चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के अधिकारी ने हाल में कहा कि चीन के विदेशी मुद्रा संचय में लगातार 57 महिनों तक बढ़ोत्तरी होने के बाद इस साल अक्तूबर से इसमें पहली बार गिरावट आयी । इस पर विश्लेषकों का कहना है कि चीन के विदेशी मुद्रा संचय में गिरावट विदेशी पूंजी के हटने तथा चीनी मुद्रा रनमिनबी के मूल्य में वृद्धि होने आदि अनेक कारणों से हुई है, वित्तीय संकट की स्थिति में विदेशी मुद्रा का संचय थोड़ा कम होना सामान्य बात है । दिसम्बर 2003 से चीन के विदेशी मुद्र संचय में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही थी, अब तक चीन का विदेशी मुद्रा संचय विश्व में प्रथम स्थान पर है । चीनी केन्द्रीय बैंक के आंकड़ों से जाहिर है कि इस साल के सितम्बर के अंत तक चीन का विदेशी मुद्रा संचय 19 खरब अमरीकी डालर तक पहुंचा । लेकिन चीनी राष्ट्रीय विदेश मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के अधिकारी ने कहा कि अक्तबूर माह से चीन के विदेशी मुद्रा संचय में गिरावट आने लगी। चीनी राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के आर्थिक अनुमान विभाग के सकल अर्थतंत्र कार्यालय के प्रधान श्री चांग यङचुन ने कहा कि इधर के समय में अमरीकी डालर मजबूत होने लगा और चीनी मुद्रा रनमिनबी के मूल्य में गिरावट होने के अनुमान से चीन के विदेशी मुद्र संचय में कटौती आयी है। उन्हों ने कहाः अक्तबूर में अमरीकी डालर के मूल्य में वृद्धि होने की गति तेज हो गयी, डालर के प्रति यूरो के मूल्य में स्पष्ट गिरावट आयी, इसी कारण से चीन के विदेशी मुद्रा संचय में कटौती हुई है । किन्तु इधर के महीनों में रनमिनबी के मूल्य में इजाफा होने का अनुमान भी कमजोर हुआ, इसलिए रनमिनबी और अमरीकी डालर के बीच विनिमय दर प्रायः सथिर बनी रही तथा कुछ कारोबारों में निर्यात से प्राप्त विदेशी मुद्रा का रनमिनबी में विनिमय करने का इरादा भी घट गया । श्री चांग के विचार में चीन से विदेशी पूंजी का हटना भी चीन के विदेशी मुद्रा संचय में गिरावट आने का एक कारण है। चीनी मार्चेंट बैंक के विदेशी मुद्रा विश्लेषक श्री ल्यू तुंगल्यांग भी उक्त विश्लेषण पर सहमत हैं, उन्हों ने कहा कि वित्तीय संकट से विश्वव्यापी मुद्रा चलन सिकुड़ने से कुछ विदेशी पूंजी चीन से हट गयी है। उन्हों ने कहाः हमारे विश्लेषण से सितम्बर माह तक होट मनी चीन में आती रही थी, पर अक्तूबर माह से वह चीन से बाहर हटने लगी । इस का एक कारण यह है कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के कारण बहुत सी संस्थाओं ने अपनी पूंजी को चीन से हटाया । इस के अलावा दूसरी संभावना भी है कि चीन की कुछ पूंजी भी किसी रास्ते से बाहर चली। वर्तमान में पूंजी मुख्यतः अमरीका के राजस्व बांड बाजार में प्रवेश कर रही है, जिस में चीन की पूंजी भी शामिल है। बलुमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा न केवल चीन से निकल रही है, बल्कि भारत, पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया आदि नवोदित एशियाई बाजार वाले देशों से भी निकल रही है। फिर भी यह नहीं कह सकता है कि चीन में पूंजी के चलन की दिशा मूलतः बदली है और इस का यह अर्थ भी नहीं है कि चीन के अर्थतंत्र पर अन्तरराष्ट्रीय पूंजी का विश्वास भी मूलरूप से बदला है । श्री चांग यङचुन ने माना कि चीन की बुनियादी अर्थव्यवस्था बहुत आकर्षक है, अतः अल्पकालीन पूंजी हटाव सामान्य बात है। श्री चांग ने कहाः विदेशी मुद्रा संचय में थोड़ी सी गिरावट चीन के लिए काफी सामान्य है । आज से कुछ समय पहले चीनी मुद्रा रनमिनबी के मूल्य में वृद्धि होने के कारण चीन में विदेशी पूंजी का प्रवेश काफी ज्यादा था, उस वक्त हमें चिंता हुई थी कि कहीं विदेशी मुद्रा के संचय में अधिक तेजी तो नहीं हो जाए । वास्तव में चीन नहीं चाहता कि अपने विदेशी मुद्रा संचय में इतना तेज इजाफा हो जाए। बेहतर है कि एक निश्चित रकम बरकरार रह जाए। श्री चांग यङचुन ने कहा कि विदेशी पूंजी के हटने से चीन की पूंजी व आवास बाजार पर अल्पकालीन प्रभाव पड़ेगा, परन्तु वर्तमान हटाव हालत की दृष्टि से इस का प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में चीन में पूंजी पर नियंत्रण की व्यवस्था है, इस के चलते बड़ी रकम में पूंजी का बाहर निकलने के लिए भारी तकनीकी और संचालन की बाधा मौजूद है। इस के अलावा अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार के धीरे धीरे स्थिर होने के परिणामस्वरूप चीन के सामने पूंजी के देश से निकलने का दबाव हल्का हो जाएगा।
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |