2008-11-25 19:21:18

विश्व को चीन के विकास से लाभ मिलेगा

1978 से सुधार व खुलेपन नीति लागू होने के बाद के पिछले 30 सालों में चीन के अर्थतंत्र व समाज के तेज विकास ने विश्व का ध्यान खींचा है, दुनिया ने इसे चीन का करिश्मा की संज्ञा दी है। पश्चिमी मीडियाओं द्वारा अविष्कृत यह शब्दावली चीन के सुधार व खुलेपन के महान युग का एक बेहतरीन सारांश है ।चीन के विकास ने न केवल 1 अरब तीस करोड़ चीनी जनता के खाने पीने, रहने व पहनने की समस्याओं को हल किया है बल्कि चीनी जनता के जीवन की गुणवत्ता को भी उल्लेखनीय रूप से उन्नत किया है, इस से दुनिया को भारी लाभ मिला है।

30 सालों के बाद आज चीन अधिकाधिक दुनिया से घुलमिल गया है, दुनिया को अधिकाधिक चीन की जरूरत होने लगी है। चीन का अर्थतंत्र वर्तमान दुनिया का एक अनिवार्य अंग बन गया है। इस पर चीन के एपेक के वरिष्ठ अधिकारी वांग वी संग ने कहा(आवाज 1) पिछले तीस सालों में हालांकि कुछ हलचल मची थी, फिर भी चीन ने अपने विकास के लिए एक पक्की नींव तैयार कर ली है। तीस सालों के सुधार व खुलेपन के बाद चीन में तेज विकास हुआ है और प्रारम्भिक रूप से राष्ट्रीय पुनरूत्थान के महान लक्ष्य को साकारा है, इन तीस सालों में चीन की राष्ट्रीय शक्ति में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, फिलहाल अन्तरराष्ट्रीय के विभिन्न अर्थ समुदायों में चीन का अनुपात तेजी से बढ़ता जा रहा है, चीन की अन्तरराष्ट्रीय भूमिका अनिवार्य होती जा रही है।

चीनी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 2008 को जारी आंकड़ो के अनुसार, विश्व के 500 शक्तिशाली उद्योगों में कोई 480 उद्योगों ने चीन में पूंजी निवेश किया है। पिछले तीस सालों में 7 खरब 60 अरब अमरीकी डालर अलग अलग तौर से चीन में प्रवेश हुई है। फिलहाल पूरे विश्व में यह मतैक्य है कि चीन में प्रवेश नहीं कर पाने का अर्थ अपनी रणनीतिक पहल खो बैठना है।

चीन के अर्थतंत्र के तेज विकास के चलते, चीन के उद्योगों ने सीमापार पर अपना कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। वर्ष 2005 तक चीन के उद्योगों ने विदेशों में किए प्रत्यक्ष पूंजी निवेश की धनराशि 57 अरब 20 करोड़ तक जा पहुंची है, जो दुनिया के 163 देशों व क्षेत्रों में वितरित है। विशेषकर अफ्रीका, लातीन अमरीका और एशिया में चीन के प्रत्यक्ष पूंजी निवेश ने वहां के अर्थतंत्र को खींचने में भारी शक्ति प्रदान की है। सेनगेल के राष्ट्रपति अबदुल्लाये वादे ने ब्रिटेन के फाइनेन्शल टाइम्स में एक समीक्षा जारी कर चीन के पूंजी निवेश से अफ्रीका के अर्थतंत्र को प्ररित करने की सकारत्मक भूमिका का उच्च मूल्यांकन किया ।

उन्होने कहा कि चीन ने अफ्रीकी देशों में बहुत से आधारभूत संस्थापनों का निर्माण किया है, इस ने अफ्रीका के अर्थंतंत्र विकास को प्रेरित किया है और अफ्रीकी जनता के जीवन में नया सुधार लाने में भारी मदद दी है। 2007 में अमरीकी महिला सारा बोन जौनी ने एक साल चीन की वस्तुए न खरीदने के दिन शीर्षक से लिखी अपनी एक किताब में चीन की वस्तुए न खरीदने से जीवन स्थिति का जिक्र किया। उन्होने कहा कि वह चीन की वस्तुओं के विरोध नहीं करती हैं, उन्होने महसूस किया है भूमंडलीकरण दुनिया में चीन की वस्तुए अमरीकी परिवारों में कितना महत्वपूर्ण स्थान बना रही हैं, उन्होने अन्त में अपने एक सारांश में कहा कि चीन निर्मित वस्तुओं के बिना जीवन कितना मुश्किल होता है।

चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं की गुणवत्ता व उसके बढि़या दाम ने दुनिया के लोगों के जीवन को लाभ पहुंचाया है। वर्तमान चीन निर्मित यानी मेड इन चायना शब्द इन्टरनेट वेबसाइट का सबसे ज्वलंत शब्द बन गया है। मेड इन चायना शब्द दुनिया के घरों में गूंज रहा है, इस से संबंधित शब्द भी फिलहाल आयात निर्यात उद्यमियों के लोकप्रिय व छीने जाने वाले शब्द बन रहे हैं। चीन के एपेक के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी वांग वी संग ने चीन के विकास के दुनिया के आर्थिक संरचना पर पड़े प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा (आवाज 2) चीन का आर्थिक विकास का अपना प्रतिनिधित्व है, भारत और ब्राजील आदि विकासशील देश भी निसंदेह अन्तरराष्ट्रीय की वर्तमान परिस्थिति को बदलने में अपना करिश्मा दिखा रहे हैं। अन्तरराष्ट्रीय शक्ति का अनुपात में परिवर्तन होने के साथ बहुध्रुवीय विकास का रूझान को भी रोका नहीं जा सकता है।

चीन के विकास ने दुनिया के अर्थतंत्र वृद्धि को स्थिर करने में अपना योगदान किया है। 1997 में उत्पन्न दक्षिण पूर्व वित्तीय संकट में चीन ने अपनी मुद्रा रन मिन पी का अवमूल्यन न कर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के अर्थतंत्र के तेज पुनरूत्थान को आगे बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान किया था। तीस साल के सुधार व खुलेपन नीति ने चीन के विश्वास को प्रोत्साहित किया है, वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की नए दौर की प्रतिस्पर्धाओं व चुनौतियों के आगे चीन अपना चीनी करिश्मा दिखाता रहेगा और दुनिया के विभिन्न देशों के लिए अधिक सुअवसर प्रदान करेगा।