संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 16 तारीख को सर्वसहमति के साथ नम्बर 1851 प्रस्ताव पारित कर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सक्रिय रूप से सोमाली के समुद्रतट के निकट जल क्षेत्र में समुद्री डाकुओं तथा समुद्र में जहाज अपहरण कार्यवाही पर प्रहार करने में भाग लेने की अपील की। प्रस्ताव ने विभिन्न देशों को सोमाली की अंतरिम सरकार की अनुमति पर थल, नौ व वायु सेना समेत तमाम ढंग की बल शक्ति से समुद्री डकैती और सशस्त्र जहाज अपहरण कार्यवाहियों का दमन करने का अधिकार प्रदान किया ।
सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक, सोमाली के समुद्रतट के निकटस्थ समुद्री जल क्षेत्रों में डकैती कार्यवाही पर प्रहार करने के राजी देशों और क्षेत्रीय संगठनों को समुद्री डाकुओं को जेलबंद करने के राजी देशों के साथ विशेष समझौता या प्रबंध संपन्न करने की अनुमति दी गयी और उन देशों के न्यायिक व्यक्तियों को जहाज पर जांच के लिए चढ़ने की भी इजाजत दी गयी है, ताकि समुद्री डाकुओं की सशस्त्र अपरहण कार्यवाही रोकी जा सके और उन पर मुकदमा चलाया जा सके। विश्लेषकों का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की भागीदारी से कुछ हद तक समुद्री डाकुओं को डराया जा सकेगा, लेकिन यदि सोमाली का गृहयुद्ध और अराजकता खत्म नहीं हुआ, तो समुद्री डाकुओं का सफाया करने का लक्ष्य मूलतः नहीं पा सकेगा ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का यह प्रस्ताव इस साल के जून से लेकर पारित सोमाली समुद्री डाकुओं पर प्रहार के बारे में चौथा प्रस्ताव है। सुरक्षा परिषद ने जून में प्रथम प्रस्ताव पारित कर सोमाली सरकार की सहमति पर विदेशी सेना को सोमाली समुद्र में प्रवेश कर समुद्री डाकु पर प्रहार करने का अधिकार सौंपा गया है। अक्तूबर के शुरू में पारित दूसरे प्रस्ताव ने समुद्री सुरक्षा के सभी हितैषी देशों से सक्रिय रूप से सोमाली समुद्र में डाकुओं का दमन करने में भाग लेने की अपील की । दिसम्बर के शुरू में पारित तीसरे प्रस्ताव ने निर्णय लिया कि समुद्री डाकुओं पर प्रहार करने की अधिकार अवधि 12 महीने लम्बी बनायी जाएगी और विभिन्न देशों से समुद्री डकैती का दमन करने वाला अन्तरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग करने की अपील की गयी और विभिन्न देशों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों से सोमाली और उस के पड़ोसी देशों को समुद्री डाकु को कुचलने की शक्ति बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान करने का आग्रह भी किया गया ।
फिलहाल, अमरीका, रूस, डैन्मार्क, इटाली और किनिया आदि देशों ने निकटभविष्य में सोमाली समुद्री क्षेत्र में गश्त लगाने के लिए जंगी जहाज भेजने को कहा है। यूरोपीय संघ ने भी 6 जंगी जहाज और 3 पूर्व चेतावनी वाले विमान भेजे हैं। वे विशेष बेड़ा बना कर सोमाली के निकट 10 लाख वर्गकिलोमीटर वाले जल क्षेत्र में गश्त लगाएंगे और वहां से पारगमन जहाजों की रक्षा करेंगे । चीनी उप विदेश मंत्री ह याफी ने सुरक्षा परिषद के सम्मेलन में कहा कि चीन अदेन खाड़ी और सोमाली समुद्री जल क्षेत्र में गुजरने वाले जहाजों की रक्षा करने के लिए जंगी जहाज भेजने का सक्रिय विचार कर रहा है। उन्हों ने कहा कि सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य के नाते चीन के लिए समुद्री डाकु का दमन करने में युद्ध पोत भेजना लाजिमी है। चीन संबंधित देशों द्वारा अन्तरराष्ट्रीय कानून व सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक सोमाली समुद्री डाकु पर प्रहार करने में युद्ध पोत भेजने का समर्थन करता है और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का स्वागत करता है।
संबंधित विशेषज्ञों का कहना है कि सोमाली समुद्री डाकु के सवाल को केवल अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बल प्रयोग से जड़वत् नहीं हल किया जा सकता। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान कीमून ने 16 तारीख को सुरक्षा परिषद में कहा कि समुद्री डकैती सवाल सोमाली में वर्षों के गृहयुद्ध तथा वहां की अराजकता के कारण से पैदा हुआ है। सोमाली के विभिन्न पक्षों को मतभेद को छोड़ कर एक साथ देश की शांति प्रक्रिया बढ़ाना चाहिए।
सोमाली में 1991 से गृहयुद्ध छिड़ा और देश में अनेक सशस्त्र संगठन उभरे, जिससे कानून व्यवस्था भंग हो गयी और समुद्री डाकुओं का बोलबाला हो गया। डकैती और फिरौती से समुद्री डाकु रातोंरात करोड़पति बन गए, जिस से प्रेरित हो कर और बहुत से लोग डाकु बन गए, और तो और सोमाली के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के बीच अंतहीन झगड़ा होने के कारण समुद्री डाकुओं के लिए डाका डालने की गुंजाइश प्रदान की गयी तथा समुद्री डकैती समस्या और गंभीर हो गयी । वास्तव में केवल सोमाली में राजनीति-प्रक्रिया अच्छी हो गयी , मानवतावाद की स्थिति सुधर गयी और वहां अमन शांति कायम हुआ और लोगों का जीवन अच्छा रहा हो, तभी समुद्री डाकु के पैदा होने की जड़ कट जाएगी और समुद्री डकैती की समस्या हल हो सकेगी ।