2008-11-12 15:20:55

पेइचिंग में पुराना रूसी रेस्तारां पेइचिंग वासियों के मन में दर्शनीय स्थल है

पेइचिंग स्थित रूसी भोजन की चर्चा में पेइचिंग के मास्को रेस्तारां यानी नये चीन की स्थापना के बाद स्थापित प्रथम पश्चिमी रेस्तारां का उल्लेख करना जरूरी है। 1954 में मास्को रेस्तारां समेत पेइचिंग प्रदर्शनी भवन समूह पश्चिम पेइचिंग के शी ची मन के बाहर खड़ा किये गये । पेइचिंग वासी बड़े प्यार से मास्को रेस्तारां को लाओ मो यानी पुराने मास्को कहकर पुकारते हैं ।

मास्को रेस्तारां सपने का शुरुआती स्थल वाले अक्षर मास्को रेस्तारां के गेट पर लगे बार्ड पर अंकित हुए हैं । पूर्व सोवियत संघ के केंद्रीय डिजाइनिंग प्रतिष्ठान द्वारा डिजाइन किये गये मास्को रेस्तारां के निर्माण में सोना जैसी बेशकीमती सामग्री का प्रयोग किया गया , उस का विशाल पैमाने और वैभवता ने तत्काल पेइचिंग में बड़ी धूम मयाई । मास्को रेस्तारां के प्रधान रसोइये वांग चाओ चुंग की याद में वैभवता मास्को रेस्तारां का प्रतिनिधित्व शब्द ही है ।

प्रिय दोस्तो , यदि 50 साल से पहले किसी एक साधारण पेइचिंग वासी को पेइचिंग में स्थित मास्को रेस्तारां में एक टुकड़ा लेब खाने और एक कप वोटका शराब पीने का मौका मिला , तो यह उस के लिये एक बड़े गर्व की बात मानी जाती थी । पर आज रुसी रेस्तारां , जहां पूर्व सोवियत संघ के प्रसिद्ध पुराने गाने सुनाये देते हैं और रूसी लाल सब्जी सूप का सुगंध व्याप्त है , पेइचिंग के हर क्षेत्र में देखने को मिलते हैं , रूसी भोजन का मजा लेना कोई बड़ी बात नहीं है । दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ पेइचिंग स्थित एक रूसी रेस्तारां देखने जा रहे हैं ।

पेइचिंग स्थित रूसी भोजन की चर्चा में पेइचिंग के मास्को रेस्तारां यानी नये चीन की स्थापना के बाद स्थापित प्रथम पश्चिमी रेस्तारां का उल्लेख करना जरूरी है। 1954 में मास्को रेस्तारां समेत पेइचिंग प्रदर्शनी भवन समूह पश्चिम पेइचिंग के शी ची मन के बाहर खड़ा किये गये । पेइचिंग वासी बड़े प्यार से मास्को रेस्तारां को लाओ मो यानी पुराने मास्को कहकर पुकारते हैं ।

मास्को रेस्तारां सपने का शुरुआती स्थल वाले अक्षर मास्को रेस्तारां के गेट पर लगे बार्ड पर अंकित हुए हैं । पूर्व सोवियत संघ के केंद्रीय डिजाइनिंग प्रतिष्ठान द्वारा डिजाइन किये गये मास्को रेस्तारां के निर्माण में सोना जैसी बेशकीमती सामग्री का प्रयोग किया गया , उस का विशाल पैमाने और वैभवता ने तत्काल पेइचिंग में बड़ी धूम मयाई । मास्को रेस्तारां के प्रधान रसोइये वांग चाओ चुंग की याद में वैभवता मास्को रेस्तारां का प्रतिनिधित्व शब्द ही है ।

उस समय मास्को रेस्तारां की सभी सेविकाएं रूसी लड़कियां थीं , बाथरूम में लिब्स्टिक और इत्र जैसे श्रृंगार प्रसाधान रखे हुए थे । रसोईघर में बड़ी तादाद में प्लेट , कटोरे , चाकू व कांटे , शराब और अन्य कच्चे माल सब के सब पूर्व सोवियत संघ से आयातित हुए थे , सब उच्चे कोटि के थे , बहुत सुंदर भी ।

मास्को रेस्तारां में पूर्व सोवियत संघ की जातीय विशेषताओं वाले भोजनों के अतिरिक्त ब्रिटिश , फ्रांसिसी , जर्मन और इटालवी स्टाइल पश्चिमी फूड भी उपलब्ध थे ।

उस समय मास्को रेस्तारां में खाने का बिल चुकाने के लिये नकद के बजाये एक विशेष टिकट देनी थी , जबकि तत्काल में ऐसे टिकटधारिकों में अधिकतर पूर्व सोवियत संघ से आये विशेषज्ञ और विदेशों से लौटे बुद्धिजीवी थे । 2000 में मास्को रेस्तारां के पुनः विस्तार में भारी धनराशि जुटायी गयी । आज उपभोक्ताओं की नजर में मास्को रेस्तारां एक बहुत लोकप्रिय पुराना रेस्तारां बन गया है ।

बेशक , मास्को रेस्तारां में तैयार स्वादिष्ट रुसी भोजन बराबर व्यापक ग्राहकों को आकर्षित कर लेते हैं । ग्राहक सुश्री वांग इंग अकसर मास्को रेस्तारां आती है , उस ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि मुझे यहां पर तैयार लाल सब्जी सूप और बर्तन बीफ सब से पसंद हैं , बहुत अच्छा लगता है । केवल मैं ही नहीं , मेरे घर वाले भी यहां के रूसी भोजन खाना बहुत पसंद करते हैं , हम हर हफ्ते यहां आते हैं , यहां की सेवाएं व खाना सब कुछ प्रशंसनीय हैं ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा , कृपया आप आगे पढ़े ।