल रूप से तैयार हो गयी है ।
दिसम्बर 2008 के शुरू में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्कसवादी ) की केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो के सदस्य यचुरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केद्रीय कमेटी के अंतर्राष्ट्रीय सम्पक मंत्रालय के मेहमान के रूप में एक बार फिर चीन की भूमि पर पधारे , पिछले 20 सालों में यह उन की दसवीं बार चीन यात्रा ही है । क्या जाने श्री यचुरी ने पंडा मार्क के दो पाकेट सिगरेट से चीन के साथ मैत्री बनायी ।
उन्हों ने कहा कि मैं 1987 में प्रथम बार चीन यात्रा पर आया , उस समय मैं हमारी पार्टी के तत्कालीन महा सचिव नाम्बूदिरिपाद के साथ चीन आया । स्वर्गीय कामरेड तंग श्याओ फिंग ने हमारे सम्मान में दोपहर का भोज दिया । दो घंटे के भोज में कामरेड तंग श्याओ फिंग ने दो पाकेटों के पंडा मार्क सिगरेट पीये । बाद में किसी ने मुझे बताया कि तंग श्याओ फिंग ने जो पंडा मार्क सिगरेट पीया है , वह विशेष तौर पर बनवाया गया है । तब से मुझे मालूम हो गया है कि पंडा मार्क का सिगरेट चीन का विख्यात सिगरेट ही है ।
उसी यात्रा के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उच्च स्तरीय नेताओं को पूर्व स्वर्गीय प्रधान मंत्री राजीव गांधी की चीन यात्री करने की इच्छा पहुंचायी । पिछली सदी के 60 वाले दशक में चीन व भारत दोनों देशों के बीच सीमा विवादों से संबंध बिगड़ गये , भारतीय प्रधान मंत्री ने राजनीतिक पार्टियों की आवाजाही के जरिये भारत चीन संबंध सुधारने का इरादा व्यक्त किया । एक साल के बाद यानी 1988 में स्वर्गीय तंग श्याओ फिंग ने पेइचिंग में चीन यात्रा पर आये भारतीय प्रधान मंत्री राजीव गांधी से मुलाकात की , गतिरोध में पड़ा चीन भारत संबंध आखिरकार सुधरने लगा । यह घटना पार्टियों की आवाजाही से देशों के संबंधों के विकास को बढावा देने का एक जबरदस्त सबूत ही है । जब कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का कूटनीतिक कार्य 1978 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 11 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के तीसरे पूर्णाधिवेशन से विकसित हो गया है ।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 11 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस का तीसरा पूर्णाधिवेशन एक मी महान ऐतिहासिक मोड़ है । कामरेड तंग श्याओ फिंग ने आधुनिक निर्माण की आम स्थिति से प्रस्थान कर पार्टियों के बीच नये आकार वाले संबंध की स्थापना करने की राय पेश की है । 1982 में पार्टी ने अपनी 12वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में इसी आधार पर स्वाधीन स्वतंत्रता , पूर्ण समानता , आपसी सम्मान और एक दूसरे के अंदरुनी मामलों पर अहस्तक्षप ये चार सिद्धांत प्रस्तुत किये ।
20वीं शताब्दी के 80वाले दशक में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने भिन्न विचारधाराओं को ताक पर रखकर क्रमशः जापान , पुर्तगाल , इटली और स्पेन की मुख्य पार्टियों के साथ सम्पर्क कायम किया । इस के अतिरिक्त चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने एशिया व अफ्रीका और लातिन अफ्रीका के विकासशील देशों की राष्ट्रीय जनवादी पार्टियों के साथ आवाजाही शुरु की । 20 वीं शताब्दी के 80 वाले दशक के अंत में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 110 देशों की 270 से अधिक राजनीतिक दलों के साथ विविधतापूर्ण सम्पर्क स्थापित कर दिया ।
नवम्बर 2008 में उत्तर अफ्रीका के अलजीरियाई सामाजिक शांति आंदोलन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रथम बार चीन यात्रा की । यात्रा की समाप्ति पर इस पार्टी के अध्यक्ष सोलतानी ने भावावेश में हमारे संवाददाता से कहा मौजूदा यात्रा से मैं देखा है कि चीन दूसरे देशों के अनुभवों से सीखना चाहता है . लेकिन चीन ने ऐसे अनुभवों का हू ब हू अनुसरण करने के बजाये अपनी विशेषताओं के मद्देनजर अपने विशेष विकास फारमूले का विकल्प किया है।
पिछले तीस सालों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने कूटनीति और सुधार व खुलेद्वार नीति के कार्यांवयन के चलते असाधारण रास्ता तय किया है और राजनीतिक पार्टी की नयी कूटनीतिक स्थिति स्थापित कर दी है ।