2008-12-16 17:56:00

चीन के विश्व अर्थतंत्र को समर्थन देने का सबसे अच्छा तरीका स्वंय के अर्थतंत्र को स्थिर रखकर उसमें वृद्धि लाना हैः विश्व बैंक के महा प्रबंधक

15 तारीख की रात को चीन की यात्रा कर रहे विश्व बैंक के महा प्रबंधक जोलिक ने पेइचिंग में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालांकि विश्व वित्तीय संकट के कुप्रभाव के कारण चीन में इन दिनों अर्थतंत्र की वृद्धि में धीमी स्थिति उत्पन्न होने लगी है, लेकिन चीन का अर्थतंत्र अब भी पूरे विश्व की स्थिरता में कुंजीभूत भूमिका अदा कर रहा है । उन्होने कहा कि चीन के विश्व अर्थतंत्र को समर्थन देने का सबसे अच्छा तरीका चीन के स्वंय के अर्थतंत्र को स्थिर रखकर उसमें निरंतर वृद्धि कायम रखना है।

श्री जोलिक ने 14 तारीख से चीन की यात्रा शुरू की । कुछ समय पहले विश्व बैंक द्वारा जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में चीन के 2009 की जी डी पी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत की भविष्यवाणी की, श्री जोलिक ने कहा कि चीन में वैदेशिक व्यापार में गिरावट आने की स्थिति में अर्थतंत्र में तेज वृद्धि बनाए रखना इतना आसान काम नहीं है। उन्होने चीन सरकार द्वारा घरेलु अर्थतंत्र को प्रेरित करने के लिए उठाए कारगर प्रयासों की सराहना की। उनका मानना है कि चीन वर्तमान अपने अर्थतंत्र की वृद्धि को कायम रखने की पूरी कोशिश करेगा तो नीचे गिरने वाले अन्तरराष्ट्रीय अर्थतंत्र के लिए वह एक सब से अच्छा समर्थन होगा। उन्होने कहा वर्तमान की परिस्थिति में चीन के विश्व अर्थतंत्र को समर्थन देने का सबसे अच्छा तरीका चीन के स्वंय के अर्थतंत्र को स्थिर बनाए रखने के साथ उसमें वृद्धि लाने की कोशिश करना है।

इधर के दिनों में चीन के खाद्यपदार्थों व भारी तिजारती मालों के दामों में गिरावट आने की हालात पर श्री जोलिक ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये नीची आमदनी व गरीब जन समूह के लिए एक संतोषजनक संदेश है, इस के साथ मुद्रा स्फिति की जोखिमता को भी कम किया गया है। उन्होने कहा कि यह चीन के घरेलु अर्थतंत्र के विकास के भविष्य सुधार के लिए मददगार होगा।

श्री जोलिक ने जानकारी देते हुए कहा कि कुछ समय पहले उन्होने पेइचिंग में अलग अलग तौर से चीन के उप प्रधान मंत्री ली खे छ्यांग और वांग छी सान तथा वित्त, विदेश व वाणिज्य मंत्रियों के साथ भेट वार्ता की और विश्व वित्तीय संकट तथा इस से चीन पर पड़े कुप्रभाव पर विचार विमर्श किया। श्री जोलिक ने कहा चीन के संबंधित विभागों के साथ विचार विमर्श में मैने चीन के इस पहलु में अपनायी गयी कार्यवाहियों की जानकारी हासिल की। इन में चिरस्थायी कर कटौती, उपभोक्ताओं विशेषकर ग्रामीण उपभोक्ताओं को सब्सीडी प्रदान करना तथा सामाजिक प्रतिभूति क्षेत्र में शक्तिशाली समर्थन देना आदि विषय शामिल हैं।

श्री जोलिक ने कहा कि 2009 विश्व अर्थतंत्र के लिए एक कठिन समय होगा, इनमें अनेक असुनिश्चित कारक मौजूद हैं। अर्थतंत्र की ह्रास के प्रभाव को कम करने के लिए विश्व बैंक चीन सरकार के विभागों के साथ पर्यवारण संरक्षण व उद्योगों के पूंजी निवेश आदि पहलुओं में सहयोग को सुदृढ़ करेगा।

जानकारी के अनुसार 14 तारीख को श्री जोलिक ने चीन के सीछवान प्रांत के भूंकपग्रस्त क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया। उन्होने भूंकपग्रस्त क्षेत्रों के कारगर राहत कार्य पर चीन की प्रशंसा की। श्री जोलिक ने कहा कि चीन के भूंकपग्रस्त क्षेत्रों के पुनर्निर्माण को मदद देने के लिए विश्व बैंक ऋण परियोजना की तैयारी कर रहा है, अनुमान है कि अगले महीने विश्व बैंक के कार्यकारी बोर्ड सभा की अनुमति के लिए इसे प्रस्तुत कर दिया जाएगा। उन्होने कहा सीछवान में भूंकप उत्पन्न होने के बाद विश्व बैंक दल ने शीघ्र प्रतिक्रिया की और चीन को अन्तरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान किये । चीन सरकार के साथ सहयोग के आधार पर हमने करीब 71 करोड़ अमरीकी डालर की आपात ऋण परियोजना तैयार की।

श्री जोलिक की जानकारी के अनुसार, इस ऋण परियोजना का पैमाना व्यापक है, इन में सड़क, चिकित्सा, स्कूल व पर्यावरण स्वास्थ्य आदि मुददे शामिल हैं। विश्व बैंक के अधीन अनेक अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय कम्पनियां भी भूंकप से प्रभावित लघु व मझौले उद्योगों को ऋण सहायता की शक्ति को प्रगाढ़ करेगी।