2008-12-12 10:34:41

दक्षिणपश्चिमी इलाकों में जातियों के एकीकरण

चीन के उन दक्षिणपश्चिमी इलाकों में, जहां म्याओ, याओ और ई आदि अल्पसंख्यक जातियां रहती थीं, छिङ सरकार ने अपने पूर्ववर्ती मिङ राजवंश से चली आई नीति अपनाई और इन जातियों के स्थानीय अधिकारियों को हटाकर उनकी जगह अधिक से अधिक संख्या में केन्द्रीय सरकार के अफसरों को नियुक्त किया।

इस से स्थानीय सरदारों का विभाजनकारी शासन बुनियादी रूप से समाप्त हो गया और सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा को सुदृढ बना दिया गया।

दक्षिणी चीन सागर ( नानहाए सागर) द्वीपमाला दो सौ से अधिक द्वीपों, उपद्वीपों, प्रवालिकाओं और गाध स्थलों से बनी हैं, जिन्हें मोटे तौर पर तुङशा, शीशा, चुङशा और नानशा द्वीपसमूहों में विभाजित किया जा सकता है।

छिङ राजवंश के जमाने में दक्षिणी चीन सागर द्वीपमाला का चीन की मुख्यभूमी के साथ संबंध और घनिष्ठ हो गया। मुख्यभूमि से बहुत से लोग वहां जाकर बसने लगे।

इन द्वीपों और उपद्वीपों से संबंधित लिखित रिकाई भी लगातार प्रकाशित किया जाता रहा।

छिङ राजवंश के शाही प्रान्तों की मानचित्रावली और एकीकृत महान छिङ साम्राज्य की मानचित्रावली दोनों के नक्शों में दक्षिणी चीन सागर द्वीपमाला के तमाम द्वीप शामिल हैं।

प्रारम्भिक छिङ काल के मानचित्रों के अनुसार चीन का राज्यक्षेत्र दक्षिण में नानशा द्वीपसमूह तक और दक्षिणपूर्व में थाएवान व उस के आसपास के द्वीपों तक फैला हुआ था।

उत्तरपूर्व में उसका विस्तार वाह्य हिङकान पर्वतश्रंखला और साखालिन द्वीप तक था।

उत्तर में उस की सीमा साइबेरिया से मिलती थी। उत्तर पश्चिम में उस का फैलाव बालकश झील के उत्तरी किनारे तक था।