2008-11-13 15:30:03

2008 में चीन व अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक आवाजाही बढ़ी

2008 चीनी अफ्रीकी सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि 23 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक दक्षिण चीन के शेन जेन शहर में आयोजित हुआ। सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि में भाग लेने वाले चीनी व अफ्रीकी कला जगत के विशेषज्ञों व अधिकारियों ने हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि चीन व अफ्रीका को परंपरागत मित्रता व दोनों के बीच आवाजाही लगातार बढ़ाना और अधिक समझ के लिए तरीका तैयार करना चाहिये।

2008 चीनी अफ्रीकी सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि 2006 में चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखऱ सम्मेलन के आयोजन के बाद चीन में आयोजित सब से बड़े पैमाने वाली ऐसी सांस्कृतिक कार्यवाही है , जिस का उद्देशय अफ्रीका की संस्कृति का परिचय देना है । इस के दौरान 25 अफ्रीकी देशों से आये 140 कलाकार, विशेषज्ञ व अधिकारी चीन आये थे और गतिविधि के दौरान उन्हों ने चीन का दौरा किया व चीनी लोगों के लिये रंगबिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा कला प्रदर्शनी लगायी । सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि के बाद वे चीन के विभिन्न स्थानों का दौरा भी करेंगे।

विशेष अफ्रीकी कला प्रदर्शनी 2008 चीनी अफ्रीकी सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधियों में से एक है, जिस ने विभिन्न रूपों से अफ्रीकी काल संस्कृति की विशेषता दर्शायी है। प्रदर्शनी में सेनेगर के संग्रहालय की संगृहित चीजें, गार्बोन के परंपरागत लोक कला की वस्तुएं, मिस्र के सांस्कृतिक अवशेष तथा अफ्रीका गए चीनी कलाकारों द्वारा अफ्रीका के बारे में रची गयी कला कृतियां एवं चीन में प्रकाशित अफ्रीका संदर्भित पुस्तकें प्रदर्शित हुई हैं। चीनी वैदेशिक कला प्रदर्शनी केंद्र के उपप्रभारी श्री रेन वान युन ने कहाः

मौजूदा प्रदर्शनी में अफ्रीका को विभिन्न पहलुओं से पूर्ण रूप से प्रदर्शित किया गया है। हमें न केवल अफ्रीका पर एक संपूर्ण इमेज प्राप्त हो सकती है, बल्कि अफ्रीका के विभिन्न क्षेत्रों के कला की सूक्ष्म विविधता भी महसूस हो सकती है और अफ्रीका की कला संस्कृति की झटका देने वाली मोहन शक्ति भी अनुभव हुई है । अफ्रीका की कला आदिम रूप में है जिस में प्रचुर जीवन शक्ति निहित है । इसलिए चीनी कलाकार अफ्रीकी कला कृतियों से अत्यन्त प्रभावित और उत्साहचकित हुए हैं।

2006 से चीन सरकार ने अफ्रीकी सांस्कृतिक जगत के व्यक्तियों को चीन यात्रा के लिए बुलाने की याजना लागू करना शुरू किया है। इस साल योजना के पैमाना का विस्तार किया गया और बहुत से अफ्रीकी देशों के कलाकारों, चित्रकारों , सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण विशेषज्ञों व सांस्कृतिक अधिकारियों को सांस्कृतिक आदान प्रदान गतिविधि में आमंत्रित किया गया है, जिन में दक्षिण अफ्रीका, बेनिंग, कोर्टडिवा आदि पांच देशों से आये कलाकारों ने शेन जेन ललितकला कालेज में दो महीने अध्ययन कर कला सृजन किया है। इस के दौरान केनियाई चित्रकार एडवार्ड ने चीनी चित्रकारों के साथ कला संबंधी आदान प्रदान किया। जब उन्होंने चीनी कलाकारों द्वारा रचित विभिन्न रूपों की अफ्रीका संदर्भित रचनाएं देखीं, तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ है कि चीनी कलाकार अफ्रीकी संस्कृति की गुढ को इतने गहन रूप से समझ सकते हैं । उन्होंने कहाः

मुझे बहुत आश्चर्य लगा है। ये चीनी कलाकार पश्चिम लोगों से कहीं अधिक अच्छी तरह और सही तौर पर अफ्रीका को समझते हैं। उन की रचनाएं देख कर मुझे लगता है कि ये रचनाएं अफ्रीकी लोगों द्वारा तैयार की गयी हैं।

शेन जेन ललित कला कालेज की कार्यकारी कुलपति सुश्री ल्यू जुन जेइ ने कहा कि उन के कालेज ने अफ्रीकी चित्रकारों के लिए बहुत सी गतिविधियों का प्रबंध किया है। उन्होंने कहाः

अफ्रीकी कलाकार हमारे कालेज में कलाकृति बनाते हैं, फिर हम ने उन की रचनाओं की प्रदर्शनी लगायी और ललित कला पर अकादमिक बैठक भी बुलायी । हम ने इन मेहमानों के सांस्कृतिक आदान प्रदान के लिये देश के विभिन्न स्थान जाने का बंदोबस्त किया। आदान प्रदान के रूप में उन की कुछ रचनाएं हमारे कालेज में सुरक्षित कर रखी जाएंगी।(रूपा)