श्री फ़ेन य्वान चेन इस साल 46 वर्ष के हो गए हैं। वर्ष 1985 में 23 वर्षीय फ़ेन य्वान चेन पेइचिंग जन कला थिएटर में दाखिल हुए, वर्ष 1989 में निमंत्रण पर वे जर्मनी में पश्चिम बर्लिन के उच्च कला कॉलेज के नाटक विभाग में नाटक अभिनय सीखने गए। वर्ष 1991 में वे चीन वापस आए। अब श्री फ़ेन पेइचिंग जन कला थिएटर में एक अभिनेता हैं। अभी तक उन के द्वारा अभिनीत फ़िल्म या टी.वी. नाटकों की संख्या दस से ज्यादा हो गयी है। दर्शकों की आमराय है कि वे एक श्रेष्ठ अभिनेता हैं। और बहुत लिखी-पढ़ी महिलाएं तो उन के पीछे दीवानी हैं,विशेष तौर पर वे उन के द्वारा अभिनीत नाटकों को देख कर। टी.वी. पर श्री फ़ेन व अन्य दो चीनी मशहूर पात्र श्री फू छुङ शी व श्री छेन ताओ मिंग के साथ बुद्धिमान पुरुष के प्रतिनिधि माने जाते हैं।
वर्ष 2002 में श्री फ़ेन य्वान चेन ने《अजनबियों से बातें मत करो》नामक एक टी.वी. नाटक में अभिनय किया। यह टी.वी. नाटक चीन में घरेलू हिंसा को प्रतिबिंबित करने वाला सब से पहला टी.वी.नाटक है। लेकिन इस टी.वी. नाटक ने श्री फ़ेन को तकलीफ़ पहुंचाई।
इस नाटक में श्री फ़ेन ने आन च्या ह नामक एक शल्य डॉक्टर का अभिनय किया। क्योंकि उस की नयी दुल्हन ने उसे यह नहीं बताया था कि शादी से पहले उस के साथ बलात्कार हुआ था। इसलिये वह अपनी दुल्हन पर शक करने लगा, और धीरे-धीरे उस के साथ पागलों के समान मारपीट करने लगा, यहां तक कि उसने हत्या करने की कोशिश भी की। श्री फ़ेन य्वान चेन का अभिनय इतना यथार्थ था कि बहुत से दर्शक श्री फ़ेन व टी.वी. नाटक में उन के द्वारा अभिनीत भूमिका को देखकर भ्रम में पड़ गये। एक बार जब फ़न य्वान चेन एक रेस्तरां में खाना खा रहे थे, तो उस समय एक बूढ़ी अचानक उन के सामने आकर उन के सिर पर मारने लगी। साथ ही उस बूढ़ी ने गंभीरता से यह भी कहा कि बाद में अपनी दुल्हन के साथ मारपीट मत करना। ऐसी गल्तफहमी से श्री फ़ेन अक्सर गतिरोध में फंस जाते हैं।
निर्देशक के परिचय के अनुसार《अजनबियों से बातें मत करो》नामक इस टी.वी. नाटक के अभिनेता पहले श्री फ़ेन य्वान चेन नहीं थे। लेकिन चयनित अभिनेता को इस भूमिका से अपनी छवि बर्बाद होने की चिंता हुई। अंत में केवल फ़ेन य्वान चेन ने साहस के साथ इस भूमिका को स्वीकार किया। यह नाटक टी.वी. पर प्रसारित किए जाने के बाद चर्चा का बिंदु बन गया। बुद्धिजीवी का घरेलू हिंसा का मामला, जो हमेशा नज़रअंदाज किया जाता है, अचानक लोगों की ध्यानाकर्षक बात बन गया। साथ ही श्री फ़ेन य्वान चेन पर भयंकर पति का कुख्यात आरोप भी चस्पां कर दिया गया। श्री फ़ेन के विचार में एक पात्र के रूप में कुछ समय आप को अपनी प्रतिष्ठा पर इतना ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि, मैं ने क्यों इस नाटक में काम किया , क्योंकि इस भूमिका ने मुझे प्रभावित किया। अगर मुझे यह भूमिका पसंद न होती , तो मैं इस नाटक में काम नहीं करता। एक पात्र के रूप में आप को सिर्फ़ अपनी कमाई पर ध्यान नहीं देना चाहिए, अपने द्वारा प्रस्तुत भूमिका का मूल्य भी देखना चाहिए। क्या दर्शक इस नाटक से कुछ सीख सकते हैं?(चंद्रिमा)