2008-11-20 16:36:56

चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल की भारत यात्रा समाप्त

दोस्तो , 20 नवम्बर को सौ सदस्यों से गठित चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल भारत की दस दिवसीय यात्रा समाप्त कर स्वदेश लौट आया । प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने भारत में ठहरने के दौरान वर्तमान भारत के विकास को अपनी आंखों से देखा है और चीन व भारत के बीच आदान प्रदान करने की आवश्यकता महसूस की है । 

चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल की नेता अखिल चीन नौजवान संघ और चीनी कम्युनिस्ट नौजवान लीग के केंद्रीय सचिवालय की सचिव सुश्री वांग हुंग येन हैं । यात्रा के दौरान चीन के विभिन्न क्षेत्रों से आये सौ युवा कार्यक्रताओं , उद्यमियों , विद्वानों , कलाकारों व छात्रों ने भारतीय समाज का गहन रूप से निरीक्षण दौरा किया । प्रतिनिधि मंडल की नेता सुश्री वांग हुंग येन ने अपना अनुभव बताते हुए कहा भारत सरकार व खेलकूद मंत्रालय ने इस यात्रा को अत्यंत महत्व दिया है , दस दिवसीय यात्रा के दौरान हम ने मुबई , पूने , आगरा , दिल्ली और जयपुर इन पांच शहरों का दौरा किया और समुदायों , स्कूलों , कारखानों , कृषि फार्मों को देखा तथा युवा संगठनों व भारतीय युवाओं के साथ व्यापक आदान प्रदान कर लिया ।

भारत में ठहरने के दौरान विविधतापूर्ण यात्रा कार्यक्रमों व रंगारंग गतिविधियों से चीनी युवा प्रतिनिधि बहुत प्रभावित हुए हैं । प्रतिनिधि मंडल के सदस्य , च्यांग सू प्रांतीय बिजली पावर कम्पनी के इंजीनियर पाओ थुंग ने कहा हम ने भारतीय युवाओं की स्नेह व मैत्री महसूस की है , विशेषकर मुबई व पूने पहुंचने के बाद हम ने देखा है कि वहां के विश्वविद्यालयों के बहुत से छात्रों को चीनी संस्कृति से काफी लगाव है , वे चीन की वर्तमान जीवन स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों के रीति रिवाजों से बहुत परिचित भी हैं ।

प्रतिनिधि मंडल के सदस्य , क्वांगतुंग प्रांतीय युवा संघ के उप सचिव शाओ क्वो का विचार है कि भारतीय युवा चीनी मित्रों के साथ आदान प्रदान करने के इच्छुक हैं ।

मुझे लगता है कि भारतीय युवा बहुत आशाप्रद हैं और वे हमारे साथ आदान प्रदान करना चाहते हैं । वे चीन के बारे में जानते हैं , विशेषकर पिछले तीस सालों में चीन में हुए परिवर्तनों से वाकिफ हैं ।

प्रतिनिधि मंडल के सदस्य , क्वांगतुंग प्रांतीय युवा संघ के सदस्य थान ल्येन का मानना है कि चीन को अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं के संरक्षण में भारत के सफल प्रयासों से सीखना चाहिये। 

मैं ने देख लिया है कि भारत में सचमुच प्रगति हुई है , मेरा विचार है कि अपनी परम्पराओं के संरक्षण में भारत ने बहुत अच्छा किया है , यह हमारे लिये सीखने लायक है ।

कई दिनों के आदान प्रदान से प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को पता चला है कि अब अधिकाधिक भारतीय लोग चीन , चीनी युवा पीढ़ी और सामाजिक विकास में चीनी युवाओं की भूमिका पर नजर रखे हुए हैं । पूने सिम्बिओसिस अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सेंटर के संस्थापकों में से एक श्री मुजुम्दर ने अपने सेंटर के दौरे पर आये चीनी प्रतिनिधि मंडल के स्वागत में कहा मैं ने बड़ी प्रसन्नता से देख लिया है कि चीन व भारत दोनों देशों की सरकारों ने दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान प्रदान करने का निर्णय किया है । मुझे विश्वास है कि मौजूदा खुली दुनिया में युवा पीढ़ी संस्कृति व मैत्री का प्रचारक होगी । मेरा विचार है कि चीन व भारत दो देशों के युवाओं के आदान प्रदान का भारी महत्व है ।

यह चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की 2007 में भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संपन्न फैसले के अनुसार भारत यात्रा पर गया था । यह भारत यात्रा पर गया तीसरा चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल ही है । चीनी प्रतिनिधि मंडल को बिदाई देने पर भारीत युवा मामलात व खेलकूद मंत्री श्री गिल ने दोनों देशों के इस निर्णय की तारीफ की और संबंधित आदान प्रदान व्यवस्था को और संपूर्ण बनाने का सुझाव भी दिया । 

उन का कहना है कि मैं ने खुशी से देखा है कि दोनों देशों की सरकार द्वारा संबंधित निर्णय किये जाने के बाद चीनी व भारतीय युवाओं ने तीन खेपों में आदान प्रदान कर लिया है । दोनों देशों के युवा विभागों को इस काम को और बखूबी अंजाम देने के लिये सारांश निकाला चाहिये ।