अमरीका की यात्रा कर रहे चीनी प्रतिनिधि मंडल ने नौ तारीख को अमरीका स्थित चीनी दूतावास में न्यूज़ ब्रीफिंग आयोजित कर अमरीका के विभिन्न जगतों को तिब्बत की वास्तविक स्थिति, विशेष कर केंद्र सरकार और दलाई लामा के निजीगत प्रतिनिधियों के साथ गत नवम्बर में हुई वार्ता की स्थिति से अवगत कराया । प्रतिनिधि मंडल के नेता श्री स्था ने कहा कि संपर्क व वार्ता का द्वार हमेशा खुला है, लेकिन "तिब्बत की स्वाधीनता","आधी स्वाधीनता" आदि का द्वार कभी नहीं खुलेगा।
श्री स्था ने जानकारी देते हुए कहा कि चीन की केंद्र सरकार ने वर्ष 2002 से आज तक दलाई लामा के निजीगत प्रतिनिधियों के साथ नौ बार वार्ता की है । चालू वर्ष की वार्ता में भाग लेने वाले व्यक्तियों की संख्या सब से ज्यादा थी और मई से नवम्बर तक कुल तीन बार यह वार्ता आयोजित की गई । नवम्बर में हुई वार्ता में दलाई लामा के निजीगत प्रतिनिधि द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ में पांच विषय शामिल हैं, जिन में चीनी तिब्बती बहुल क्षेत्रों को एक स्वाशासित क्षेत्र बनाने, और स्वतंत्र कानून निर्माण अधिकार का उपभोग करने का अनुरोध किया गया है । उक्त अनुरोध तिब्बत के इतिहास के अनुकूल नहीं है और वर्तमान की स्थिति से भी मेल नहीं खाता । यहां तक कि तिब्बती जनता समेत अधिकांश जनता के मूल हितों का उल्लंघन करता है । श्री स्था ने कहा:
"इतिहास में तिब्बती बहुल क्षेत्रों को एक प्रशासनिक क्षेत्र बनाने की स्थिति नहीं थी । वर्तमान में तिब्बती जनता के रहने की स्थिति इतिहास से पैदा हुई है। आज तिब्बत और अन्य क्षेत्रों में जातीय स्वशासन व्यवस्था लागू है, जो देश के एकीकरण की ही नहीं, स्थानीय जाति के क्षेत्रीय जातीय मामलों के निपटारे के स्वावलंबन की भी गारंटी करती है । दलाई लामा पक्ष द्वारा प्रस्तुत अनुरोध चीन के संविधान के संबंधित विषयों का खुला उल्लंघन है और《जातीय क्षेत्रीय स्वशासन कानून》का भी उल्लंघन है। इस का उद्देश्य वर्तमान में लागू जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था का विरोध करना है । दलाई लामा पक्ष द्वारा प्रस्तुत अनुरोध वास्तव में तिब्बत की स्वाधीनता का राजनीतिक मकसद है ।"
श्री स्था ने कहा कि दलाई लामा पक्ष के प्रति चीन की केंद्र सरकार की नीति हमेशा से स्पष्ट रही है । वर्ष 1980 के बाद से लेकर अब तक केंद्र सरकार ने अनेक बार दलाई लामा के प्रतिनिधियों से भेंट की और बार-बार केंद्र सरकार की नीति दोहरायी । उन्होंने कहा:
"शुरु से ही चीन की केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम दलाई लामा के निजीगत प्रतिनिधियों के साथ दलाई लामा के व्यक्तिगत भविष्य पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, न कि तिब्बत की राजनीतिक व्यवस्था के सवाल पर और न ही तिब्बत की सामाजिक व्यवस्था के सवाल पर। क्योंकि उक्त सवालों का समाधान ऐतिहासिक विकास के दौरान किया जा चुका है।"
श्री स्था ने कहा कि दलाई लामा हमेशा से तिब्बत की स्वाधीनता वाली विचारधारा को नहीं छोड़ना चाहते और देश विदेश में अलगाववाद की गतिविधि में व्यस्त रहते हैं, जिस से केंद्र सरकार और दलाई लामा के प्रतिनिधियों के बीच हुए संपर्क में कोई परिणाम नहीं निकला । भविष्य में संपर्क व वार्ता की चर्चा में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का द्वार फिर भी खुला रहेगा। श्री स्था का कहना है:
"दलाई लामा के साथ संपर्क व वार्ता के लिए हमारा द्वारा हमेशा खुला है । हमारी आशा है कि दलाई लामा पक्ष इतिहास, वास्तविक स्थिति को स्वीकार कर युगानुकूल विकास के अनुसार देश, जनता और अपने लिए हितकारी विकल्प चुनेंगे । हमारे पास पर्याप्त धैर्य है । लेकिन तिब्बत की स्वाधीनता की इज़ाज़त कभी नहीं दी जा सकती।"
चीनी तिब्बती विद अनुसंधान केंद्र के अनुसंधान कर्ता श्री लोरोंग चानत्वे लम्बे अर्से से तिब्बत के अनुसंधान में लगे हुए हैं । उन के विचार में तिब्बती नागरिक दलाई लामा की तथाकथित स्वाधीनता व स्वशासन का ख्याल नहीं करते । उन्होंने कहा:
"अनेक सालों में तिब्बती नागरिकों के साथ जीवन बिताने के अनुभव से मुझे मालूम हुआ है कि नागरिक स्वाधीनता व स्वशासन का ख्याल नहीं करते । मेरा विचार है कि स्वाधीनता व स्वशासन राजनीतिज्ञों के बीच का खेल ही है।"
चीनी प्रतिनिधि मंडल ने मौजूदा यात्रा के दौरान अमरीकी राजनीतिक व विद जगतों के व्यक्तियों के साथ व्यापक आदान-प्रदान किया। प्रतिनिधि मंडल के नेता श्री स्था ने कहा कि हालांकि दोनों पक्षों के बीच मतभेद मौजूद हैं, लेकिन सब लोगों का समान विचार है कि इस प्रकार का आदान-प्रदान पारस्परिक समझ के लिए बेहतरीन होगा । उन्होंने कहा:
"मैं ने अमरीकी सरकार के कुछ अधिकारियों और संसद के कुछ सांसदों के साथ संपर्क किया । हमारे दोनों पक्षों के बीच अनेक सवालों पर मतभेद मौजूद है । लेकिन सब लोगों का समान विचार है कि चीन अमरीका संबंध बहुत महत्वपूर्ण है । दोनों पक्षों को विभिन्न स्तरीय आदान-प्रदान को मज़बूत करना चाहिए । मौजूदा आदान-प्रदान से उन्हें ज्यादा जानकारी हासिल हुई है। इस प्रकार के आदान-प्रदान से द्विपक्षीय संबंध के स्वस्थ विकास के लिए सकारात्मक भूमिका अदा की जाएगी ।"(श्याओ थांग)
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |