चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी ने देश के श्रम अनुबंध कानून के कार्यान्यवन की स्थिति की व्यापक जांच करने के बाद पता लगाया है कि हालांकि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से धक्का लगने के कारण चीन के आर्थित संचालन पर दबाव बढ़ा और कारोबारों की हालत कठिन अधिक हुई, फिर भी देश के विभिन्न स्थानों और विभागों ने अनेक कदम उठा कर कारोबारों को कठिन संचालन से उद्धारने में मदद दी और साथ ही श्रमिकों के हितों की रक्षा करने पर बल दिया । राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी ने इस पर जोर दिया कि कठिन घड़ी आने पर जनजीवन का और अधिक ख्याल रखा जाना चाहिए ।
चीन के श्रम अनुबंध कानून को देश के सब से अहम श्रम संबंधी कानूनों से एक माना जाता है। उस का ध्येय श्रमिकों के अधिकारों व हितों की रक्षा करना है। वह कारोबारों से श्रमिकों के साथ लिखित श्रम अनुबंध संपन्न करने की मांग करता है और दीर्घकालीन श्रम ठेके का प्रोत्साहन देता है। 2008 में यह कानून औपचारिक रूप से लागू हुआ । सितम्बर के माह में राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी ने 18 शहरों के 30 से ज्यादा कारोबारों में इस कानून के कार्यान्वयन की स्थिति की जांच की, जिस से पता चला है कि कानून लागू होने के बाद श्रम अनुबंध लिखने की दर में स्पष्ट वृद्धि आयी है। श्रमिकों, खास कर गांव से शहर में काम करने आए प्रवासी मजदूरों के हितों की अधिक रक्षा की गयी है।
इस साल के अक्तूबर से वित्तीय संकट से प्रभावित होकर चीन के आर्थिक विकास पर भी भारी दबाव पड़ा। देश की आर्थिक स्थिति कठिन हुई। कारोबारों में श्रमिकों की छंटनी और वेतन देने में विलंब की हालत बढ़ गयी। राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के उपाध्यक्ष ह्वा च्यानमिन ने कहाः
जांच व सर्वेक्षण से पता चला है कि श्रम अनुबंध कानून पर अमल का अच्छा परिणाम निकला है। देश विदेश की आर्थिक स्थिति में कठिनाई आने पर विभिन्न विभागों और स्थानों ने सक्रिय कदम उठा कर श्रमिकों के हितों की रक्षा करने तथा कारोबारों को मुश्किलों से उद्धारने में मदद दी ।
उठाए गए कदमों के तहत केन्द्रीय सरकार ने उचित तौर पर बुनियादी चिकित्सा बीमा और काम के समय चोट लगने की बीमा पर देय दर घटायी है और स्थानीय सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और दिवाला हुए कारोबारों से सर्वप्रथम मजदूरों के बकाया वेतन सवाल को हल करने की मांग की और बेरोजगार मजदूरों को पुनः रोजगारी के लिए सहायता दी है।
वर्तमान हालत में श्रमिकों के हितों की गारंटी और कारोबारों को कठिनाइयों से बचाना दो समान महत्व काम है । श्री ह्वा ने कहाः
कठिन स्थिति आने पर जनजीवन पर और ध्यान देना चाहिए और वास्तविक स्थिति के अनुसार श्रम अनुबंध कानून पर अच्छी तरह अमल किया जाना चाहिए तथा श्रमिकों के अधिकारों व हितों की रक्षा पर और बल दिया जाना चाहिए तथा कारोबारों के विकास पर ध्यान देना चाहिए और समाज की स्थिरता को बनाए रखना चाहिए।
इस के लिए चीनी कानून पालन जांच दल ने सिलसिलेवार अनुकूल सुझाव पेश किए, जिन के अन्तर्गत मझोले और छोटे कारोबारों का संरक्षण किया जाएगा, कर वसूली को कम कर कारोबारों की उत्पादन लागत घटायी जाएगी और कर्ज सेवा अच्छी कर छोटे मझोले कारोबारों के संचालन का समर्थन किया जाएगा और दिवालियपन रोका जाएगा।
श्रमिकों के हितों की गारंटी के क्षेत्र में विभिन्न स्थानीय सरकारों से वेतन देने में विलंब की हालत दूर करने और वेतन अदायती व्यवस्था को परिपूर्ण करने की मांग की गयी और बकाया वेतन देने का गारंटी कोष कायम करने का कारगर तरीका ढूंढा जाएगा और मुश्किल में पड़े कारोबारों को प्रशिक्षण के जरिए छंटनी नहीं करने या कम छंटनी करने का समर्थन दिया जाएगा।
वर्तमान आर्थिक स्थिति से शहरों में काम करने आए किसानों के लिए राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी ने विभिन्न स्तरीय सरकारों से उन के हितों की रक्षा करने की मांग की । श्री ह्वा ने कहाः
गांव से आए प्रवासी मजदूरों के वेतन को समय पर देने की गारंटी के लिए प्रबल कदम उठाया जाना चाहिए और उन के और कारोबारों के बीच विवादों का उचित समाधान किया जाना चाहिए । जहां प्रवासी मजदूर ज्यादा लौटे हैं, वहां की स्थानीय सरकार को पूंजी लगाने और परियोजना शुरू करने से उन्हें रोजगार के अवसर ज्यादा प्रदान करना चागिए। साथ ही प्रवासी मजदूरों की सामाजिक गारंटी व सार्वजनिक सेवा को बेहतर किया जाना चाहिए।