तेज आर्थिक विकास शहरों की तुलना में ग्रामीण स्कूलों का आधारभूत संस्थापन अपेक्षाकृत पिछड़ापन रहा है। ग्रामीण छात्रों को भी शहरों के छात्रों की तरह स्कूल शिक्षा आधारभूत संस्थापन की सुविधा मिल सके, चिनथान शहर ने इधर के सालों में ग्रामीण स्कूलों में पूंजी निवेश की शक्ति को प्रगाढ़ करने के साथ उनके लिए नया स्कूल नयी कक्षाए व नए शिक्षा संस्थापनों व साजसामानों आदि प्रदान करने में भरपूर सहायता दी है।
हमारे संवाददाता ने आनथो ग्रामीण स्कूल का दौरा करते समय देखा कि प्राइमरी और मिडिल स्कूल की शिक्षा प्रदान करने वाले इस स्कूल में पिछले दो सालों में अलग अलग तौर से करीब 80 लाख य्वान की धनराशि डाली गयी है जिस से स्कूल के पर्यावरण , संस्थापन व साजसामानों व शिक्षा गुणवत्ता व स्कूल कैंपस की संस्कृति में भारी बदलाव व प्रगति देखने को मिली है।वर्तमान इस स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता पूरे च्यांगसू प्रांत में अव्वल पंक्ति में गिनी जाती है। आनथो स्कूल के प्रिन्सीपल हो श्याओ हए ने कहा (आवाज 1) हमारे आनथो स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता साल ब साल बढ़ती जा रही है, 2007 के मिडिल स्कूल दाखिला परीक्षा का अनुपात 90 प्रतिशत रहा, करीब 40 प्रतिशत से अधिक छात्र सर्वश्रेष्ठ मिडिल स्कूलों में दाखिला पाने में सफल रहे हैं, हमने बुनियादी तौर से शैक्षिक गुणवत्ता को शहर की गुणवत्ता के बराबर पहुंचने के लक्ष्य को हासिल करने में सफलता हासिल की है।
आनथो स्कूल के नौंवी क्लास की छात्रा वान वी लिंग ने हमे बताया कि उन्हे इस स्कूल में पढ़ने में बहुत खुशी महसूस होती है और पूरा विश्वास है अच्छी शिक्षा पा सकेगी।(आवाज2) हमारे स्कूल के हरेक कक्षा में एयर कंडीशन तथा बेहतरीन मल्टी मीडिया शैक्षिक साजसामान है, हमारी कम्पयूटर क्लास के हरेक छात्रों के पास अपना एक कम्पयूटर है, अध्यापक भी पूरी मेहनत से हमे शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
स्कूल के संस्थापनों व साजसामानों के अलावा, चिनथान ग्रामीण स्कूल ने भी शहरों की समुन्नत विचारधारा से प्रस्थान होकर, छात्रों की अपनी विशेषता के मुताबिक उनके विकास के लिए अनेक रूचिदार पाठयक्रम खोले हैं। चिनथान शहर के पाएथा प्राइमरी स्कूल की पेपर कटिंग क्लास को छात्रों का भारी स्वागत मिला है, स्कूल की एक विशेष प्रदर्शनी हाल में छात्रों की सुन्दर से सुन्दर पेपर कटिंग प्रस्तुतियां दर्शायी गयी है। 2002 से 2007 तक पाएथा प्राइमरी स्कूल के छात्रों की पेपर कटिंग ने राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर के अनेक प्रतिस्पर्धाओं में पुरूस्कार हासिल किए हैं। ड्राईंग व कला की अध्यापिका सुश्री छाओ वी च्याओ ने स्कूल की पेपर कटिंग शिक्षा पर बोलते हुए कहा(आवाज 3) हमारे स्कूल की पेपर कटिंग क्लास पहले से कहीं अधिक मनोरंजित हो रही है और पेपर कटिंग कला शिक्षा से प्रस्थान होकर अब सांस्कृतिक विशेषता की कला शिक्षा की दिशा में प्रवेश कर चुकी है।
पाएथा प्राइमरी स्कूल की छठी क्लास की छात्रा ली च्या रूंग ने कहा कि उसे पेपर कटिंग कला क्लास पहुंत पसंद है। (आवाज4) मैंने तीसरी क्लास से पेपर कटिंग सीखना शुरू किया था, मुझे पेपर कटिंग क्लास बहुंत पसंद है, मेरी पेपर कटिंग चंचल कोयल को आंठवी शताब्दी सितारा अखिल चीन बाल कला शिक्षा का पुरूस्कार मिला था, पेपर कटिंग कला ने मुझे अन्य पाठयक्रमों में प्रगति हासिल करने में भी प्रेरित किया है।
ग्रामीण स्कूलों के तेज विकास के लिए चिनथान शहर ने शहर और ग्रामीण अध्यापकों के बीच आदान प्रदान गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया है। चिनथान शिक्षा ब्यूरो के निदेशक ली ता ने कहा कि उन्होने चार सालों के भीतर पूरे शहर के सर्वश्रेष्ठ युवा अध्यापकों को बुनियादी तौर से ग्रामीण स्कूलों में एक साल तक पढ़ाने की व्यवस्था कायम की है , और ग्रामीण स्कूलों के अध्यापकों को भी शहर के स्कूलों में प्रशिक्षण का मौका प्रदान किया है, ताकि शहरी और ग्रामीण स्कूलों की गुणवत्ता की असंतुलन स्थिति में सुधार लाया जा सके।(आवाज5) उन्होने कहा शहरों व ग्रामीण स्कूलों के विकास के बीच असंतुलन में सबसे उल्लेखनीय, अध्यापकों के दल के बीच की असंतुलन स्थिति है , हमें हर साल कम से कम कुछ संख्या में सर्वश्रेष्ठ अध्यापकों को ग्रामीण स्कूलों में एक साल तक पढ़ाने की सुनिश्चता प्रदान की जानी चाहिए, ताकि ग्रामीण स्कूलों के अनिवार्य शिक्षा के दौर में अध्यपकों के निर्माण को सुदृढ़ किया जा सके।
च्यांगसू प्रांत के चिनथान शहर द्वारा ग्रामीण शिक्षा को उन्नत करने के लिए उठाया गया उक्त कारगर कदम , ग्रामीण स्कूलों का एक शानदार मिसाल है। इधर के सालों में चीन सरकार ने वित्तीय सहायता के माध्यम से ग्रामीण स्कूलों की शैक्षिक स्थिति को सुधारने में मदद दी है, प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के अध्यापकों के प्रशिक्षण को प्रबल कर उनके कार्य, अध्ययन व जीवन स्थिति में सुधार लाने के साथ ग्रामीण स्कूलों के पाठयक्रमों में भी सुधार लाने में भारी सहायता प्रदत्त की है। चीन सरकार ने ग्रामीण अनिवार्य शिक्षा के दौरान स्कूलों की फीस व पुस्तकों की फीस को माफ कर देने के साथ, गरीब परिवारों के बच्चों को बोर्डिंग के लिए भत्ता भी प्रदान किया है, उल्लेखनीय रूप से ग्रामीण स्कूलों के छात्रों के बोझ को हल्का किया है, फलस्वरूप स्कूली उम्र के बच्चों की दाखिला दर में भी भारी तरक्की हुई है। निकट भविष्य में चीन सरकार गांव के सभी बच्चों को स्कूल में पूरी लगन से पढ़ने की और अधिक बेहतरीन सुविधाए प्रदान करेगी।