2008-11-19 15:59:49

लोकप्रिय स्वादिष्ट स्छ्वान प्रांतीय व्यंजनों की विशेष पहचान

दक्षिण पश्चिम चीन में स्थित स्छ्वान प्रांत चीनी लोगों में स्वादिष्ट भोजन का स्वर्ग माना जाता है और स्छ्वान पाक कला चार चीनी विख्यात पाक कलाओं की गिनती में भी आती है , और तो और पकाए जाने के तौर तरीकों ने और विशेष स्थानीय स्वाद ने सारी दुनिया में अपनी विशेष पहचान बना रखी है क्योंकि स्छ्वान वासी अपने भोजन के विविध स्वादों में तीक्ष्ण तेज़ भोजन खाना ज्यादा पसंद करते हैं , इसलिये लोगों को स्छ्वान भोजन का जिक्र करते ही तीक्ष्ण तेज , ताजा व सुगंध वाले व्यंजनों की याद आ जाती है । तो स्छ्वान में इस प्रकार के विशेष आहार की परम्परा कैसे बनी । स्छ्वान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सांसारिक शास्त्र के विद्वान प्रोफेसर माओ च्येन ह्वा ने कहा कि यह परम्परा मुख्यतः स्छ्वान प्रांत के इतिहास व भौगोलिक तत्वों से जुड़ी हुई है।

प्रिय दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में लोकप्रिय स्वादिष्ट स्छ्वान आहार के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत है।

दक्षिण पश्चिम चीन में स्थित स्छ्वान प्रांत चीनी लोगों में स्वादिष्ट भोजन का स्वर्ग माना जाता है और स्छ्वान पाक कला चार चीनी विख्यात पाक कलाओं की गिनती में भी आती है , और तो और पकाए जाने के तौर तरीकों ने और विशेष स्थानीय स्वाद ने सारी दुनिया में अपनी विशेष पहचान बना रखी है क्योंकि स्छ्वान वासी अपने भोजन के विविध स्वादों में तीक्ष्ण तेज़ भोजन खाना ज्यादा पसंद करते हैं , इसलिये लोगों को स्छ्वान भोजन का जिक्र करते ही तीक्ष्ण तेज , ताजा व सुगंध वाले व्यंजनों की याद आ जाती है । तो स्छ्वान में इस प्रकार के विशेष आहार की परम्परा कैसे बनी । स्छ्वान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सांसारिक शास्त्र के विद्वान प्रोफेसर माओ च्येन ह्वा ने कहा कि यह परम्परा मुख्यतः स्छ्वान प्रांत के इतिहास व भौगोलिक तत्वों से जुड़ी हुई है।

उन का कहना है कि स्छ्वान प्रांत बेसिन में अवस्थित है , इसलिये मौसम ज्यादा नम है और लोग आसानी से गठिया के रोग का शिकार हो सकते हैं। काली मिर्च और लाल मिर्च शरीर में ठंडी व नमी को भगाने का काम करती है , इसलिये काली मिर्च व लाल मिर्च का मिश्रित स्वाद स्थानीय भौगोलिक वातावरण व मौसम से घनिष्ठ रुप से संबंधित है । अतः यह कोई आकस्मिक बात नहीं है कि स्छ्वान प्रांत में हान जाति के अतिरिक्त छांग और ई जातियों समेत अन्य अल्पसंख्यक जातियां भी काली मिर्च व लाल मिर्च का मिश्रित स्वाद क्यों पसंद करती रही हैं ।

आपूर्ण आंकड़ों के अनुसार स्छ्वान भोजन की किस्में कोई चार हजार से अधिक हैं , जिन में मा पो सोयाबिन पनीर प्रसिद्ध स्छ्वान परम्परागत भोजन की गिनती में आता है । छंगतू शहर के पुराने मकान रेस्तरां के जिम्मेदार व्यक्ति वांग पिन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि मा पो सोयाबिन पनीर का इतिहास कोई सौ वर्ष से अधिक पुराना है , इस लोकप्रिय भोजन के पीछे एक कहानी आज भी लोगों की जुबान पर ताज़ा है ।

कहा जाता है कि मा पो सोयाबिन पनीर भोजन को सब से पहले स्छ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू शहर के उत्तरी उपनगर में अवस्थित एक छोटे रेस्तरां में लोकप्रियता मिली । क्योंकि इस रेस्तरां के मालिक का कुल नाम छन था और उस की पत्नी के चेहरे पर दाग थे , चीनी भाषा में किसी महिला के चेहरे पर दाग हैं , तो उसे मा पो कहा जाता है , इसलिये लोग इस मालिक की पत्नी को मा पो छन कहकर पुकारते थे , मा पो छन अक्सर सोयाबिन के पनीर को किचन में बचे-खुचे कीमा के साथ तेल में तल कर पकाना पसंद करती थी । कौन जाने इसी प्रकार से तैयार सोयाबिन का पनीर इतना स्वादिष्ट हो गया कि यह भोजन मा पो सोयाबिन पनीर के नाम से धीरे-धीरे प्रसिद्ध हो गया । मा पो सोयाबिन पनीर फिर स्छ्वान प्रांत ही नहीं , बल्कि सारे चीन में भी धीरे-धीरे प्रसिद्ध हो गया ।

और एक भोजन जो मा पो सोयाबिन पनीर के बराबर विख्यात है , उस का नाम है स्छ्वान हो क्वो । कुछ लोगों का कहना है कि स्छ्वान प्रांत में ठहरने के दौरान यदि आप स्छ्वान हो क्वो नहीं खाते हैं , तो आप के लिये स्छ्वान जाना न जाने के बराबर है । स्छ्वान प्रांत में रहने वाले हो क्वो खाने के शौकीन हैं । हो क्वो में पानी डालकर नाना प्रकार के मसालों के साथ पानी उबाला जाता है , फिर उस में मांस , मशरूम , गोभी जैसी सब्जियों को लाल मिर्च , काली मिर्च,नमक और तिल तेल से तैयार जाम के साथ डाला जाता है, लोग आम तौर पर परिजनों या मित्रों के साथ हो क्वो के चारों तरफ बैठ कर बर्तन से निकाल निकाल कर खाते हैं ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार पेश होगा , कृपया आप आगे पढ़ें ।