पाकिस्तान के विदेश मंत्री श्री शाह मेहमूद कुरेशी 26 तारीख के दोपहर बाद नई दिल्ली पहुंच कर भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे । लोकमतों का मानना है कि भारत पाक शांति प्रक्रिया पर आतंकवाद की साया मंडराने की हालत में श्री कुरेशी की मौजूदा भारत यात्रा में भारी प्रगति पाने की संभावना तो कम होगी, किन्तु इस से शांति के लिए दोनों देशों की इच्छा फिर एक बार जाहिर हुई है।
पाकिस्तान की जन निर्वाचित सरकार के गत मार्च में सत्ता पर आने के बाद कुरेशी की यह दूसरी भारत यात्रा है और इस साल सितम्बर में न्यूयार्क में पाक राष्ट्रपति जरदारी और भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के बीच भेंट वार्ता के बाद दोनों देशों में उच्च स्तर का यह प्रथम संपर्क है ।
कुरेशी के भारत आने से पहले पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्री कुरेशी की मौजूदा यात्रा के तीन लक्ष्य हैः एक है पिछली यात्रा के अधूरा कार्यविधि को पूरा करना। इस साल के जून माह में कुरेशी ने भारत की अपनी प्रथम यात्रा की और भारत को पाक की नयी सरकार की शांति-इच्छा जतायी । लेकिन अपने परिजन का अनायास निधन होने के कारण वे यात्रा को बीच में रोक कर स्वदेश लौटे । दूसरा लक्ष्य है कि कुरेशी भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे और उन्हें पाक राष्ट्रपति जरदारी का अहम मौखिक संदेश पहुंचाएंगे तथा डाक्टर सिंह को एक बार फिर पाक की यात्रा के लिए आमंत्रित करेंगे । तीसरा लक्ष्य है कि व्यापक ध्यानाकर्षक भारत पाक शांति प्रक्रिया के सवाल पर वे भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ वार्ता करेंगे, दोनों पक्षों के पांचवें दौर की वार्ता प्रक्रिया का मूल्यांकन करेंगे तथा दोनों पक्षों के बीच सच्चे मायने का परस्पर विश्वास कायम करने तथा भारत पाक शांति प्रक्रिया बढ़ाने के लिए और अधिक कदम उठाने के तरीकों पर विचार विमर्श करेंगे।
वर्ष 2004 में संपूर्ण वार्ता प्रक्रिया शुरू होने के बाद भारत और पाकिस्तान ने अब तक चार दौर की वार्ता समाप्त की है, वार्ता के दौरान कश्मीर सवाल समेत सिलसिलेवार सवालों पर नियमित वार्ता की गयी लेकिन उन के मतभेदों का मूल समाधान नहीं किया जा पाया।
जब दोनों देश शांति वार्ता में लग रहे थे, तो इस साल के जुलाई में अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के बाहर आत्मघाती बम विस्फोट का हमला हुआ, जिस ने दोनों के बीच अच्छे माहौल के रंग में भंग कर दिया । उस हमले से भारतीय राजनयिक समेत 60 लोगों की मौत हुई ,इस ने भारतीयों को भारी सदमा पहुंचा । घटना के बाद भारत ने पाक खुफिया संगठन पर इस आत्मघाती विस्फोट रचने का आरोप लगाया, किन्तु पाक ने दृढता के साथ इस आरोप को मानने से इनकार किया । ऐसी स्थिति में पूर्व योजना के अनुसार 21 जुलाई की पांचवें दौर की वार्ता समय पर आयोजित तो हुई थी, पर दोनों पक्षों में दूतावास पर बम विस्फोट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी रहा और वार्ता किसी कामयाबी के बिना बन्द हुई और भारत पाक शांति प्रक्रिया अवरूद्ध हो गयी।
यद्यपि चुनौति और दबाव मौजूद है, तदापि दोनों देशों की सरकारें संयम बनाए रखे हुई हैं और शांति व स्थिरता को बरकरार करने की कोशिश की, जिस के परिणामस्वरूप शांति प्रक्रिया को खास बाधा का सामना नहीं करना पड़ा तथा पूर्व की योजना आगे जारी रही । भारतीय दूतावास पर बम विस्फोट की समस्या पर मतभेदों के समाधान के लिए दोनों देशों के संयुक्त आतंक विरोधी कार्यदल ने अनेक बार भेंटवार्ता की और घटना के बारे में अपनी अपनी जांच की हालत और राय एक दूसरे को सूचित की एवं आतंक विरोध पर सहयोग बढ़ाने तथा सीमा पार आतंक पर संयुक्त रूप से प्रहार करने के तरीकों पर विचार विमर्श किया । इन के अलावा शांति प्रक्रिया को आगे जारी रखने तथा दोनों में तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों ने पूर्व निश्चित समय के मुताबिक 21 अक्तूबर को विवादास्पद कश्मीर क्षेत्र में पुनः सीमांत व्यापार खोला ,जिस से कश्मीर में दोनों पक्षों के नियंत्रित भागों के निवासी 60 साल के बाद पुनः वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर व्यापार कर सकें।
श्री कुरेशी की यात्रा से पहले, पाकिस्तान ने अच्छा वातावरण तैयार करने के लिए कुछ कदम भी उठाए । 22 नवम्बर को पाक राष्ट्रपति जरदारी ने विडियो माध्यम से कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ नाभिकीय हथियार करने में पहल नहीं करेगा । उन की आशा है कि दक्षिण एशियाई देश दक्षिण एशाया को परमाणु हथियार से मुक्त करने का एक समझौता संपन्न करेंगे और नाभिकीय हथियार मुक्त दक्षिण एशिया क्षेत्र कायम करेंगे। उन के इस रूख का भारत के प्रमुख मीडिया ने सकारात्मक मूल्यांकन किया । इस के अलावा पाक सरकार ने कुरेशी की यात्रा के दौरान अपने वहां वर्षों से नजरबंद किए गए 101 भारतीय बंदियों को रिहा करने का फैसला भी किया ।
लोकमतों का ध्यान है कि कुरेशी की यात्रा से पहले, पांचवे दौर की शांति वार्ता के तहत विभिन्न वार्ता व्यवस्थाएं बेरोकटोक चल रही हैं। 25 तारीख को इस्लामाबाद में गृह सचिव वार्ता भी हुई, दोनों पक्षों ने वीजा वितरण की प्रक्रिया सरल बनाने, आतंक तथा मादक पदार्थों की तस्करी पर हमला करने आदि सवालों पर गहन विचार विमर्श किया।
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