दक्षिण अफ्रीकी की महिला चित्रकार सुश्री एन्जेला ने 5 चित्रों की एक श्रृंखला रची, जिन में चीन में उन की आंखों देखे दृश्यों का चित्रण किया गया, जिस के जरिए चीन के खुलेपन व सुधार, शहरी निर्माण, चीन-अफ्रीका संबंध के बारे में उन की अपनी समझ अभिव्यक्त की गयी हैं। चीन की यात्रा से उन्होंने चीनी चित्रकारों व चीनी परंपरागत चित्र कला पर अधिक अनुभव प्राप्त भी किया। इस पर उन्होंने कहाः
हम अन्य चीनी चित्रकारों के चित्र रूम का दौरा कर सकते हैं और उन के साथ व्यक्तिगत आवाजाही कर सकते हैं। हर व्यक्ति बहुत मैत्रीपूर्ण है और अपनी रचना दिखाने का इच्छुक है।
चीनी संस्कृति मंत्रालय के वैदेशिक संपर्क ब्यूरो के सहायक प्रभारी श्री यू फान ने परिचय देते हुए कहा कि 2006 में आयोजित चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन के बाद चीन सरकार की आशा है कि चीन व अफ्रीका सांस्कृतिक आवाजाही पर अधिक गतिविधि आयोजित कर सकेंगे। इसलिये यह गतिविधि आयोजित की गयी , जिस के तहत इस साल अफ्रीकी सांस्कृतिक विशेषज्ञ चीन की संबंधित संस्था में अध्ययन के लिए पद संभालने आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने इस के संदर्भ में कहाः
चीनी व अफ्रीकी सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रबंधकों के बीच आवाजाही होगी या नहीं और किस तरह आवाजाही होगी। अगर आप अफ्रीकी संग्रहालय में प्रदर्शनी ब्यूरो के प्रभारी हैं तो आप अवश्य अन्य देशों के संग्रहालय की स्थिति की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ,इस के मुद्देनजर आप को चीन की समानांतर संस्था में प्रभारी के पद पर नियुक्त किया जाता है । मेरे विचार में ऐसे प्रबंधन से आपसी आवाजाही और आदान प्रदान और गहरा हो सकेगा ।
8 अफ्रीकी देशों के संग्रहालय जगत के प्रतिनिधियों ने चीन के वैदेशिक जांत कर्ता की हैसियत से पेइचिंग, शांगहाई व छांगछुन के संग्रहालयों की स्थिति व अफ्रीका के साथ संपन्न कार्यक्रमों का निरीक्षण दौरा किया। जाम्बिया से आये श्री थेरी ने कहा कि चीनियों में परंपरागत संस्कृति को मूल्यवान समझने की बात ने उन पर गहरी छाप छाड़ी। उन्होंने कहाः
मुझे लगता है कि चीनी लोग अपनी संस्कृति को बहुत मूल्यवान समझते हैं। उदाहरण के लिये अगर आप पेइचिंग के प्राचीन शाही प्रासाद गए तो आप को पता चला कि भारी भीड़ में चीनी लोग अपनी सांस्कृतिक अवशेष को देखने आते हैं। उन्हें अपनी संस्कृति पर बहुत स्पष्ट समझ है। अपनी परंपरागक संस्कृति की रक्षा करना व उसे विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
केनियाई राष्ट्रीय संग्रहालय के वैज्ञानिक माटिन ने विचार में दोनों बीच सहयोग बढ़ाया जाना चाहिये।
अफ्रीकी विशेषज्ञ चीन आकर असली गांवों व विभिन्न स्तरों के संग्रहालय देख सकते हैं। चीनी विशेषज्ञ अफ्रीका जा सकते हैं। इस तरह हम दोनों पक्षों की संस्कृति के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग व आवाजाही बढ़ा जा सके। काफी ज्यादा क्षेत्रों में हम एक दूसरे से सीख सकते हैं।
चीन सरकार द्वारा मौका तैयार कर चीनी व अफ्रीकी विशेषज्ञों व विद्वानों व अधिकारियों के बीच वार्ता कराने व एक दूसरे से सीखने देने की कोशिशों का अफ्रीकी अधिकारियों ने उच्च मुल्याकंन किया है ।
गार्बोन के उपप्रधान मंत्री अबेसोले ने हमारे संवाददात के साथ साक्षात्कार में कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि चीन व अफ्रीका के बीच तरह तरहों के सांस्कृतिक आदान प्रदान चल रहे हैं और ऐसी कार्यवाही दिन ब दिन विविधतापूर्ण हो रही है। उन की आशा है कि ऐसे आदान प्रदान और अधिक व गहरे होंगे।(रूपा)