ब्रिटेन के प्रधान मंत्री श्री गोर्डन ब्राउन ने 14 तारीख को नई दिल्ली में भारत की संक्षिप्त यात्रा समाप्त कर पाकिस्तान पहुंच कर अपनी वर्तमान दक्षिण एशिया यात्रा जारी रखी । उसी दिन उन्हों ने इस्लामाबाद में पाक राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात की और कहा कि आतंकवाद मसले को हल करने के लिए संबंधित देशों के समन्वय और समान प्रयासों की जरूरत है । लोकमतों का मानना है कि श्री ब्राउन की मौजूदा दक्षिण एशिया यात्रा का मकसद मुम्बई आतंकी हमले के कारण तनाव में पड़े भारत पाक संबंधों का बीचबचाव करना है, ताकि दक्षिण एशिया की स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए और इस का अमरीका और ब्रिटेन के आतंकवाद विरोधी कार्य पर असर न पड़े ।
26 नवम्बर को मुम्बई में आतंकी हमला होने के बाद भारत में रोष और भर्त्सनी भड़क उठी । तकरीबन सभी भारतीय मीडिया ने एक स्वर में पाकिस्तान को अपनी भर्त्सना और रोष का निशाना बनाया । उन्हों ने माना कि मुम्बई में आतंकी हमला बोलने वाले आतंकवादी भारत पाक सीमा के उस पार से आए थे और भारत में हाल के कुछ सालों में हुए अनेक आतंकी हमले पाक प्रशासन के उकसावे और शह का नतीजा है। कुछ भारतीय मीडिया संस्थाओं ने राजनीतिक व सैनिक व्यक्तियों का हवाला लेते हुए सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रूख अपनाने , यहां तक सीमा पार कर आतंकी शिविरों पर धावा बोलने की सैनिक कार्यवाही करने की मांग की । एक समय में भारत पाक संबंध अत्यन्त तनावपूर्ण हो गया और दोनों देशों के बीच किसी प्रकार की मुठभेड़ छिड़ने की आशंका उत्पन्न हुई । इस के अलाला अगले साल के मार्च में भारत में आम चुनाव होने के दिन भी नजदीक आ रहे हैं, भारतीय विरोधी पार्टियों ने लगातार मनमोहन सिंह की सरकार पर आतंकवाद विरोध में निकम्मा होने का आरोप लगाया और कहा कि सिंह की सरकार मुम्बई आतंकी हमले में हुई भारी हताहती के प्रति कुछ जिम्मेवार है। देश में जनभावना को तसल्ली देने, आतंक विरोधी रूख प्रकट करने तथा अगले साल में आम चुनाव में राजनीतिक बढ़त्त हासिल करने के ख्याल से प्रधान मंत्री सिंह और सरकार के कुछ वरिष्ठ अफसरों ने विभिन्न मौकों पर पाकिस्तान के खिलाफ धमकी देने वाले कड़े बयान दिए । बाहरी लोकमतों का अनुमान है कि भीतरी व बाहरी शक्तियों का दाब न ला कर भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कार्यवाही करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता ।
ऐसी स्थिति में अमरीका और ब्रिटेन ने क्रमशः दक्षिण एशिया में राजनयिक कार्यवाही शुरू की। पाकिस्तान दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के बीचोंबीच स्थित है, पाकिस्तान की स्थिति सीधे मध्य एशिया व अफगानिस्तान में अमरीका की आतंक विरोधी सैनिक कार्यवाही की सफलता व विफलता से जुड़ी हुई है । कहा जा सकता है कि अमरीका की आतंक विरोधी सैनिक कार्यवाही पाकिस्तान के सहयोग पर निर्भर करती है, यदि भारत और पाकिस्तान के बीच मुठभेड़ हुई, तो इस से अफगानिस्तान में अमरीका और ब्रिटेन की आतंक विरोधी व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ हो सकेगी और इराक में उन की सैनिक स्थिति भी इस से प्रभावित हो कर अनुमानातित हालत पैदा होगी । इसलिए अमरीकी विदेश मंत्री सुश्री राइस ने इस महीने के शुरू में भारत व पाकिस्तान की यात्रा की । सुश्री राइस ने दोनों देशों के नेताओं के साथ बातचीत में कहा कि अमरीका भारत के पक्ष में खड़े हो कर भारत का आतंक विरोध में दृढ़ समर्थन करेगा, लेकिन उस ने भारत से घटने की साफ साफ जांच करने से पहले संयम रखने को भी कहा । पाकिस्तान में सुश्री राइस ने पाकिस्तान से मुम्बई आतंकी हमले की जांच पड़ताल करने में भारत का साथ देने की मांग की, ताकि भारत पाक मुठभेड़ नियंत्रण से बाहर न जाए । इस के अलावा अमरीका ने पाकिस्तान को आतंक विरोध में ज्यादा सहायता देने का भी वचन दिया। इस बार ब्रिटिश प्रधान मंत्री ब्राउन दोनों दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा पर आए । उन्हों ने सुश्री राइस का तकरीबन समान रवैया व्यक्त किया । अमरीका और ब्रिटेन के नेताओं ने एक के बाद एक दक्षिण एशिया की जो यात्रा की है, उन का समान मकसद है यानी एक तरफ भारत को संयम रखने के लिए समझाया जाए और दूसरी तरफ पाक पर भारत की मांग पर रियायत देने का दबाव डाला जाए। वर्तमान में इराक और अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सेनाओं में अमरीका और ब्रिटेन मुख्य शक्ति है, यदि दक्षिण एशिया की स्थिति अनियंत्रित हुई, तो इस का अमरीका व ब्रिटेन के आतंक विरोधी कार्य पर गंभीर असर पड़ेगा और विश्व स्थिति पर भी भारी प्रभाव पड़ेगा, इसलिए ब्रिटेन के प्रधान मंत्री श्री ब्राउन भारत पाक में मध्यस्थता करने वाले उचित शख्स होंगे।
भारतीय प्रधान मंत्री सिंह ने ब्राउन से मुलाकात में दोहराया कि भारत पाक के साथ सामान्य संबंध चाहता है, लेकिन इस के लिए पाक को सीमा पार आतंकी कार्यवाही पर काबू करना चाहिए। पाकिस्तान को अपनी भूमि पर भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को रोकने की कोशिश करनी चाहिए , वरना भारत पाक संबंध सामान्य नहीं हो सकेगा। पाक राष्ट्रपति जरदारी ने ब्राउन से मुलाकात के बाद न्यूज ब्रिफींग में कहा कि पाक मुम्बई हमले के बाद भारत का भाव समझता है और भारत के साथ संयुक्त जांच करना चाहता है । उन्हों ने कहा कि जब यह साबित हुआ है कि आतंकी हमले रचने वाले पाकिस्तान में है, तो पाक बेहिच से कार्यवाही करेगा।
श्री ब्राउन ने अपनी यात्रा में कहा कि आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या है । इस से निपटने के लिए विभिन्न देशों का समान प्रयास करना चाहिए ।