2008-11-13 17:31:15

चीन की प्रथम मध्य-दीर्घकालीन अनाज सुरक्षा योजना जारी

चीन की प्रथम मध्य व दीर्घ कालीन अनाज सुरक्षा योजना यानी 2008 ---2020 राष्ट्रीय अनाज सुरक्षा की मध्य व दीर्घकालीन योजना 13 तारीख को सार्वजनिक की गयी, जिस में यह लक्ष्य प्रस्तुत किया गया है कि अनाज के क्षेत्र में चीन की आत्म निर्भरता दर 95 प्रतिशत पर बनी रहेगी और 2020 तक चीन की अनाज उत्पादन क्षमता 5 खरब 40 अरब किलोग्राम होगी । चीनी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के अधिकारी श्री चांग श्यो झङ ने कहा कि यह कार्यक्रम चीन के ग्रामीण निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक अहम रणनीतिक कदम है और चीन के भीतरी अनाज सुरक्षा को विश्व के अनाज सप्लाई के आम ढांचे में रख कर तय किया गया है ।

13 नवम्बर को चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रिफींग में विकास व सुधार आयोग के उप मंत्री चांग श्योझङ ने चीन की राष्ट्रीय अनाज सुरक्षा की मध्य-दीर्घ कालीन योजना 2008- 2020 के बारे में जानकारी दी और कहा कि चीन सरकार हमेशा कृषि को राष्ट्रीय आर्थिक विकास के प्राथमिक स्थान पर रख देती आयी है,खास कर 2004 के बाद कृषि व किसान के लिए सिलसिलेवार उदार नीतियां जारी की हैं ,जिन के समर्थन में अनाज पैदावार सालों से बढ़ती गयी है और अनाज की मांग व आपूर्ति की स्थिति में भारी सुधार आया है । इस साल, चीन ने लगातार पांच सालों तक शानदार फसल काटी है । फिर भी चीन के सामने अनाज सुरक्षा के लिए गंभीर स्थिति मौजूद है । उन्हों ने कहाः

देश में औद्योगिकरण, शहरीकरण और जनसंख्या में वृद्धि तथा जन जीवन में उन्नति के फलस्वरूप अनाज की उपभोक्ता लगातार बढ़ती जा रही है। फिर देश में खेतों के रकबे में कटौती हुई, जल संसाधन अपर्याप्त हो गया और मौसम परिवर्तन आदि से अनाज उत्पादन का विकास अवरूद्ध हो सकेगा । चीन में अनाज की मांग और सप्लाई लम्बे समय से असंतुलित स्थिति के नजदीक आयी है और अनाज सुरक्षा पर भारी दबाव पड़ा है। इधर के सालों में अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में अनाज का नया संकट आया और कुछ देशों में अनाज की कमी के कारण उपद्रव मचा, यह ऐसी चैतावनी है कि इस से हमें सतर्क रहना चाहिए और अनाज सुरक्षा को रणनीतिक सवाल मानना चाहिए ।

13 तारीख को जारी अनाज सुरक्षा योजना में इस पर बल दिया गया कि देश की भीतरी अनाज सप्लाई पर निर्भर करते हुए अनाज उत्पादन में नीतिगत समर्थन व निवेश बढ़ाना चाहिए, कड़ाई से खेतों की रक्षा करते हुए वैज्ञानिक प्रगति से अनाज उत्पादन की सकल क्षमता उन्नत करना चाहिए । श्री चांग ने कहा कि आइंदे में चीन किसानों को अनाज उत्पादन में भत्ता बढ़ाएगा और अनाज वसूली के समर्थन दाम को बढ़ाएगा और अनाज के भंडारण व निर्यात में समन्वय करेगा।

चीनी कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञ श्री चाओ युथ्यान ने कहा कि योजना में जो अनाज की आत्म निर्भरता दर 95 प्रतिशत से अधिक बनाए रखने का लक्ष्य पेश है ,उस का अन्तरराष्ट्रीय अनाज बाजार के लिए अहम महत्व रखता है । उन्हों ने कहाः

विश्वव्यापी अनाज संकट व वित्तीय संकट की हालत में चीन की उच्च आत्म निर्भरता दर का सकारात्मक महत्ह होगा । इस से जाहिर है कि चीन में अनाज असंतुलित नहीं हुआ है । चीन की आत्मनिर्भरता विश्व की अनाज सप्लाई के लिए सकारात्मक भूमिका अदा करेगी । यदि चीन जैसा बड़ा अनाज उत्पादक देश की ऊंची आत्मनिर्भरता नहीं होती, तो विश्व अनाज सुरक्षा पर भारी असर पड़ता । चीन की इस स्थिति से विश्व अनाज के दामों को स्थिर बनाया भी जाएगा।

श्री चाओ ने कहा कि इन सालों में चीन की अनाज पैदावार लगातार बढ़ती गयी, विश्व अनाज संकट का चीन पर खास प्रभाव नहीं पड़ा । वर्तमान में चीन का अनाज व कृषि उत्पाद बाजार स्थिर रहा । 2020 तक चीन की अनाज की उत्पादन क्षमता 5 खरब 40 अरब किलोग्राम होने का लक्ष्य प्राप्त होगा। उन्हों ने कहाः

मेरे विचार में यह लक्ष्य जरूर साकार होगा । अनाज की पैदावार में वृद्धि की सब से बड़ी शक्ति इकाई उत्पादन मात्रा उन्नत करना है।

चीन की अनाज सुरक्षा योजना पर विदेशी मीडिया की आशंका पर विकास व सुधार आयोग के उप मंत्री चांग श्योझङ ने कहा कि विदेशी मीडिया ने चीन पर विदेश में खेतीबारी करने से अनाज हासिल करने का जो आरोप लगाया है, वह एकदम निराधार है। उन्हों ने कहा कि चीन मुख्यतः अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के दौरान अनाज आयात गारंटी व्यवस्था कायम करेगा और विदेशों में चीनी किसानों को खेत खरीदने या किराये पर खेती करने के लिए कतई नहीं भेजेगा ।