2008-11-13 15:33:55

चीन द्वारा आयोजित विश्व स्तरीय कलात्मक आदान-प्रदान बढ़ रहा है

चीन सरकार द्वारा आयोजित विश्व स्तरीय कलात्मक आदान-प्रदान की गतिविधियां आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ रही हैं। हर साल चीन में एशिया कला दिवस, पेइचिंग में मिलें, शांघाई अंतर्राष्ट्रीय कला दिवस आदि बड़ी सांस्कृतिक आदान-प्रदान गतिविधियों का आयोजन किया गया है। और ज्यादा से ज्यादा विदेशी कला मंडलियों को आदान-प्रदान के लिये चीन आने के मौका मिल रहे हैं।

भारतीय बॉलीवुड कला मंडली के अभिनेता श्री केल्ली लाजिमिएर ने कुछ समय से पहले संपन्न हुए दसवें एशिया कला दिवस में भाग लिया। उन्होंने कहा कि, मैंने भारत में चीनी कलाकारों का बहुत श्रेष्ठ प्रदर्शन देखा है। जिन्दगी भर मैं उसे नहीं भूलूंगा। और इस बार मुझे चीन आने का मौका मिला। इसलिये मैं ने अपने सभी साथियों को चीनी दर्शकों को भारतीय संस्कृति दिखाने के लिए पूरी कोशिश करने के लिए कहा।

जर्मन मेक्कलेऊ बेर्ग पोम्मेरनेर लोक नृत्य मंडली के श्री जोर्ज मिल्लोर ने वर्ष 2007 में चीन आकर सातवें चीनी अंतर्राष्ट्रीय लोक कला दिवस में भाग लिया। उन्होंने पहली बार चीनी दर्शकों के लिये अपना परंपरागत नृत्य पेश किया। उन्होंने उत्तेजित होते हुए कहा, यह उत्तर जर्मनी में एक लोकप्रिय जातीय संगीत व नृत्य है। इस की बहुत कहानियां व इतिहास हैं। यह बहुत पुरातन है। कुछ नृत्यों का सैकड़ों वर्ष का इतिहास है। हम ने पूरी कोशिश करके इस लोक नृत्य को लोकप्रिय बनाया। हमारी नृत्य मंडली अक्सर विश्व के विभिन्न जगहों में प्रदर्शन करती है। यह पहली बार है कि हमने चीन की यात्रा की। हमें ताज्जुब हुआ है कि यहां गतिविधियां बहुत अच्छी तरह से आयोजित की जाती हैं। और कलात्मक शैली भी रंगारंग हैं। हमें यहां बहुत अच्छा लगा।

साथ ही चीन सरकार ने चीनी संस्कृति के विदेश में प्रसार-प्रचार करने की दिशा में भी बड़ा विकास किया है, ताकि चीनी कला व संस्कृति के प्रति विदेशियों की समझ बढ़ सके। वर्ष 2004 से चीन सरकार ने अफ़्रीका, उत्तर अमरीका व ओशिनिया में चीनी सांस्कृतिक दिवसों का आयोजन किया। आंकड़ों के अनुसार हर साल चीनी संस्कृति मंत्रालय द्वारा अनुमोदित वैदेशिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान मुद्दों की संख्या दो हजार के लगभग है, और आवाजाही लोगों की संख्या 30 हजार से ज्यादा पहुंच गयी है।

पर कुछ विशेषज्ञों ने यह अपील की कि चीन को अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक बाजार की प्रतिस्पर्द्धा में भाग लेना, विदेश में अपने प्रभाव को विस्तृत करना, और आपसी समझ को मजबूत करना चाहिए। उपक्रमों को ज्यादा से ज्यादा प्रसिद्ध ब्रांड स्थापित करने चाहिंए, और सरकार को उन का समर्थन करना चाहिए। पेइचिंग यूनिवर्सिटी के सांस्कृतिक व्यवसाय अनुसंधान प्रतिष्ठान के उपप्रधान श्री छन शाओ फ़ेन ने कहा कि, प्रसिद्ध ब्रांड की स्थापना करनी चाहिए। आर्थिक व सांस्कृतिक नियम के आधार पर उच्च मूल्य वाले सांस्कृतिक उत्पादों का निर्माण करना चाहिए।कुछ जगहों पर मैं ने व्यक्तिगत सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्पादों के निर्यात केंद्र की स्थापना की जानी चाहिए, और निर्यात उत्पादों का अनुसंधान करना और सांस्कृतिक व्यवसाय के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में चीन की शक्ति को चतुर्मुखी तौर पर बढ़ाना चाहिये।(चंद्रिमा)