2008-12-15 14:48:58

क्वो य्वन एवं उन का पर्यावरण संरक्षण कार्य

15 वर्ष पहले, क्वो य्वन ने व्यापार करना शुरु किया और विजय पाने के साथ-साथ उन्हें विफलता भी मिली है। 15 वर्ष बाद उन्होंने पर्यावरण संरक्षण कार्य शुरु किया और कई लाख चीनी य्वान की निजी पूंजी लगाकर पर्यावरण संरक्षण कार्य में भाग लिया। उन्होंने पश्चिमी चीन के शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश में प्रथम गैरसरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन---शिनच्यांग रेतीली हरित पर्यावरण संरक्षण संगठन की स्थापना की।

47 वर्षीय क्वो य्वन तेल, खाद्य पदार्थ व मशीनरी आदि अनेक क्षेत्रों में व्यापार करते थे। जब वे व्यापार करते थे, तो कुछ समय उन के पास केवल कुछ य्वान होते थे, कभी उन्होंने एक ही वर्ष में बीसियों य्वान कमाये। वर्ष 2005 के अगस्त में हुई एक घटना से क्वो य्वन के जीवन बदल गया।

वर्ष 2008 के अगस्त माह में क्वो व्युन ने भीतरी इलाके में परीक्षण दौरा किया और वे एक मित्र के घर गए । उन्हें पता लगा कि मित्र ने हाथ या सब्जी धोने वाले पानी को इकट्ठा करके इस का फिर इस्तेमाल किया है ।क्वो व्युन को बहुत आश्चर्य हुआ चूंकि वहां पानी महंगा नहीं है, और उन के मित्र की आर्थिक स्थिति भी बेहतर है, इस तरह किफायत करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन मित्र ने उन्हें बताया कि इस तरह करने का मकसद पैसे की किफायत करना नहीं है, कारण यह है कि पृथ्वी पर पानी का अभाव है।

पृथ्वी पर पानी का अभाव होने से तुम्हारा क्या संबंध है। क्वो य्वन ने पूछा। उस वक्त मित्र ने गंभीरता से उन्हें बताया,क्या शिनच्यांग वासी भी ऐसे ही सोचते हैं जैसे कि तुम । क्वो य्वन को बहुत शर्म महसूस हुई।

शिनच्यांग वापस लौटने के बाद क्वो य्वन ने मित्र की तरह ही मुंह या सब्जी धोने के पानी का पुनः इस्तेमाल करना शुरु किया। उस महीने उन के घर केवल दो टन पानी का इस्तेमाल किया गया, जो पहले की तुलना में पांच टन कम था। इस के बाद, हर बार मित्रों के बीच मिलन समारोह होता, क्वो य्वन अकसर लोगों को इसी तरह पानी की किफायत के तरीके बताता। ज्यादा से ज्यादा लोगों ने पानी की किफायत करना शुरु किया । इस के बाद श्री क्वो व्यन ने पानी की किफायत करने के विचार का हर एक परिवार में प्रसार करना चाहा। उसी वक्त, उन्होंने टी वी पर सुश्री ईंग य्वू जडं की कहानी देखी, जिस से उन्हें पर्यावरण संरक्षण कार्य में भाग लेने को प्रेरित किया।

19 साल की उम्र में सुश्री ईंग य्वू जडं के भीतरी मंगोलिया में आने के बाद, उन्होंने दसियों किलोमीटर दूर जगहों से पानी लाकर पेड़ या घास उगायी। 20 वर्षों में उन्होंने 4000 हेक्टर रेतीली भूमि को हरा बना दिया । मैंने आंसू बहाते हुए यह फिल्म देखी थी। उस वक्त मैं बहुत प्रभावित हुआ था। दुनिया का दूसरा हिलने वाला रेगिस्तान शिनच्यांग का टाक्लामागेन रेगिस्तान है, जो रेतीले तूफान का स्रोत है। रेतीला तूफान साल दर साल गंभीर होता रहता है। हम वैज्ञानिक तरीकों से रेगिस्तान का निपटारा कर सकते हैं। उस वक्त मैंने निर्णय लिया कि मुझे रेगिस्तान का निपटारा करना है।

एक विचार धीरे-धीरे मेरे मन में तीव्र होता रहता है, यानी एक तरीके से समान विचार वाले लोगों को इकट्ठा करके पर्यावरण संरक्षण का प्रसार करना। श्री क्वो य्वन ने पता लगा कि उस वक्त शिनच्यांग में एक भी गैरसरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन नहीं था, सीखने की संभावना भी नहीं थी।श्री क्वो य्वन को मालूम हुआ कि पेइचिंग में कुछ गैरसरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन हैं, जो सार्वजनिक पर्यावरण के प्रसार व शिक्षा में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं। इसलिए, उन्होंने भीतरी इलाकों में सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया।

वर्ष 2006 की शुरुआत में पेइचिंग में निरीक्षण दौरा करने के बाद क्वो व्यन ने एक गैरसरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन की स्थापना करने के लिए आवेदन दिया। अंततः शिनच्यांग में देश के नागरिक विभाग द्वारा पुष्टि की जाने के बाद गैरसरकारी लाभांश पर्यावरण संरक्षण संगठन शिनच्यांग रेगिस्तान हरित भूमि स्वयं सेवक संगठन की औपचारिक स्थापना हुई।

इस संगठन की स्थापना के बाद, क्वो व्यन ने व्यापार नहीं छोड़ा और पूर्ण रूप से पर्यावरण संरक्षण में भाग लिया। लेकिन, पर्यावरण संरक्षण संगठन में कोई आमदनी नहीं है। यह इस बात का द्योतक है कि उन के पास आय नहीं है। थोड़े समय आमदनी न होने से क्वो व्यन के जीवन पर असर नहीं पड़ा, फिर भी गतिविधियों का आयोजन करने के लिए पूंजी की ज़रूरत है। यह एक बड़ी समस्या बन गयी। क्वो व्यन ने सर्वप्रथम अपनी गाड़ी बेची , लेकिन, कई पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के बाद उन के पास पर्याप्त पैसे नहीं बचे, उन्हें विवश होकर अपना मकान बेचना पड़ा।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)