प्रतिनिधि मंडल ने तिब्बत में जनवादी सुधार से लेकर आज तक तिब्बत में प्रगति व विकास, आर्थिक व सामाजिक बुनियादी स्थिति, 14 मार्च ल्हासा धटना की वास्तविक स्थिति, वर्तमान तिब्बत की स्थिरता और दलाई लामा ग्रुप के तथाकथित उच्च स्तरीय स्वशासन की असलियत आदि विषयों से अवगत कराया ।
प्रतिनिधि मंडल के नेता चीनी तिब्बती विद अनुसंधान केंद्र के धार्मिक प्रतिष्ठान के निदेशक श्री चङ त्वे ने चीनी तिब्बती विद अनुसंधान की वर्तमान स्थिति, जातीय संस्कृति और धार्मिक विश्वास व संरक्षण का परिचय दिया । उन्होंने कहा कि चीन की केंद्र सरकार और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने गत दसियों वर्षों में मठों आदि धार्मिक स्थलों की मरम्मत के लिए भारी धन राशि लगायी, और तिब्बती बंधुओं के स्वतंत्र धार्मिक विश्वास की पूर्ण गारंटी की ।
दलाई लामा सवाल की चर्चा में श्री चङत्वेई ने कहा कि केंद्रीय सरकार के संबंधित विभाग दलाई लामा के निजी प्रतिनिधि के साथ अनेक बार संपर्क किया । लेकिन दलाई लामा ग्रुप के तथाकथित तिब्बत के उच्च स्तरीय स्वशासन को लागू करने का उद्देश्य मातृभूमि को विभाजित करना और तिब्बत की स्वाधीनता करना है, जिसे केंद्र सरकार और तिब्बती जनता स्वीकार नहीं कर सकती ।(श्याओ थांग)
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