26 तारीख को थाईलैंड के सरकार विरोधी संगठन ---पी ए डी यानी डेमोक्रेसी के लिए जन गठबंधन के समर्थकों ने थाईलैंड के सुवार्नभूमि हवाई अड्डे के उड़ान नियंत्रण केन्द्र पर कब्जा कर दिया, जिस के कारण दक्षिण पूर्व एशिया के इस अहम हवाई अड्डे का कामकाज विवश हो कर बन्द किया जाना पड़ा । इस तरह थाईलैंड में कई दिन से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन चरम स्तर पर पहुंच गया । उसी दिन, थाई सेना ने सरकार को संसद को भंग कर नया आम चुनाव कराने तथा पी ए डी को अपनी तमाम विरोध कार्यवाही बन्द करने का सुझाव पेश किया । लेकिन थाईलैंड के वर्तमान प्रधान मंत्री सोम्चा वोंगसावाट ने इस्तीफा देने से इनकार किया। थाईलैंड के सरकार विरोधी संगठन पी ए डी ने 24 तारीख के तड़के से मौजूदा दौर का विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, उस का दावा है कि वह वर्तमान सरकार को पलटने के लिए हर किस्म का हथकंडा अपना सकेगा। 25 तारीख के दोपहर से पीएडी के समर्थकों ने सुवार्नभूमि हवाई अड्डे पर विरोध प्रदर्शन आरंभ किया, इस के बाद उन्हों ने हवाई अड्डे के सभी रास्तों पर नाकेबंदी लगायी और 26 तारीख के सुबह हवाई अड्डे के उड़ान नियंत्रण केन्द्र पर कब्जा कर लिया। पीएडी के नेताओं ने अनेक बार कहा है कि पी ए डी तब तक हवाई अड्डे पर नियंत्रण रखेगा, जब तक वर्तमान सरकार नहीं पलटी । सुवार्नभूमि हवाई अड्डे के सामान्य काम और सुरक्षा पर बुरा असर पड़ने के कारण हवाई अड्डे ने 25 तारीख को उसी दिन की रात से सभी फ्लाइटों को रद्द करने की घोषणा की । 26 तारीख के तड़के चार बजे से हवाई अड्डे की सभी 700 फ्लाइटें रद्द की गयीं और हवाई अड्डा पूरी तरह बन्द हो गया। 26 तारीख को हवाई अड्डे पर 3000 से अधिक विदेशी यात्री अवरूद्ध हुए ,जिस से उन में असंतोष व निराशा पैदा हुई। इस के अलावा सुवार्नभूमि और डोन मुओंग हवाई अड्डे के निकट 26 तारीख के सुबह चार बम विस्फोट भी हुए , जिन में अनेक लोग घायल हो गए। ऐसी नाजुक घड़ी पर 26 तारीख के दोपहरबाद थाईलैंड की राजनीतिक स्थिति निगरानी कमेटी ने दो घंटे की मीटिंग बुलाई । मीटिंग के बाद एक न्यूज ब्रिफींग में थाई थल सेना के कमांडर श्री आनुपोंग ने प्रधान मंत्री सोम्चा को यह सुझाव दिया कि संसद को भंग कर जल्दी ही आम चुनाव कराया जाए । उन्हों ने डेमोक्रेसी के लिए जन गठबंधन से तुरंत हवाई अड्डे से हट जाने तथा तमाम विरोध प्रदर्शन को बन्द करने की भी मांग की । श्री आनुपोंग ने दोहराया कि सेना राजविप्लव नहीं करेगी, चूंकि राजविप्लव से समस्या का हल नहीं हो सकता। उसी दिन, पीएडी ने आनुपोंग के सुझाव को स्वीकार करने से इनकार किया और वे प्रधान मंत्री से इस्तीफा देने की अपनी मांग जारी रखेंगे, ताकि जन सरकार गठित कर देश के सवालों का समाधान किया जा सके। विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान की स्थिति में थाईलैंड की राजनीतिक दिशा ध्यानाकर्षक है। थाई सरकार और पी ए डी दोनों समय से पहले आम चुनाव करने पर राजी नहीं हैं। फिर तो सरकार और पीएडी के बीच मनमुटाव बहुत गहरा है और आपसी टक्कर लम्बे समय चली आयी है और विरोध प्रदर्शन की कार्यवाही का विस्तार होने की भी आशंका है,विस्फोट जैसी हिंसक घटनाओं के कारण दोनों पक्षों के बीच अन्चरविरोध सुलझना मुश्किल हो गया है। उल्लेखनीय बात यह है कि पीएडी के विरोध प्रदर्शन के विस्तृत होने तथा हवाई अड्डे पर कब्जा किए जाने की उग्र हरकत से समाज के विभिन्न तबकों में असंतोष और चिंता पैदा हुई । थाईलैंड के पर्यटन उद्योग के लोगों ने कहा कि सुवार्नभूमि हवाई अड्डे के बन्द होने से देश के पर्यटन कार्य को भारी धक्का लगेगी, आरंभिक अनुमान के अनुसार एक खरब थाई बट का नुकसान होगा। थाई उद्योग संघ के उपाध्यक्ष थानिट ने कहा कि हवाई अड्डे के बन्द होने से हवाई परिवहन का काम बन्द हो गया, जिस से रोज एक अरब थाई बट का नुकसान होता है और लोगों का जीवन भी बुरी तरह प्रभावित होगा। इस का वर्तमान वित्तीय संकट का मुकाबला करने की कोशिशों पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा । इसतरह हवाई अड्डे के प्रशासन ब्यूरो ने उसी दिन अदालत में एक शिकायत पत्र दायर कर मांग की कि अदालत आदेश जारी कर हवाई अड्डे पर कब्जेवर लोगों को निकाला जाए। इस मांग को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इन दिनों, पीएडी की उग्र हरकत व कानून विरोधी कार्य़वाही को लेकर थाईलैंड के सरकारी प्रवक्ता और प्रमुख सत्तारूढ़ जन पावर पार्टी के सांसदों ने सेना से अपनी भूमिका अदा करके स्थिति पर काबू पाने की मांग की। संसद में विपक्ष पार्टी डेमोक्रेट पार्टी के अध्यक्ष अबहिसिट ने 26 तारीख को कहा कि डेमोक्रेड पार्टी हिंसक घटनाओं की निन्दा करती है और हवाई अड्डे पर नाकेबंदी का विरोध करती है। उन्हों ने कहा कि वार्ता वर्तमान राजनीतिक संकट का समाधान करने का एकमात्र रास्ता है ।