इस वर्ष की फरवरी में यहां उत्तर पूर्वी चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत के छीथाईहो ने शहरी जन अस्पताल के वक्ष-शल्यचिकित्सा विभाग के उप प्रधान सी छुंगमिन, चेतनाहर डॉक्टर वेइ श्याओवन और ऑपरेशन नर्स छ्यू लीह्वेई से गठित चिकित्सा दल भेजा । वे रनबू कांउटी में आधे साल तक तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे ।
तिब्बत की रनबू कांउटी के जन अस्पताल आने के बाद अपने कार्य की याद करते हुए चिकित्सा दल के सदस्य चेतनाहर डॉक्टर वेई श्याओवन ने कहा:
"लम्बे समय में पठार में रहने वाले पठारीय लोगों की शारीरिक गुणवत्ता हम भीतरी इलाके के व्यक्तियों से अलग है । दवा की उन पर क्या प्रतिक्रिया होगी?कोई नई स्थिति तो पैदा नहीं हो जाएगी? इस तरह हम बहुत तनाव में थे और बहुत संभल कर रोगियों के साथ व्यवहार कर रहे थे ।"
प्राकृतिक स्थिति बहुत गंभीर होने के कारण तिब्बत के अनेक क्षेत्रों में लम्बे समय तक डॉक्टरों व दवाओं के अभाव का सामना करना पड़ा। चिकित्सा दल के आने से रनबू कांउटी स्तरीय जन अस्पताल की बुरी स्थिति किसी हद तक शिथिल हुई । लेकिन लगातार कार्य करने से चिकित्सा दल के सदस्य बहुत थक गए । एक बार, डॉक्टर सी छुंगमिन ने लगातार कई ऑपरेशन किए, बहुत थकावट और पठारीय जीवन की आदत न होने के कारण वह ऑपरेशन कक्ष में बेहोश हो गए । इस की याद करते हुए डाक्टर सी छुंगमिन ने कहा:
"उस समय मेरी स्थिति बहुत बुरी थी । सिर में दर्द था, सांस लेना मुश्किल था । लगता था कि हृद्य वक्ष से बाहर आ रहा है । मैं गिर गया था और एकदम बेहोश हो गया था ।"
तिब्बत की सहायता करने आए चिकित्सा दल के डाक्टरों की अच्छी गुणवत्ता वाली सेवा और श्रेष्ठ चिकित्सा तकनीक को तिब्बती बंधुओं का विश्वास मिला । पहले बीमार होने के वक्त अस्पताल के बजाए मठों में जाने वाले तिब्बती बंधु क्रमशः जन अस्पताल में इलाज कराने आने लगे। तिब्बती महिला मेईतो राजधानी ल्हासा के एक मठ में भिक्षुणी है । अनेक वर्ष से उसे पत्थरी की शिकायत है । वह विशेष तौर पर ल्हासा से पांच घंटे चल कर रनबू कांउटी आई और डॉक्टर सी छुंगमिन से ऑपरेशन करने की मांग की । इस की चर्चा करते हुए डॉक्टर सी छुंगमिन ने कहा:
"अस्पताल में रहने के दौरान अन्य दो भिक्षुणियां उसे देखने आईं। उन्होंने कहा कि उन के पेट में भी दर्द है। जांच से पता चला कि वे दोनों अलग-अलग तौर पर पित्त रोग और आंत्रपुच्छकोप से ग्रस्त हैं । अंत में हम ने उन दोनों का ऑपरेशन किया ।"
तिब्बत की सहायता करने के दौरान इस चिकित्सा दल ने कुल 38 ऑपरेशन किए । चिकित्सा दल के सदस्यों को स्थानीय लोगों की भूरी-भूरी प्रशंसा मिली । रनबू कांउटी के शीर्ष नेता श्री दावा त्सेरन ने कहा:
"चिकित्सा दल के डॉक्टरों की तकनीक बहुत श्रेष्ठ है और वे बहुत अच्छे हैं । उन के प्रभाव से हमारे यहां के नागरिकों का विचार भी बदला है । अगर बीमार हों, तो शीघ्र ही इलाज अस्पताल जाना चाहिए । मैं स्थानीय नेता के रूप में उन्हें धन्यवाद देता हूँ ।"
रनबू कांउटी चीन के दक्षिण पश्चिमी भाग में स्थित है, जबकि छी थाईहो शहर उत्तर पूर्वी चीन में स्थित है । तिब्बत की सहायता करने वाले चिकित्सा दल ने इन दो स्थलों को एक साथ जोड़ा, जिस से चीनी हान जाति और तिब्बती जाति के बीच प्यार और गहरा हो गया । बर्फीले पठार में खिले बर्फीले कमल के फूल की तरह वह हान जाति और तिब्बती जाति की मैत्री का प्रतीक है । (श्याओ थांग)