2008-11-12 15:10:03

चीनी भारोत्तोलन खिलाडिन ल्यू चुन होंग

पेइचिंग ऑलंपिक पर चीनी महिला भारोत्तोलन खिलाडी ल्यू चुन होंग ने 69 किलो वर्ग की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता ।प्रतियोगिता में उन्होंने पांच बार विश्व रिकार्ड तोडा ।यह दूसरी बार है कि ल्यू चुन होंग ने ऑलंपिक स्वर्ण पदक हासिल किया ।चार साल से पहले एथेंस ऑलंपिक में ल्यू चुन होंग ने इस इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था ।हाल ही में उन्होंने हमारे संवाददाता के साथ हुई एक बातचीत में अपनी सफलता का रहस्य खोला ।उन्होंने कहा कि पेइचिंग ऑलंपिक पर उन के शानदार प्रदर्शन का श्रेय अपने कोचों के प्रोत्साहन ,अपनी साथियों ,अनुसंधानकर्त्ताओं व टीम के डाक्टर की मदद और माता पिता का समर्थन जाता है ।उन लोगों ने उन को चैंपियन बनाए रखने की शक्ति प्रदान की ।

ल्यू चुन होंग पूर्वी शान तुंड के एक बहुत सुदूर पहाडी गांव से आयीं ।माता पिता सभी आम किसान हैं ।वर्ष 2004 एथेंस ऑलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद ल्यू चुन होंग घर वापस लौटीं ।उन के माता पिता और गांववासियों ने उन का जोरदार स्वागत किया ।माता पिता बहुत खुश थे ।ल्यू चुन होंग ने सोचा था कि इस बार वे घर में माता पिता के साथ अधिक दिन तक ठहरेंगी ।पर उन के पिता इस पर राजी नहीं हुए ।क्योंकि पिता जी को उन के अभ्यास पर चिंता है । इस तरह घर में 6 दिन ठहरने के बाद ल्यू चुन होंग चीनी भारोत्तोलन टीम में वापल लौटीं और पेइचिंग ऑलंपिक की तैयारी शुरु की ।

ल्यू चुन होंग ने हमारे संवाददाता को बताया कि भारोत्तोलन के अभ्यास की शुरूआत से वर्ष 2004 एथेंस ऑलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने तक उन का रास्ता समतल रहा ।इस के दौरान बडी देशी विदेशी प्रतियोगिताओं में उन्होंने बहुत स्वर्ण पदक हासिल किये और गंभीर चुनौती का सामना नहीं किया ।लेकिन वर्ष 2004 के बाद वे कभी कभी चोट व बिमारी के चपेट में पडीं ।वर्ष 2006 विश्व भारोत्तोलन चैंपिनयशिप में तकनीकी गलती से उन को चोट लगी और मैच पूरा नहीं किया ।खेल जीवन में यह पहली बार है कि उन को चोट के कारण प्रतियोगिता छोडना पडी ।इस के बाद उन का शारीरिक फार्म जल्दी से गिर पडा ।चाहे वे कितनी कठोरता से अभ्यास करता था ,उन का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा ।पेइचिंग ऑलंपिक आ रहा था ।पेइचिंग ऑलंपिक में भाग लेने के लिए इस इवेंट में चीनी खिलाडियों की स्पर्द्धा भी तीव्र हो गयी ।ल्यू चुन होंग ने कहा कि एक अरसे तक उन का आत्मविश्वास खो गया ।कठिन समय मे उन के कोच ने उन को बडी मदद दी और उन को उत्साहित करते रहे ।उन के कोच ने उन की चोट के इलाज के लिए पेइचिंग के कई मशहूर अस्पतालों के डाक्टरों को निमंत्रण दिया ।उन डाक्टरों ने ल्यू चुन होंग की चोट के इलाज के लिए विस्तृत चिकित्सक योजना बनायी और विश्व में सब से प्रगतिशील उपकरणों का प्रयोग किया। धीरे धीरे ल्यू चोंग की स्थिति में बडा सुधार आया ।

पेइचिंग ऑंलपिक के अंतिम तैयारी चरण में ल्यू चुन होंग को चीनी महिला भारोत्तोलन टीम के काप्टान नियुक्त किया गया ।उन को गहरी जिम्मेदारी महसूसी ।आम तौर पर एक उच्च स्तरीय महिला भारोत्तोलन खिलाडी एक अभ्यास क्लास में 15 टन का भार उठाती है और हर दिन तीन क्लास में कुल 45 टन का भार उठाती है ।लेकिन ल्यू चुन होंग हर क्लास 20 टन का भार उठाती थीं और एक दिन 60 टन का भार उठाती थीं ।अभ्यास की मजबूती अभूतपूर्व थी ।ल्यू चुन होंग ने कहा कि मातृभूमि में आयोजित ऑलंपिक में व्यापक शक्तिशाली खिलाडिनों को हराने के लिए आप को सब से पहले अपनो को हराना है ।उन के जीवन में सब से सुखमय समय यही है कि ऑलंपिक की अंतिम तैयारी के वक्त चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ और उपराष्ट्रपति शी चिन पिंग चीनी भारोत्तोलन टीम देखने के लिए आये ।उन्होंने चीनी टीम की ओर चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ को भरोसा दिया कि वे तैयार हो चुके हैं ।

पेइचिंग ऑलंपिक पर ल्यू चुन होंग ने अपना वायदा पूरा किया ।उन्होंने ऑलंपिक चैंपियन बनाए रखने में सफलता पायी और चीनी भारोत्तोलन टीम ने कुल 8 स्वर्ण पदक जीते ,जो अब तक टीम की सब से बडी उपल्बधि है ।