दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के दिछिंग तिब्बती प्रिफैक्चर में एक विश्व विख्यात सुन्दर स्थल है----शांगरिला । तिब्बती भाषा में शांगरिला का अर्थ है"दिल का सूर्य और चांद"। मानवीय स्वर्ग के नाम से मशहूर शांगरिला अनगिनित पर्यटकों को आकृष्ट करता है । इधर के वर्षों में शांगरिला पर्यटन अर्थ के लगातार विकास के चलते यह चीन के तिब्बती बहुल क्षेत्र में सब से समृद्ध जगह बन गया है।
हर दिन तिब्बती किसान छीलिन फेइछू अपने गांव के दूसरे साथियों के साथ पहाड़ी वनों में गश्त लगाता है । वे अग्नि विरोध, शिकार खेलने की अवैध गतिविधि का विरोध करने और सफेद कचरे को इक्ट्ठा करने आदि पर्यावरण संरक्षण कार्य का जिम्मा उठाते हैं । वे अपने बच्चे की तरह पीढ़ी दर पीढ़ी पहाड़ों व वनों का संरक्षण करते हैं, गश्त लगाने के वक्त उन के द्वारा गाए गए तिब्बती लोक गीत पहाड़ों में गूंजते हैं । तिब्बती किसान छीलिन फेइछू ने कहा:
"हम कचरे को इक्ट्ठा करते हैं, गांव वासी पहाड़ की रक्षा करते हैं । लकड़ी काटने वाले व्यक्ति पर रोक लगाते हैं, अवैध शिकार खेलने की अवैध गतिविधि का विरोध करते हैं और पर्यावरण संरक्षण करते हैं।"
तिब्बती किसान छीलिन फेइछू शांगरिला कांउटी स्थित फुदात्सो राष्ट्र पार्क के लोरोंग गांव में रहता है,जहां नदियां, झीलें, घास मैदान, दलदल भूमि, दुर्लभ जानवर और वनस्पति हैं । फुदात्सो राष्ट्र पार्क में सब से सुन्दर स्थल"शुदु"झील और"पिथाहाई"झील हैं, इन दो पठारीय झीलों की देखरेख मेहनती तिब्बती जनता करती है ।"पिथा हाई"झील के केंद्र में एक द्वीप है, इस पर तिब्बती बौद्ध धर्म का एक मठ है । स्थानीय तिब्बती लोग अक्सर पूजा करने के लिए यहां आते हैं । पार्क के अंदर समुद्र की सतह से 4159 मीटर की ऊंचाई पर मिलीथांग घास मैदान तिब्बती चरवाहे पशु पालन का स्थल है जहां याक आनंद के साथ घास चरते हैं । पहाड़ का पानी ऊपर से नीचे बहता है और उस की कलकल की आवाज़ जंगल में गूंजती है । फुदात्सो पार्क में आने वाले व्यक्ति फेफड़े भर कर साफ प्राकृतिक आक्सीजन में सांस ले सकते हैं, जगल में चिड़ियों के गाने की आवाज़ें सुन सकते हैं, झीलों में मछलियों को मुक्त रुप से तैरते हुए और दूर बर्फीले पहाड़ों को देख सकते हैं, नीले आसमान में सफेद बादल हैं, लगता है हाथ उठाकर उन्हें पकड़ा जा सकता है । मानो पर्यटक सब से सुन्दर चित्र में आ गए हों ।
ब्रिटेन की राजधानी लंदन से आए पर्यटक आदी ने कहा कि उन्होंने बहुत सी जगहों का दौरा किया है । लेकिन शांगरिला का दृश्य इतना सुन्दर है कि वे इस के प्रशंसक हो गये हैं। श्री आदी ने कहा:
"सुन्दर चीन में आने पर मुझे बहुत गर्व है । शांगरिला में रहने पर मुझे बहुत खुशी हुई है। यहां मैं ने सुन्दर व मनोहर दृश्य देखे और मैं आनंद उठा रहा हूँ । यहां की तिब्बती जाति और सुन्दर प्राकृतिक दृश्य मुझे बहुत पसंद हैं ।"
लेकिन, वर्ष 1998 के पूर्व शांगरिला वासियों ने पर्यावरण संरक्षण पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया । बड़ी मात्रा में जंगली वनों को काटा गया, घास मैदान नष्ट किए गए, जिस से भूस्खलन आदि प्राकृतिक विपदा भी की स्थिति भी पैदा हो गई । यहां तक कि वर्ष 1996 में गंभीर बाढ़ आई थी । प्राकृतिक विपदा और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए चीन सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं, जिन में पेड़ों के काटने पर रोक लगाना, खेती के स्थान पर वन लगाना, वन रोपण करना और चक्रिय ऊर्जा का विकास करना आदि शामिल हैं। दस वर्ष से अधिक समय के प्रयास के बाद शांगरिला के प्राकृतिक संसाधनों का कारगर रूप से संरक्षण व विकास किया गया है।
शांगरिला के पुदात्सो राष्ट्र पार्क के उप निदेशक श्री तिंग वनतुंग ने जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय सरकार ने पार्क के प्रबंधन, पर्यावरण व पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए अनेक कदम उठाए हैं । पार्क बनाते समय "शुदु"झील और "पिथाहाई"झील के आसपास अवैध रूप से निर्मित रिहायशी मकानों को नष्ट किया गया, जिस से झील के तटीय क्षेत्रों में प्रदुषित वस्तुओं की निकासी हुई है। पार्क ने विशेष तौर पर 20 से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण बसें खरीदी हैं , जिन का प्रयोग पार्क का दौरा करने के लिए किया जाता है , इस से पार्क में निजी कारों के प्रवेश को कम किया गया है, ऊर्जा की किफायत हुई है और कारों से पैदा प्रदूषण भी कम हुआ है। पार्क के अंदर पहाड़ी मार्गों के दोनों किनारों पर उच्च गुणवत्ता वाली घास लगायी गई है, जिस का मकसद भूस्खलन को रोकना है । इस के साथ ही स्थानीय सरकार ने पार्क में सौर ऊर्जा और भूमिगत गर्म ऊर्जा के प्रयोग वाले पर्यावरण संरक्षण कैंटिंग और प्रगतिशील तकनीक वाले पर्यावरण संरक्षण शौचालयों का निर्माण किया है । श्री तिंग वन तुंग ने कहा:
"हम संरक्षण वाली विचारधारा का पालन करते हैं । पर्यावरण संरक्षण वाली बसें, झीलों के पास पर्यावरण संरक्षण वाला रास्ता, पर्यावरण संरक्षण शौचालय और पर्यवरण संरक्षण कैंटिंग आदि । इन के लिए सरकार ने 23 करोड़ य्वान खर्च किए हैं, पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाई गई पूंजी हमारी कुल पूंजी का दो तिहाई भाग है ।"
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े। (श्याओ थांग)