2008-12-26 13:01:40

ब्रिटेन आर्थिक मंदी में फंस पड़ा

ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने 25 तारीख को क्रिस्मस के उपलक्ष में टी.वी. भाषण दिया, उन्होंने वर्तमान वित्तीय संकट और आर्थिक मंदी से ब्रिटिश आम परिवारों को पहुंची गंभीर क्षति पर चिंता व्यक्त की । महारानी ने अपने भाषण में एक बार भी नागरिकों को चेतावनी दी कि ब्रिटिश आर्थिक स्थिति आशावान नहीं है । देश के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा अभी-अभी जारी रिपोर्ट के अनुसार अब ब्रिटेन आर्थिक मंदी में फंस पड़ा है ।
    हर वर्ष ब्रिटिश महारानी नियमित रूप से क्रिस्मस भाषण देती हैं । पहले की तुलना में इस वर्ष उन्होंने अपने भाषण के शुरूआती भाग में ब्रिटेन के सामने मौजूद आर्थिक मंदी के सवाल पर बल दिया और लोगों से आर्थिक मुश्किलों को दूर कर उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने की कोशिश करने का आह्वान किया ।
    ब्रिटिश राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा अभी-अभी जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष की तीसरी तिमाही में ब्रिटेन का सकल राष्ट्रीय उत्पादन मूल्य दूसरी तिमाही से 0.6 प्रतिशत कम हुआ, जो अर्थ शास्त्रियों के पूर्व अनुमान 0.5 प्रतिशत से अधिक है और यह अंक वर्ष 1990 से लेकर अब तक सब से नीचा है । साथ ही ब्रिटेन के भू संपत्ति बाज़ार की स्थिति भी और गंभीर हो रहा है । नवम्बर माह में आवास कर्ज़ के आवेदन की पुष्टि मात्रा सिर्फ 17 हज़ार सात सौ से थोड़ी अधिक है , जो देश के इतिहास में सब से नीचा है और जो गत वर्ष की समान अवधि से साठ प्रतिशत घट गयी है । मकानों के दाम भी लगातार घटते जा रहे हैं । अनुमान है कि अगले वर्ष में ब्रिटेन में रिहाईशी मकानों के दाम में और दस प्रतिशत की गिरावट आएगी । इस के साथ ही देश में बेरोज़गारों की दर भी निरंतर बढ़ती जा रही है । राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में ब्रिटेन में बेरोज़गारों की दर 6 प्रतिशत है, बेरोज़गार व्यक्तियों की संख्या 18 लाख 60 हज़ार । वर्ष 1997 से लेकर अब तक यह संख्या एक रिकोर्ड है । अनुमान है कि 2010 में ब्रिटेन में बेरोजगारों की संख्या 30 लाख होगी । विभिन्न आर्थिक सूचकांक कम होने और भावी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण ब्रिटिश बांउड पर कुप्रभाव पड़ गया । आर्थिक जगत के व्यक्तियों का अनुमान है कि ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति में और बिगाड़ आएगी ।
    वित्तीय संकट का सामना करने और देश को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए ब्राउन सरकार ने इस वर्ष में बैंकिंग बाज़ार में कई बार भारी पूंजी लगाई, ताकि बैंकिंग व्यवस्था को बचाया जा सके और आर्थिक पुनरूत्थान को प्रेरणा मिल सके । हाल में ब्रिटिश वित्त मंत्री अलिस्टाइर डार्लिंग ने बीस अरब बांड वाली आर्थिक प्रेरणा योजना बनायी, ब्रिटिश केंद्रीय बैंक ने अनेक बार बड़े पैमाने पर ब्याज़ दर को कम किया, बैंकिंग ब्याज दर पिछले 50 सालों में सब से नीची बनी। लेकिन अब तक इन कदमों से अनुमानित परिणाम नहीं निकला और आर्थिक मंदी का रूझान नहीं रूका तथा आर्थिक स्थिति में आशाप्रद मोड़ नहीं आयी । सूत्रों के अनुसार अगले माह में ब्राउन सरकार ऋण वितरण को प्रेरित करने और श्रमिकों के हितों की रक्षा करने वाले नए कदम उठाएगी । लेकिन बाज़ार में ब्रिटिश केंद्रीय बैंक के अगले वर्ष में लगातार ब्याज़ दर को कम करने का अनुमान जोर पर है। इस तरह ब्रिटिश लोगों में आर्थिक भविष्य पर चिंता और अधिक हो गयी।
    ऐसी निराशा भावना से उपभोक्ताओं के विश्वास को काफी आघात पहुंचा, जिस से ब्रिटेन के फुटकर बिक्री को भारी क्षति पहुंची । सौ वर्ष पुराने ब्रिटिश फुटकर बिक्री कारोबार वूलवोर्थ को भारी कर्जों के मार से आगामी जनवरी में पूर्ण रूप से बंद किया जाना पड़ेगा और देश का यह मशहूर कारोबार तभी से वाणिज्यिक मंच से गायब हो जाएगा । उस की 800 शाखाओं के 27 हज़ार कर्मचारी बेरोज़गार बन जाएंगे । इस के साथ ही ब्रिटेन के निर्माण कारोबार और वस्त्र कारोबार की स्थिति भी गंभीर बन गयी है । आंशिक कंपनियों ने लागत किफायत के लिए बड़े पैमाने तौर पर कर्मचारियों की छंटनी शुरू करने का ऐलान किया ।
   क्रिस्मस के आगमन से ब्रिटिश नागरिक त्योहार की खुशियां मना रहे हैं, वे अस्थाई तौर पर बेरोज़गारी व जीवन बौझ से पैदा हुई बुरी स्थिति को भूल गये । लेकिन आर्थिक मंदी फिर भी ब्रिटेन में मौजूद रही है । आर्थिक जगत के व्यक्तियों का समान विचार है कि ब्रिटेन में आर्थिक पुरूत्थान के लिए समय लगेगा । (श्याओ थांग)