पुराने तिब्बत में भेदभाव से पीड़ित तिब्बती महिलाएं को अब रोजगार के अधिकाधिक अधिकार प्राप्त हो रहे हैं, और रोजगार का क्षेत्र भी विस्तृत हो रहा है, तिब्बती महिलाएं वर्तमान तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास की प्रमुख शक्ति बन गयी हैं।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के श्रम व सामाजिक सुरक्षा ब्यूरो की गणना के अनुसार वर्तमान तिब्बत में महिलाओं के रोजगारों की संख्या 6 लाख 90 हजार से ज्यादा तक पहुंच गयी हैं, जो सभी रोजगारों की संख्या का 46.7 प्रतिशत बनता है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के महिला संघ की अध्यक्षा सुश्री छन मू छ्युन ने कहा कि तिब्बत में महिलाओं का श्रम स्थान बदल गया है, यह तिब्बत के लोकतांत्रिक सुधार तथा रूपांतर व खुलेपन की नीति लागू किये का सुफल परिणाम है। महिलाओं को मुक्ती मिलने के साथ एक नयी जीवन शक्ति भी प्राप्त हुई है। वे बढ़ चढ़ कर सामाजिक श्रम व उत्पादन क्षेत्रों में भाग ले रहीं हैं।
परिचय के अनुसार हाल के कई वर्षों में तिब्बत में महिलाओं के रोजगार को मजबूत करने के लिये सिलसिलेवार नीति तय करने के साथ सार्थक कदम भी उठाए हैं। साथ ही व्यावसायिक तकनीकों के प्रशिक्षण व महिलाओं की रोगजार क्षमता पर भी जोर दिया गया। सांख्याकि रिपोर्ट के अनुसार हाल के पांच वर्षों में तिब्बत में 28 हजार बेरोजगार महिलाओं को प्रशिक्षण मिला है, और उनकी उत्तीर्ण दर 90 प्रतिशत जा पहुंची है। प्रशिक्षण के बाद 50 प्रतिशत महिलाओं को को नौकरी मिल सकती हैं।(चंद्रिमा)