कोरिया गणराज्य के मशहूर नाटक कलाकार श्री ओह थाए सुक द्वारा तैयार किया गया नाटक《रोमियो व जुलिएट》कोरिया गणराज्य में कई वर्षों से प्रस्तुत किया जा रहा है। निर्देशक ने नाटक में कोरिया गणराज्य के परंपरागत नाटक को आधुनिक शैली के साथ अच्छी तरह से संयोजित किया है। नाटक के शुरू में कोरिया गणराज्य के सुन्दर परंपरागत परिधान में अभिनेता मंच पर तलवार नृत्य से दो परिवारों की लड़ाई का प्रदर्शन करते हैं। प्रमुख अभिनेता व अभिनेत्री की आत्महत्या के बाद अभिनेता आनंदमय संगीत में परंपरागत नृत्य करते हैं, और अपनी भावना की अभिव्यक्ति करते हैं।
श्री ओह थाए सुक ने परिचय देते हुए कहा कि उन्होंने शेक्सपियर नाटक में अपनी जाति की विशेषताएं शामिल कीं हैं, इस में कोरिया गणराज्य की परंपराएं व फ़ैशन जैसे आधुनिक तत्व भी हैं। ये सभी मंच पर महान व सुन्दर प्रेम की अभिव्यक्ति के लिये हैं।
नाटक《रोमियो व जुलिएट》की लिथुआनिया के ओ.के.टी. नाटक मंडल की प्रस्तुति बिल्कुल भिन्न है। नाटक में इटली की रोमेंटिक बालकनी की जगह पिज्ज़ा दुकान के रसोईघर ने ले ली। अभिनेताओं की प्रस्तुति बहुत दिलचस्प है। साथ ही आधुनिक संगीत व रंगारंग पृष्ठभूमि का प्रयोग करके इस प्रेम त्रासदी को बहुत रोचक बनाया गया है।
इस नाटक के निर्देशक 39 वर्षीय श्री ओस्कारास कोरसानोवास विश्व नाटक जगत में प्रतिभा निर्देशक हैं।《रोमियो व जुलिएट》उन की सब से श्रेष्ठ प्रस्तुतियों में से एक है। श्री ओस्कारास ने इस नाटक का परिचय देते हुए कहा कि, मुझे आशा है कि जब दर्शक इस नाटक को देखते हैं, तो उन्हें फिल्म देखने जैसा अनुभव होता है। मैंने मंच पर मोनटेज की शैली का प्रयोग किया है। मंच घूम सकता है। सब से पहले मंच पर रसोईघर था, रोशनी व संगीत के बदलाव के साथ मंच पर दृश्य बदल गए , जैसे चर्च व कब्रिस्तान। शेक्सपियर नाटक में संघर्ष सब से महत्वपूर्ण है। मैं मंच पर इस संघर्ष का प्रदर्शन करना चाहता हूं।
शेक्सपियर के जन्मस्थान ब्रिटेन से आए टी.एन.टी. थिएटर द्वारा प्रस्तुत《टाईमिंग ऑफ़ टी श्रेव》शेक्सपियर की सब से मशहूर कॉमेडियों में से एक है। शोरापुश्त कहानी, विशेष बातचीत व दिलचस्प प्रदर्शन से शेक्सपियर की कॉमेडी को पसंद करने वाले दर्शकों ने खूब मज़ा लिया।
थ्येनचिन जन कला थिएटर ने शेक्सपियर की और एक कॉमेडी《गरमी में मध्य रात का एक सपना》प्रस्तुत की। इस में दर्शक शेक्सपियर की रोमेंटिक भावना महसूस कर सकते हैं।
शेक्सपियर एक शौकीन आदमी थे। उन के नाटकों की शैली भिन्न-भिन्न है। त्रासदी में लोग आंसू बहाते हैं, और कॉमेडी से लोग खिलखिलाकर हंसते हैं। शेक्सपियर के नाटक उन के ज़माने में बहुत लोकप्रिय हुए। चार सौ वर्षों के बाद शेक्सपियर के नाटकों का विभिन्न देशों व विभिन्न जातियों के कलाकारों द्वारा फिर एक बार प्रस्तुत किये जाने के बाद से अभी तक दर्शकों ने स्वागत किया है। अपने नाटकों में शेक्सपियर सचमुच अमर हैं।(चंद्रिमा)