आज सुबह उठने के बाद हम लोगों ने अपना नाश्ता जल्दी जल्दी किया, क्योंकि दस बजकर तीस मिनट पर पुरस्कार वितरण समारोह में हमें भाग लेना था। ठीक साढ़े दस बजे, एक भव्य हॉल में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत रंग बिरंगे माहौल में हुई।क्वांग शी प्रांत के कुछ नेतागण और पर्यटन विभाग के निदेशक उन के साथ साथ दूसरे विशेष व्यक्तियों ने कार्यक्रम का संचालन किया। पुरस्कार वित्रण समारोह में हमें प्रमाण पत्र और क्वांग शी प्रांत से संबंधित उपहार दिये गये। मुझे यह क्षण हमेशा याद रहेगा सब प्रतिनिधियों ने सी आर आई के सब विभागों के सदस्य और दूसरे देशों से आये मेहमानों ने क्वांग शी प्रांत के लोक गीतों का भी भरपूर मजा लिया।कुछ लड़कियों ने क्वांगशी प्रांत का संगीत प्रस्तुत करके कार्यक्रम को और रंगारंग बना दिया।हमें तो बता ही नहीं चला कि समय कब गुजर गया। कार्यक्रम के बाद हम सब ने क्वांग शी प्रांत के नेताओं के साथ इकट्ठे बैठकर दोपहर का भोजन दिया, जैसा कि सब लोग जानते हैं विश्व में चीनी खानों का विशेष स्थान है। आज मैंने उस को अपने आप महसूस किया कि वास्तव में इतने मशहूर यह चीनी खाना खाने क्यों है।
खाना समाप्त करने के बाद हम लोगों ने एक मशहूर पर्वत छींगश्यो पर्वत जो कि एक विशेष पर्यटन स्थल है, उस की यात्रा की। वहां पर बहुत सुन्दर सुन्दर पेड़ों , पौधों और कलाकृतियों को देखा। लेकिन, एक विशेष पेड़ को देखकर मैं स्तब्ध रह गया। इस पर्वत पर एक पेड़ एक हजार तीन सौ पचास वर्ष पुराना है। और आज भी पूरा हरा भरा है। इस प्रजाति को वनस्पति विज्ञान में साइकस मोन्टानिका कहा जाता है। कुछ पेड़ पांच सौ वर्ष के भी थे। इस से ज्यादा क्या अच्छी बात हो सकती है कि क्वांग शी प्रांत के लोगों के पास विश्व की इतनी अमूल्य धरोहरें हैं। एक पेड़ और भी विशेष था, जिस की पत्तियां वी आकार की दो उंगलियों के आकार की ही तरह उगी गयी होती है।उस के बाद हम लोगों ने एक प्रसिद्ध औषधि उद्दान जो कि अपने तरह तरह के विशेष बहुमूल्य पौधों और जड़ी बूटियों के लिए प्रसिद्ध है।वहां पर अनेकों प्रकार के प्रजातियों को देखकर मैं रोमांचित हो गया। हम लोगों ने विस्तार से जानकारी इकट्ठी की और यांग साहिबा ने मुझे बहुत विस्तृत से अनुवाद करके एक एक चीज की जानकारी दी। जो कि मेरी ज्ञान को बढ़ाने में बहुत सहायत हुए। कई विशेष प्रकार के और पेड़ पौधे देखे, सब का उल्लेख करना तो बहुत मुश्किल है, लेकिन, एक पेड़ जो को छूनने पर जोकि अपने आप हिलना शुरु कर देता है, मुझे बहुत प्रभावित किया। एक विशेष प्रकार की चाय जोकि बहुत महंगी है, उस का नाम चिनह्वा उस के भी पौधे यहां पर लगाये गये हैं।कुछ बहुत प्राचीन बोनसाई भी देखे।एक फूल की प्रजाति जिसे बौगन विल्या कहा जाता है, उस के बहुती पुरानी पेड़ इस औषधि पार्क में बोनसाई बनाकर रखे गये हैं। बुनसाई के बारे में शायद सब लोग न जानते हों, इसलिए मैं इस कला के बारे में विस्तार से वरण करना चाहूंगा। बोनसाई एक प्राचीन चीनी कला है, जो चीन से जापान में भी पहुंची और धीरे धीरे पूरे विश्व में फैल गये। चीन की राजवंशों के राजा अपने मेहलों के कमरों व हॉलों में इन बोनसाई पौधों को संरक्षित करके रखवाया करते थे।इस कला में उन प्रजाति के पौधों को सुन्दर बर्तन में लगाया जाता है, जो कि लम्बी आयु की जातियां होती हैं।
शाम को हमारा खाना क्वांग शी प्रांत के क्षेत्रीय व्यंजनों पर केंद्रित था। हम सब लोगों ने खाने का भरपूर आनंद लिया। उस के बाद हम अपने होटल वापस आ गये। इस तरह हम ने एक और सुन्दर दिन , सुन्दर क्वांग शी , और महान देश चीन की जानकारी इकट्ठा करने में बिताया।