2008-12-13 17:09:22

चीन और भारत आतंक विरोधी तकनीकों व रणकौशल की खोज में

दोस्तो , चीनी व भारतीय थल सेनाओ के आंतक विरोधी संयुक्त ट्रेनिंग का तीसरा चरण 12 दिसम्बर को भारत के बेलगाम में समाप्त होने के साथ साथ हाथ में हाथ 2008 चीनी व भारतीय थल सेनाओं का आतंक विरोधी संयुक्त संयुक्त ट्रेनिंग भी संपन्न हो गयी है । चीन व भारत दोनों पक्षों के हिस्सेदार टुकड़ियों व फौजी विशेषज्ञों को समेत दो सौ से अधिक व्यक्तियों ने सात दिवसीय संयुक्त ट्रेनिंग में पूर्ण रूप से आतंक विरोधी अनुभवों व रणकौशल का आदान प्रदान किया और मैत्री व आपसी विश्वास भी बढ़ा दिया ।

12 दिसम्बर की सुबह चीन व भारत के 16 सैनिकों व अफसरों से गठित संयुक्त द्रुत प्रतिक्रिया टुकड़ी ने प्रहार व हिमायत दोनों ग्रुपों में बंटकर हैलिकोप्टरों की आड़ में काल्पनिक आतंकवादियों का अंतिम सफाया कर दिया ।चीनी हिस्सेदार ग्रुप के नेता कर्नल छिन श्यागं यो ने परिचय देते हुए कहा कि चीन व भारत दोनों पक्षों ने भाषाओं व दूर संचार में बड़ी बाधाएं होने पर भी आंकत विरोधी संघर्ष की फलदायक खोज निकाली है । उन का कहना है  तीसरे चरण की बहुदेशीय ट्रेनिंग मौजूदा आतंक विरोधी संयुक्त ट्रेनिंग के उत्थान पर आयी है , इस दौर में मुख्यतः आतंक विरोधी बहुदेशी ट्रेनिंग के मद्देनजर , खासकर तलाश कार्यवाही के जरिये इस संयुक्त ट्रेनिंग को एक उच्च लक्ष्य पर पहुंचाया गया है , जो दोनों देशों की सेनाओं द्वारा आतंक विरोधी रणकौशल व तकनीकों का प्रयोग किये जाने के लिये विशेष महत्व रखता है ।

भारतीय स्थानीय समय के अनुसार 11 दिसम्बर की रोत को 8 बजे से शुरू तीसरे चरण की बहुदेशी ट्रेनिंग में चीनी व भारतीय सैनिकों व अफसरों ने लगातार दिन रात को आंकत विरोधी कार्यों से जुड़े कामों का बंदोबस्त किया और संघर्ष में भाग लिया , जिस से दोनों पक्षों के संयुक्त प्रशिक्षण के सुफलों का पूर्ण रूप से प्रदर्शित हो गया । चीनी जन मुक्ति सेना के डिप्टी चीफ आफ स्टाफ मा श्याओ थ्येन ने संयुक्त ट्रेनिंग देखने के बाद संवाददाता के साथ बातचीत में कहा मौजूदा बहुदेशीय संयुक्त ट्रेनिंग वर्तमान आंतक विरोधी वास्तविक युद्ध से नजदीक है । युद्ध लड़ने के गठन , तैयारी , छिपाव , टोह , लड़ाई और युद्ध मोर्चे की सफाई समेत हरेक कड़ी की डिजाइन बेहद सार्थक है और भारी महत्व का है । दोनों देशों की सेनाओं ने गहराई में अपने अनुभवों का आदान प्रदान किया है और एक दूसरे की खूबियों से सीख लिया है , जिस से एक दूसरे को और अधिक समझ लिया गया है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच मैत्री भी मजबूत हो गयी है , साथ ही प्रत्याशित परिणाम प्राप्त हो चुके हैं ।

मौजूदा आंतक विरोधी संयुक्त युद्धाभ्यास इस माह की 6 तारीख को शुरू हुआ है , चीन व भारत दोनों पक्षों ने तीन चरणों में साज सामान प्रदर्शित किया है और संबंधित तकनीकों का आदान प्रदान भी किया है , साथ ही संयुक्त बहुदेशीय ट्रेनिंग के माध्यम से प्राप्त परिणामों को पूर्ण रूप से दर्शाया है । भारतीय दक्षिण फौजी क्षेत्र के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल श्री थमबुरज ने संयुक्त ट्रेनिंग की समाप्त रस्म के बाद आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा इस संयुक्त ट्रेनिंग ने दोनों पक्षों की हिस्सेदार टुकड़ियों का व्यवसायिक स्तर दिखाया गया है , साथ दोनों देशों की हिस्सेदार टुकड़ियों का आतकवादी खतरे के मुकाबले की क्षमता पर आपसी विश्वास बढ़ गया है । दोनों देश आकंतवाद पर रोक लगाने में लगे हुए हैं , मौजूदा संयुक्त ट्रेनिंग से यह जाहिर हो गया है कि दोनों देश फौजी क्षेत्र में समान रूप से आतंकवाद पर रोक लगाने को संकल्पबद्ध हैं ।

मौजूदा संयुक्त ट्रेनिंग ऐसी स्थिति में आयोजित हुई है , जबकि चीन व भारत के संबंध के विकास में उम्दा स्थिति नजर आयी है , यह चीनी व भारतीय सेनाओं के बीच व्यवहारिक आदान प्रदान व सहयोग की ठोस अभिव्यक्ति भी है । चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता हू श्वे फिंग ने संवाददाता के साथ बातचीत में कहा संयुक्त ट्रेनिंग के दौरान दोनों देशों की हिस्सेदार टुकड़ियों ने एक दूसरे से सीख लिया है और कंधे से कंधा मिलाकर आतंक विरोधी रणकौशल व क्षमता को उन्नत किया है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्वास व समझ को बढावा दिया है ।