2008-11-19 11:10:43

अंतरराष्ट्रीय जैविक ईंधन महासभा ब्राजील में आयोजित

अंतरराष्ट्रीय जैव-ईंधन महासभा 17 तारीख को ब्राजील के साओ पोलो में उद्घाटित हुई ।40 देशों के प्रतिनिधि जैव-ईंधन के अनवरत विकास पर विचार-विमर्श कर रहे हैं ।विश्लेषकों के विचार में वर्तमान विश्व वित्तीय संकट से जैव-ईंधन की मांग कम होगी ,लेकिन जैव-ऊर्जा के विकास का रूझान नहीं बदलेगा ।

पाचं दिवसीय महासभा में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जैव-ईंधन की सुरक्षा ,अनवरत विकास व जलवायु बदलाव जैसे मुद्दों पर गहन रूप से विचार-विमर्श करेंगे ,पर वे कोई फैसला नहीं लेंगे ।

ब्राजील के राष्ट्रपति के नागरिक मामलात आफिस की निदेशक सुश्री रौसेफ ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनोसिओ लूला द सिल्वा की ओर से उद्घाटन समारोह में भाग लिया ।वर्तमान में वित्तीय संकट विश्व में फैल रहा है ,इसलिए बहुत लोगों को जैव-ऊर्जा के भविष्य के बारे में चिंता है । इस के प्रति सुश्री रौसेफ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट ने वास्तव में अनवरत ऊर्जा के विकास के लिए एक मौका प्रदान किया है ।उन का कहना है कि विश्व आर्थिक मंदी से जैव-ऊर्जा की मांग कम होगी ,लेकिन इस संकट से हरित-ऊर्जा का विकास कार्यक्रम बनाना विभिन्न देशों के लिए एक प्राथमिक सवाल बन जाएगा ।जैव-ईंधन इस कार्यक्रम का एक अहम भाग होगा ।

उधर इस महासभा के आयोजन के उपलक्ष्य में ब्राजील व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ संगठनों ने जैव-ऊर्जा के इस्तेमाल से इंकार करने के लिए गतिविधियां भी आयोजित कीं ।चालू साल में विश्व के कुछ क्षेत्रों में खाद्यान्न संकट पैदा होने के बाद जैव-ऊर्जा के विकास पर वाद विवाद बना रहा है ।विश्व बैंक ,संयुक्त राष्ट्र खाद्यान्न व कृषि संगठन व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का समान विचार है कि जैव ऊर्जा उद्योग का विकास अनाज के दामों में तेज वृद्धि होने का मुख्य कारण है।अमरीकी सरकार की योजनानुसार अगर भविष्य में जैव ऊर्जा बीस प्रतिशत पेट्रो की जगह ले ले ,तो अमरीका का 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत मक्का उत्पाद इस क्षेत्र में प्रयुक्त होगा ।इस से न सिर्फ अमरीका में अनाज का दाम बडे पैमाने पर बढेगा ,बल्कि विश्व अनाज ढांचे पर भी इस का गंभीर प्रभाव पडेगा ।

जैव-ऊर्जा का विरोध करने वाले व्यक्तियों के विचार में जैव-ऊर्जा प्लांट बढेंगे तो अनाज की खेती की भूमि का क्षेत्रफल बडे पैमाने पर घट जाएगा ,जिस से अनाज के दाम बढेंगे और गरीबी व भूखमरी की स्थिति गंभीर होगी ।

इन आरोपों के प्रति सुश्री रौसेफ ने आपत्ति जतायी ।उन्होंने कहा कि ब्राजील में जैव-ईंधन का मुख्य स्रोत गन्ना है ।गन्ना के रोपण का क्षेत्रफल देश की कुल भूमि का केवल 0.5 प्रतिशत है ।उन्होंने जानकारी दी कि ब्राजील एक कृषि योजना पेश करेगा जिस से कृषि उत्पाद ऊर्जा व अनाज दोनों की सप्लाई को सुनिश्चित किया जा सकेगा ।

ध्यान रहे जैव ऊर्जा के इस्तेमाल में ब्राजील विश्व में अग्रसर है ।वर्तमान में ब्राजील की 70 लाख गाडियां सुरासार या सुरासार व पेट्रो के मिश्रित ईंधन का प्रयोग कर सकती हैं ।इस के अलावा ब्राजील में प्राकृतिक गैस का व्यापक प्रयोग होता है।बडी संख्या में टैक्सियां व बसें प्राकृतिक गैस का प्रयोग करती हैं ।

लोकमत के विचार में विश्व ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के अनवरत विकास से जैव ऊर्जा का विकास एक बेरोकथोक रूझान बन चुका है ।अमरीकी कृषि मंत्रालय के अधिकारी फुकना ने महासभा में विचार व्यक्त किया कि जैव ऊर्जा के क्षेत्र में अमरीका ब्राजील के साथ सहयोग करेगा और सुरासार के इस्तेमाल को मजबूत करेगा ताकि तेल पर निर्भरता कम हो सके ।सूत्रों के अनुसार वर्तमान में विश्व की जैव ऊर्जा का कुल उत्पाद 80 अरब लीटर है ।संयुक्त राष्ट्र कृषि व खाद्यान्न संगठन का अनुमान है कि वर्ष 2015 तक विश्व में जैव ऊर्जा का कुल उत्पादन 120 अरब लीटर होगा ।

अंतरराष्ट्रीय जैव-ईंधन महासभा के आयोजन के साथ प्रथम अंतरराष्ट्रीय जैव ऊर्जा प्रदर्शनी साओ पोलो में भी चल रही है ।70 कंपनियां अपने-अपने उत्पाद लेकर इस में भाग ले रही हैं ।ध्यानाकर्षक बात यह है कि इस मेले में ब्राजील द्वारा खुद विकसित सुरासार का इस्तेमाल करने वाला एक विमान प्रदर्शित हुआ है ,जो विश्व में सुरासार का इस्तेमान करने वाला पहला विमान है ।अब ब्राजील के पास 66 ऐसे विमान हैं ,जो व्यापक क्षेत्रों में प्रयुक्त होते हैं ।सुरासार का इस्तेमान करने वाले विमान का ईंधन खर्च पेट्रो का इस्तेमाल करने वाले विमान के खर्च से 40 प्रतिशत कम होता है ।