2008-11-24 11:08:37

एपेक का 16 वां अनौपचारिक शिखर सम्मेलन समाप्त


दो दिवसीय एपेक का 16वां अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 23 तारीख को पेरू की राजधानी लीमा में समाप्त हुआ। सम्मेलन में लीमा घोषणा पत्र और विश्व आर्थिक स्थिति के बारे में एपेक नेताओं का वक्तव्य जारी किए गए , जिन में मुख्यतः विश्व अर्थ-वित्तीय स्थिति, दोहा राउंड वार्ता, अनाज सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा तथा क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण और मौसम परिवर्तन आदि सवालों पर विभिन्न सदस्यों की सहमति बतायी गयी और वर्तमान विश्व वित्तीय संकट का सामना करने के लिए आवश्यक कदम उठा कर सहयोग करने तथा और संपूर्ण व समन्वित कार्यवाही करने का वचन दिया गया ।


एपेक के 21 सदस्यों के नेताओं या प्रतिनिधियों ने मौजूदा शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विश्व आर्थिक व वित्तीय स्थिति, दोहा वार्ता, अनाज सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, कारोबारों के सामाजिक कर्तव्य, मौसम परिवर्तन, विपत्तियों की रोकथाम व मुकाबले आदि विषयों पर गहन विचार विमर्श किया । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने सम्मेलन के पहले दौर में विश्वव्यापी वित्तीय संकट का सामना करने के लिए चीन के उठाए गए कदमों की जानकारी दी और विभिन्न देशों व क्षेत्रों से विश्व आर्थिक विकास बढ़ाने में एक साथ मिल कर कोशिश करने की अपील की । श्री हु चिनथाओ ने दूसरे दौर के सम्मेलन में क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, मानव सुरक्षा तथा मौसम परिवर्तन के बारे में भाषण दिए।

22 तारीख को एपेक के सदस्यों के नेताओं ने विश्व आर्थिक स्थिति पर वक्तव्य जारी किया , जिस में विभिन्न सदस्यों ने हाल ही में आयोजित जी-20 के नेताओं के वित्तीय बाजार व विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन के वक्तव्य तथा वित्तीय बाजार के सुधार के बारे में कार्य योजना का समर्थन किया और बलपूर्वक कहा कि एपेक के सदस्य सभी प्रकार के संरक्षणवाद का विरोध करते हैं। उन्हों ने घनिष्ठ सहयोग कर संपूर्ण व समन्वित रूप से वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का सामना करने का वायदा किया है । सदस्यों के नेताओं ने वक्तव्य में यह भी वचन किया कि भावी 12 महीनों के भीतर पूंजी निवेश, माल व सेवा व्यापार के लिए नयी भित्ती खड़ी करने से बच जाएंगे और निर्यात के लिए नयी बाधा नहीं करेंगे तथा विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात को प्रेरित करने के कदम समेत विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करने वाले कदम नहीं उठाएंगे।

23 तारीख को सम्मेलन की समाप्ति पर जारी लीमा घोषणा पत्र में कहा गया है कि वर्तमान विश्व वित्तीय संकट वर्तमान काल में उत्पन्न हुई सब से गंभीर चुनौतियों में से एक है, एपेक के सदस्य शीघ्र व दृढ़ रूप से इस संकट के कारण आयी विश्व भर की आर्थिक मंदी का मुकाबला करेंगे और एपेक सदस्यों द्वारा अपनाए जाने वाले मौद्रिक व वित्तीय प्रेरणा तरीकों का स्वागत करता है तथा संकट के मुकाबले में आवश्यक आर्थिक व वित्तीय कदम उठाएगा। घोषणा पत्र में क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, अनाज सुरक्षा, मानव सुरक्षा तथा मौसम परिवर्तन विषयों पर रूखों को भी स्पष्ट कर दिया गया।

मौजूदा एपेक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन पेइचिंग एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन व वाशिंगटन जी-20 वित्तीय बाजार व विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन के बाद एपेक सदस्यों के नेताओं व प्रतिनिधियों द्वारा विश्व आर्थिक स्थिति पर विचार विमर्श का और एक मंच है और उस का वक्तव्य वाशिंगटन घोषणा पत्र का हितकारी पूरक है । विश्व के सब से बड़े क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन के नाते एपेक पर वित्तीय संकट को रोकने तथा विश्व आर्थिक विकास बढ़ाने की भारी जिम्मेदारी है । मौजूदा एपेक सम्मेलन में सदस्यों के नेताओं में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने, संरक्षणवाद का विरोध करने तथा मुक्त व्यापार व पूंजी निवेश बढ़ाने पर व्यापक सहमत्तियां प्राप्त हुई हैं। इस से सदस्यों में आपसी विश्वास व एकता बढ़ गयी है और विश्व वित्तीय संकट पर अंकुश लगाने तथा विश्व आर्थिक विकास बढ़ाने के लिए विश्वास पक्का हो गया ।

इस के अलावा एपेक सदस्यों में विकासशील सदस्यों और नवोदित अर्थ-समुदायों का अनुपात अधिक है ,इन सदस्यों को वित्तीय व्यवस्था के सुधार में बोलने का ज्दाया अधिकार पाना या नहीं पाना और वर्तमान वित्तीय संकट की साया से बाहर निकलना या नहीं निकलना भी एपेक के विकास की सफलता या विफलता के लिए कुंजी है । इसलिए मौजूदा सम्मेलन में विभिन्न सदस्यों ने व्यापार व निवेश में भित्ती खड़ी करने का विरोध करने, मुक्त व्यापार व निवेश बढ़ाने तथा दोहा वार्ता बढ़ा कर जल्दी ही बॉगोर लक्ष्य प्राप्त करने जैसे सवालों पर सहमति प्राप्त की है ,जो एपेक सदस्यों में आर्थिक पुनरूत्थान व विकास के लिए प्रेरक भूमिका अदा करेगी।

16वें अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में सकारात्मक उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। लोकमतों का विश्वास है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र समान प्रयास से वित्तीय संकट से गुजर कर समृद्धि व विकास का दिन लाएगा।