2008-11-26 15:21:22

अफ़्रीका के प्रति चित्रकार वान ची य्वेन की गहरी भावना

इस लेख में हम आप लोगों को चीन के तैल चित्रकार श्री वान ची य्वेन का परिचय देंगे। अभी-अभी संपन्न वर्ष 2008 अफ्रीकी संस्कृति फ़ोकस नामक बड़ी चीन-अफ्रीका सांस्कृतिक आदान-प्रदान गतिविधियों में श्री वान ची य्वेन ने एक चीन-अफ्रीका कला प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी में उन के द्वारा अफ़्रीका जाकर रचे गए तैल चित्र भी शामिल हैं। लोगों को इस का आश्चर्य है कि वे सटीक तौर पर अफ़्रीकी जनता के जीवन व संस्कृति को पकड़ सकते हैं। पर श्री वान का कई बार अफ़्रीका जाकर चित्र बनाने और प्रदर्शनी की तैयारी करने से अफ़्रीका के प्रति उन के मन में गहरी भावना है।

55 वर्षीय श्री वान ची य्वेन बचपन से ही चित्रकला को बहुत पसंद करते रहे हैं। एक व्यवसायिक चित्रकार के रूप में वे कई सालों तक दक्षिण-मध्य चीन के च्यांगशी प्रांत की चित्रकला संस्था में तैल चित्र बनाते रहे। उन्होंने दसेक देशों की यात्रा की है, और वे चीन में अकेले ऐसे चित्रकार हैं जिन्होंने इज़राइल जाकर चित्र बनाए हैं। अब वे चीनी वैदेशिक कला प्रदर्शन केंद्र में काम करते हैं, और इस केंद्र के उपप्रधान हैं। उन्होंने कई बड़े पैमाने वाले प्रदर्शनों का प्रबंध किया है।

हाल ही में दक्षिण चीन के शनचेन शहर में आयोजित वर्ष 2008 अफ़्रीकी संस्कृति फ़ोकस नामक गतिविधियों में चीन-अफ़्रीका कला प्रदर्शनी श्री वान द्वारा आयोजित की गयी। इस प्रदर्शनी में इक्वेटोरियल देश गैबॉन की रीति-रिवाज कला, पश्चिमी अफ़्रीका के बड़े संस्कृति देश सेनेगल के अजायबघर के संग्रह, पुरातन सभ्यता वाले देश मिश्र के अवशेषों की नकल, और श्री वान ची य्वेन समेत नौ चीनी चित्रकारों के अफ़्रीका से जुड़े चित्र तथा चीन द्वारा प्रकाशित अफ़्रीकी प्रकाशन-वस्तुएं शामिल हैं। दर्शकों को इन से अफ़्रीकी कला से परिचित होने का मौका मिला है।

70 वर्षीय शनचेन नागरिक श्री ली ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई कि वे अपनी आंखों से अफ़्रीकी कला देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि, पिछले समय में मैं यह भी जानता था कि अफ़्रीका की लकड़ी-मूर्ति व पत्थर-मूर्ति बहुत अच्छी हैं, लेकिन अपनी आंखों से नहीं देखा था। मैंने केवल अख़बार, टी.वी. व चित्र में उन्हें देखा है। इस बार मैंने अपनी आंखों से उन्हें देखा, बहुत अच्छा लगा। हमें मालूम है कि मिश्र एक पुरातन सभ्यता वाला देश है। उस के पिरामिड व स्फ़ीनक्स मूर्तियां आदि विश्व प्रसिद्ध हैं। इस बार हालांकि मिश्र की पत्थर-मूर्ति केवल नकल हैं, पर देखने में वे भी अच्छी हैं।

एक चित्रकार व प्रदर्शनी के प्रबंधक के रूप में श्री वान ची य्वेन की आकांक्षा है कि न सिर्फ़ उन के चित्र बल्कि उन के द्वारा आयोजित प्रदर्शनी भी सभी दर्शकों को किसी कला या किसी देश की संस्कृति के बारे में एक बिल्कुल नया दृष्टिकोण दे सकते हैं। श्री वान ने कहा कि, अफ़्रीका महाद्वीप चीनी लोगों के प्रति बहुत रहस्यमय है, लेकिन बहुत अनजान नहीं है। कला के क्षेत्र में अफ्रीकी कला ने चित्र, खास तौर पर विश्व की आधुनिक चित्रकला के लिये बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। इस प्रदर्शनी से वास्तव में सारे अफ़्रीका की विभिन्न कलाएं दिखायी गयी हैं। दर्शक सारे अफ़्रीका महाद्वीप की कला देख सकते हैं, और अफ़्रीकी कला के प्रभाव की शक्ति महसूस कर सकते हैं। साथ ही वे पश्चिम, पूर्व, दक्षिण, उत्तर अफ़्रीका की विभिन्न जगहों की कलाओं का फ़र्क भी महसूस कर सकते हैं।(चंद्रिमा)