2008-11-18 10:29:43

नेपाल ने नया संविधान बनाना शुरू किया

नेपाली संविधान सभा ने 16 तारीख को सर्वसम्मति से नया संविधान बनाने की कार्यसूची का प्रस्ताव पारित किया ,जो इस बात का प्रतीक है कि नेपाल ने नया संविधान बनाना शुरू किया है ।

सूत्रों के अनुसार नेपाली संविधान सभा इस दिसंबर के मध्य से पहले 14 समितियों का गठन करेगी । संविधान सभा का दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले यानी 28 मई 2010 से पहले संविधान बनाने का काम पूरा हो जाएगा । 28 मई 2010 को संविधान सभा के अध्यक्ष पारित हुए संविधान के प्रस्ताव को राष्ट्रपति को सौंप देंगे ।फिर नेपाली राष्ट्रपति औपचारिक रूप से संविधान लागू करने की घोषणा करेंगे ।

ध्यान रहे, नेपाली संविधान सभा ने इस साल की 28 मई को राजशाही व्यवस्था खत्म कर संघीय गणराज्य की स्थापना की घोषणा की है।इस के बाद नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेता प्रचंड नेपाल के प्रथम निर्वाचित प्रधान मंत्री बने हैं ।वर्तमान में नेपाल की सब से बडी सत्ताधारी पार्टी के नाते नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) अपनी भूमिका कैसे निभाएगी ..यह एक ध्यानाकर्षक सवाल है ।

राजशाही व्यवस्था विरोधी सशस्त्र बल से एक वैधानिक सत्ताधारी पार्टी बनने तक नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने लंबी राजनीतिक छलांग लगायी है । वर्तमान में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के अंदर दो प्रमुख आवाजें हैं।एक ,विदेशी पूंजी को नियंत्रित करते हुए देश में समाजवादी सुधार कर एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना की जाए ।दूसरा ,विश्व में लोकप्रिय कानूनी व्यवस्था स्थापित की जाए और नेपाल को यथाशीघ्र ही एक आधुनिक देश बनाने की कोशिश की जाए ।कुछ सदस्यों का दावा है कि माओवादी नाम रद्द कर नरम राजनीतिक कार्यक्रम लागू किया जाए । पार्टी के अंदर विभिन्न आवाजों के प्रति प्रचंड ने स्पष्ट रूख व्यक्त नहीं किया है।पिछले कई महीनों की स्थिति से देखा जाए तो नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने लचीली व व्यावहारिक नीति अपनायी है ।सत्ता में आने के बाद प्रचंड ने अनेक बार कहा है कि नेपाल सरकार आर्थिक विकास व जन-जीवन की उन्नति को प्राथमिकता देगी ।विदेश नीति के बारे में प्रचंड ने कहा कि नेपाल सभी देशों खासकर पडोसी देशों के साथ शांति व मैत्री बढाएगा। पदग्रहण करने के बाद प्रचंड ने पेइचिंग ऑलंपिक के समापन समारोह में भाग लिया और चीनी नेताओं के साथ वार्ता की ।इस सितंबर में प्रचंड ने मंत्रिमंडल के मुख्य सदस्यों को लेकर भारत की यात्रा की ।इस नवंबर के मध्य में प्रचंड ने बंगाल की खाडी क्षेत्र के देशों के शिखऱ सम्मेलन में हिस्सा लिया और फिर भारत की यात्रा की ।

विदेशी मामलों के निपटारे में यह स्पष्ट है कि प्रचंड सरकार ने व्यावहारिक नीति अपनायी है ।भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने कई दौर की वार्ता की ।दोनों देश पिछली सदी के पचास वाले दशक में संपन्न भारत नेपाल शांति व मैत्री समझौते के संशोधन पर सहमत हुए । भारत ने नेपाल को बडी आर्थिक राहत प्रदान करने का फैसला किया ।दोनों देशों ने सीमांत नदियों के विकास ,मादक पदार्थ तस्करी की रोकथाम जैसे मुद्दों पर मतैक्य भी प्राप्त किया ।इस के अलावा नेपाल ने शांति व मैत्री और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलदांजी न करने की विदेश नीति का पालन करते हुए नेपाल में ठहरे तिब्बती स्वाधीनतावादियों पर कड़ा नियंत्रण किया है।नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की व्यावहारिक विदेश नीति से नेपाल को एक लाभकारी वातावरण मिला है ,जिस से नेपाल के आर्थिक सुधार व सामाजिक विकास को बढावा मिलेगा ।

नेपाल के नये संविधान में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी(माओवादी) की सिलसिलेवार नीतियां प्रतिबिंबित होंगी ।लेकिन संविधान सभा में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का बहुमत नहीं है ।इसलिए संविधान बनाने में उसे दूसरी पार्टी की राएं सुननी होंगी ।इसलिए स्थानीय विश्लेषकों के विचार में नेपाल का नया संविधान विचारधारा को पार कर एक आधुनिक संविधान बनेगा ।इस संविधान के मुताबिक नेपाल चिरस्थाई शांति व दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करेगा ।