एपेक का 16वां अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 23 नवंबर को तीसरे पहर पेरू की राजधानी लीमा में समाप्त हुआ। विभिन्न सदस्य देशों के नेताओं या प्रतिनिधियों ने शिखर सम्मेलन के बाद जारी लीमा घोषणा पत्र में जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की अपील की।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के मुकाबले में सफलता या असफलता प्राप्त करना आनेवाले पीढ़ियों के हितों से संबंधित है। जलवायु परिवर्तन के एक विश्वव्यापी सवाल के रूप में विभिन्न पक्षों को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन ढांचागत संधि और क्योटो प्रोटोकॉल में निर्धारित अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए इस सवाल का मुकाबला करना चाहिए।
घोषणा पत्र में एशिया व प्रशांत क्षेत्र में वन की बहाली व अनवरत प्रबंध वेब की स्थापना का स्वागत किया गया और इस वेब पर और ज्यादा पूंजी लगाने का वचन देने के लिए चीन की प्रशंसा की गई। घोषणा पत्र में जलवायु परिवर्तन की गति धीमी करने में सहयोग का समर्थन किया गया और साफ ऊर्जा व पुनरुत्पादनीय ऊर्जा का विकास व उपयोग करने की प्रेरणा भी दी गई।
घोषणा पत्र में वचन भी दिया गया है कि अगले साल संयुक्त राष्ट्र के कोपेनहेगन सम्मेलन में वर्ष 2012 के बाद न्यायपूर्ण व कारगर जलवायु परिवर्तन इन्तज़ाम पर सहमति के लिए ठोस कार्यवाही की जाएगी। (ललिता)