चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ दो हफ्तों की विदेश यात्रा के लिए 14 तारीख को पेइचिंग से रवाना हुए। यात्रा के दौरान वे जी-20 और एपेक के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और गास्डारिका, क्यूबा, पैरू और यूनान की यात्रा करेंगे । अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान चीनी शीर्ष नेता न केवल वित्तीय संकट आदि अहम अन्तरराष्ट्रीय मसलों पर चीन के रूखों पर प्रकाश डालेंगे, साथी ही चीन और संबंधित देशों के द्विपक्षीय सहयोग के भावी विकास की दिशा निर्देशित करेंगे ।
वाशिंगटन चीनी राष्ट्राध्यक्ष की मौजूदा यात्रा का पहला पड़ाव है । स्थानीय समय के अनुसार 15 तारीख की सुबह जी-20 वित्तीय शिखर सम्मेलन इस नगर में होगा । सम्मेलन में चर्चित होने वाले बाजार उबारने के संयुक्त प्रयासों और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के सुधार के सवाल पर व्यापक ध्यान दिया गया है और चीन के रूख भी लोकमतों के ध्यानाकर्षण का केन्द्र रहेगा।
चीनी विदेश उप मंत्री ह याफी ने हाल में शिखर सम्मेलन के बारे में चीन के रूख की व्याख्या करते हुए कहाः
हमें विकासमान, खास कर अति अविकसित देशों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। हम विभिन्न पक्षों के कर्तव्यों पर जोर देंगे । मसलन् मुख्य विकसित देशों को अपनी समग्र अर्थनीति के कार्यान्वयन के वक्त उस के विश्व अर्थतंत्र, खास कर अन्य देशों और विकासशील देशों पर पड़ने वाले प्रभाव का ख्याल किया जाएगा।
श्री ह याफी ने कहा कि संबंधित पक्षों को खुले रवैये अपना कर अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के सुधार की योजना बनाना चाहिए और इस के लिए दूरगामी दृष्टिकोण अख्तियार करना चाहिए । उन्हों ने कहा कि चीन की आशा है कि संपूर्ण सलाह मशविरे के जरिए विश्व वित्तीय व्यवस्था का चतुर्मुखी व कारगर सुधार किया जाएगा और अंत में एक न्यायोचित, युक्तिसंगत, उदारतापूर्ण व सुव्यवस्थित अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की स्थापना की जाएगी, इस लक्ष्य के लिए विभिन्न पक्षों को संजिदगी से प्रयास करना चाहिए।
22 और 23 नवम्बर को एपेक के नेताओं का 16 वां अनौपचारिक सम्मेलन पैरू में होगा। बीते एक साल में एपेक ने क्षेत्रीय व्यापार की स्वतंत्रता और सदस्यों के बीच आर्थिक तकनीकी सहयोग को मजबूत करने में अतूल्य भूमिका अदा की है । विश्वव्यापी वित्तीय संकट और अनाज व ऊर्जा सुरक्षा के सवालों पर एशिया प्रशांत क्षेत्र के अहम अर्थमंच के रूप में एपेक के नये वचन ध्यानाकर्षक है । एपेक के अहम सदस्य होने के नाते चीन की कार्यवाही भी ध्यान का केन्द्र रहेगा । चीनी उप विदेश मंत्री ह याफी ने कहाः
एपेक के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिति और अनाज व ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर चीन के रूख और प्रस्ताव स्पष्ट करेंगे और एपेक में विभिन्न सहयोग के विकास के बारे में ठोस सुझाव पेश करेंगे। नेताओं तथा एपेक उद्योग व वाणिज्य परामर्श परिषद के प्रतिनिधियों के बीच वार्तालाप में श्री हु चिनथाओ अर्थव्यवस्था व वित्तीय सवाल पर रायों का आदान प्रदान करेंगे।
तीन लातिन अमरीकी देशों और यूनान की यात्रा भी ध्यानाकर्षक है। श्री हु चिनथाओ की गास्डारिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अर्थ-व्यापार, वित्त, ऊर्जा, शिक्षा, विज्ञान व तकनीकी के अनेक क्षेत्रों में सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। श्री हु चिनथाओ क्यूबा व पैरू की भी यात्रा करेंगे। हु चिनथाओ की यात्रा से चीन और इन दो देशों के परम्परागत मैत्रीपूर्ण सहयोग प्रगाढ़ होंगे।
इधर के सालों में चीन ने लातिन अमरीकी देशों के साथ संबंधों के विकास पर बड़ा महत्व दिया। इस महीने के शुरू में इस क्षेत्र के लिए चीन का प्रथम नीतिगत दस्तावेज जारी किया गया । चीनी आधुनिक विश्व संबंध अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञ सुश्री वु होंगइंग ने कहा कि श्री हु चिनथाओ की उक्त तीन लातिन अमरीकी देशों की यात्रा से चीन और इस क्षेत्र की रिश्ता और मजबूत होगी। उन्हों ने कहाः
इन सालों में चीन और लातिन अमरीका संबंध गहराई, व्यापकता और विकास-गति की दृष्टि से इतिहास के सब से अच्छे काल में दाखिल हुआ है। श्री हु चिनथाओ की मौजूदा यात्रा का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है और वह चीन लातिन अमरीका संबंधों के इतिहास की एक अहम घटना है और एक नयी शुरूआत भी है ।
यूनान श्री हु चिनथाओं की यात्रा का अंतिम पड़ाव है ,यात्रा से दोनों देशों के पूर्ण रणनीतिक साझेदारी संबंध के गहन विकास को मदद मिलेगी।