युवा गायिका लेइ चा ने चीन की 56 जातियों के गीत नामक एक नई एल्बम जारी की। इस एल्बम में चीन की 56 जातियों के 56 प्रसिद्ध लोकगीत शामिल हैं, जिनसे चीन की 56 जातियों की भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक विशेषताएं इस एक एल्बम में एकसाथ अभिव्यक्त हुई हैं। इस एल्बम में चीन की 56 जातियों के 56 प्रसिद्ध लोकगीत शामिल हैं और इस एल्बम की तैयारी का काम पूरा करने के लिए 3 साल का समय लगा है। एल्बम के गीत चीन के लोकगीतों में से चुने गए हैं और हर गीत चीन की विभिन्न जाति की विशेषता का प्रतिनिधि है।
दोस्तो, अब कृप्या सुनिए चीन की 56 जातियों के गीत नामक एल्बम में से तिब्बत जाति का एक गीत, जिसका शीर्षक है—कसानला। दोस्तो, तिब्बत जाति के लोग पश्चिमी चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश व छिंगहाई, कानसू आदि प्रांतों में रहते हैं। तिब्बत जाति के लोगों को नृत्य करना व गीत गाना बहुत पसंद है। वे व्यापक तिब्बत पठार में रहते हैं, जिससे उन लोगों का व्यक्तित्व और दिल भी पठार जैसा व्यापक,विशाल और जोशीला बन गया है। इस लिए तिब्बत जाति के लोकगीतों में उन के व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति हुई है।
कसानला शीर्षक इस गीत की लय मधुर है, जिसमें परिवारजनों व दोस्तों के साथ बिताए गए खुशनुमा समय की प्रशंसा की गई है।
गीत के बोल हैं:
यह खुशनुमा समय हम लोगों के एक साथ बिताने के कारण बहुत सुंदर है
हमें यहां खुशी की यह भावना महसूस होती है
हम इस सुंदर समय पर शुभकामनाएं देते हैं
और हर आदमी के स्वास्थ्य व खुशी के लिए शुभकामनाएं देते हैं
दोस्तो, गायिका लेइ चा का जन्म दक्षिण चीन के हून्नान प्रांत के यीयांग शहर में हुआ है। बचपन से ही उन्हें चीन के परंपरागत नाटक व ऑपेरा पसंद हैं और हून्नान के नाटकों में भी उन्होंने काम किया है । 1997 में उन्होंने लोकगीत सीखने के लिए चीन के संगीत विद्यालय में प्रवेश किया। 2002 में वह चीनी जन मुक्ति सेना के राजनीतिक विभाग के नृत्य-संगीत दल में प्रवेश करके एक गायिका बन गईं। उन की आवाज मधुर है और गीत की शैली साफ है। उन्होंने चीन की अनेक संगीत प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए। चीनी लोगों को उन के गीत बहुत पसंद हैं।
गीत 3 लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो
दोस्तो, अब कृपया सुनिए चीन की 56 जातियों के गीत नामक एल्बम में कल्कोजी जाति का एक लोकगीत, जिसका शीर्षक है-- लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो। कल्कोजी जाति मुख्य तौर पर पश्चिमी चीन के शिन च्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में रहती है। कल्कोजी जाति के लोगों को गीत गाना व नृत्य करना बहुत पसंद है। इस जाति के लोकगीत बहुत हैं और इन गीतों की विशेषता अल्प शब्द, साफ अभिव्यक्ति, आसान लय व भावमय शैली है। कल्कोजी जाति के लोकगीतों में प्यार के गीतों की संख्या भी बहुत है। कल्कोजी जाति के लोगों को कविता लेखन भी पसंद है और वे अक्सर प्यार की सुंदर कविताओं का गीतों में उपयोग करते हैं।
लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो, शीर्षक गीत कल्कोजी जाति का एक प्रेम गीत है। गीत में लड़के के द्वारा सुंदर लड़की को पसंद करने की भावना अभिव्यक्त हुई है।
गीत के बोल हैं:
तुम्हारी सुंदर भृकुटियां बैंत की तरह पतली, लचकदार डाली वाले पेड़ के पत्तों जैसी हैं
तुम्हारा सुंदर चेहरा आकाश में चमकते चंद्रमा जैसा है
दिन व रात मैं तुम्हें याद करता हूं
मैं तुम्हें पूछना चाहता हूं
क्या तुम मुझे पसंद करती हो
तुम्हारी आंखें दीप की रोशनी जैसी हैं
और तुम्हारी आवाज मिठाई जैसी मीठी है
मैं तुम्हें प्यार करता हूं
लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो
दोस्तो, हचअ जाति उत्तर-पश्चिमी चीन की एक पुरानी अल्प संख्यक जाति है और उत्तर चीन में इस तरह की एकमात्र जाति है जिस का जीवन यापन मछली पर निर्भर करता है। हचअ जाति की जनसंख्या कम है लेकिन उन्हें गीत गाना व नृत्य करना पसंद है। हचअ जाति का हर आदमी लोकगीत गाने में माहिर है । लोकगीतों में अनेक लोकगीत मछली मारने के बारे में हैं।
गीत 4 मेरी जन्मभूमि बहुत सुंदर है
दोस्तो, कृप्या सुनिए हचअ जाति का एक लोकगीत, जिस का शीर्षक है-- मेरी जन्मभूमि बहुत सुंदर है। इस गीत की लय मधुर है और गीत में हचअ जाति के लोगों के जीवन के बारे में प्रेम की अभिव्यक्ति हुई है। गायिका लेइ चा की मधुर आवाज में हचअ जाति की सुंदर जन्मभूमि देखी जा सकती है।