2008-12-30 15:40:03

बंगलादेश के संसदीय चुनाव में तीन विशेषताएं नजर आयी हैं


बंगलादेश के नवें संसदीय चुनाव का मतदान स्थानीय समयानुसार 29 तारीख के आठ बजे से शुरू शुरू हुआ। 39 पार्टियों व स्वतंत्र उम्मीदवारों के 1500 से ज्यादा उम्मीदवारों ने संसद की तीन सौ सीटों में से 299 सीटों की प्रतिस्पर्द्धा में भाग लिया। अन्य एक सीट का चुनाव एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण वर्ष 2009 के जनवरी की 12 तारीख तक स्थगित होगा। 

बंगलादेश के नवें संसदीय चुनाव का मतदान स्थानीय समयानुसार 29 तारीख की सुबह आठ बजे से शुरू होकर ठीक उसी दिन के दोपहर के बाद 16 बजे तक संपन्न हुआ है। चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारी के अनुसार चुनाव के परिणामों की घोषणा शायद हाल ही में की जाएगी। विश्लेशकों के विचार में इस बार बंगलादेश के चुनाव में तीन विशेषताएं नजर आयी हैं।

पहला, चुनाव का इंतिज़ाम सुव्यवस्थित है, और मतदाताओं का जोश भी बहुत ऊंचा है। पहले के चुनाव दिन में हुई हिंसक मुठभेड़ों के मद्देनज़र बंगलादेश की काम चलाऊ सरकार ने इस बार के चुनाव की कड़ी सुरक्षा रखने के लिये देश भर में 6 लाख 50 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती को । चुनाव के दिन में केवल दक्षिण-पश्चिमी बंगलादेश में हुई मुठभेड़ से 18 लोग घायल हुए। इस के अलावा सारे देश का मतदान तो सुचारू रूप से चल रहा था। चुनाव में मतदाताओं का जोश भी बहुत ऊंचा है। हालांकि उसी दिन यातायात पर प्रतिबंध लगाया गया, और गाड़ी चलाकर बाहर जाने की मनाही है, लेकिन फिर भी बहुत से मतदाताओं ने पैदल या रिक्शाओं से मतदान केंद्र पहुंचकर वोट दिया। मतदान केंद्रों का कड़ा इंतिज़ाम भी हो गया है। मतदाता लाइनों में खड़े होकर वोट डालने का इंतजार कर रहे थे। मतदान आयोजित होने से पहले बंगलादेश की राजधानी ढाका में यह जोशपूर्ण वातावरण व्याप्त रहा है कि काफी बड़ी संख्या में लोग वोट डालने के लिये विशेष तौर पर अपनी जन्मभूमि वापस लौट आये। बंगलादेश के चुनाव आयोग के अध्यक्ष श्री शामसुल खुदा ने उसी दिन कहा कि अनुमान है कि सारे देश के 8 करोड़ दस लाख से ज्यादा मतदाताओं की मतदान-दर 65 से 70 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

दूसरा, दो लाख पर्यवेक्षकों और तटस्थ काम चलाऊ सरकार ने चुनाव की स्वतंत्रता, समानता व निष्पक्षता की सुनिश्चितता की। बंगलादेश के चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक सूचना के अनुसार मतदान के दिन में यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमरीका, जापान व आस्ट्रेलिया आदि देशों या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से आए पांच सौ से ज्यादा विदेशी पर्यवेक्षकों और बंगलादेश के लगभग दो लाख पर्यवेक्षकों ने इस बार के चुनाव की निगरानी की। साथ ही तटस्थ काम चलाऊ सरकार ने भी चुनाव की निष्पक्षता को सुनिश्चित कर दिया। बंगलादेश के संविधान के अनुसार पिछली संसद के पांच वर्षीय कार्यकाल संपन्न होने के बाद प्रधान मंत्री को संसद को भंग करने की घोषणा करनी और अधिकार एक तटस्थ काम चलाऊ सरकार को सौंपना चाहिए। इस काम चलाऊ सरकार को तीन महीनों में अगली बार के महा चुनाव को आयोजित करना है। बंगलादेश का नवां संसदीय चुनाव योजनानुसार वर्ष 2007 के जनवरी में आयोजित होना था। लेकिन दो मुख्य पार्टियों ने चुनाव के सवाल पर सहमति प्राप्त नहीं की, और देश की राजनीतिक स्थिति बिगड़ हो गयी। इसलिये बंगलादेश के राष्ट्रपति श्री लाजुद्दिन अहमेद ने वर्ष 2007 के जनवरी की 11 तारीख को देश में आपात स्थिति लागू करने की घोषणा की, और काम चलाऊ सरकार के प्रधान मंत्री ने अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया। जनवरी की 12 तारीख से आज तक कंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर श्री फ़ाखरुद्दिन अहमेद के नेतृत्व वाली काम चलाऊ सरकार आज तक शासन करती है।

तीसरा, महिलाओं ने इस बार के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आंकड़ों के अनुसार इस बार के चुनाव में पंजीकृत 8 करोड़ 10 लाख 60 हजार मतदाताओं में स्त्री-मतदाताओं की संख्या आधे से ज्यादा है, जो 50.9 प्रतिशत तक पहुंच गयी। 1552 उम्मीदवारों में भी 50 महिलाएं भी शामिल हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि इस बार के चुनाव में सब से शक्तिशाली प्रतिस्पर्द्धी तो महिलाएं ही हैं। पूर्व प्रधान मंत्री सुश्री खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बंगलादेश राष्ट्रवाद पार्टी व पूर्व प्रधान मंत्री सुश्री शेख हसीना के नेतृत्व वाले अवामी लीग ने क्रमशः अपने शक्तिशाली समर्थकों को लेकर इस बार के चुनाव में भाग लिया। आम राय है कि अगर कोई खास बात नहीं होगी, तो नयी सरकार के नेता शायद उन में से एक महिला होंगी।  (चंद्रिमा)