2008-11-11 16:37:41

आर्थिक वृद्धि प्रेरित करने के लिए चीन 40 खरब य्वान की रशि डालेगा

चीन ने 9 नवम्बर को देश के आर्थिक विकास को प्रेरित करने के लिए 40 खरब य्वान की राशि डालने की जो योजना घोषित की है, उस की ओर विश्वव्यापी ध्यान गया है । विश्लेषकों ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि इस कदम से बाजार पर विश्वास बढ़ाया जाएगा ।

विश्व वित्तीय संकट से प्रभावित हो कर चीन के आर्थिक वृद्धि में भी धीमी आयी, और तो उत्पादन की लागत बढ़ने तथा लाभांश कम होने के कारण चीन के कुछ उद्योगों में निवेश की इच्छा घट गयी और उपभोक्ता की बढोत्तरी पर अंकुश लगी है। वर्तमान में चीन के लोह इस्पात, बिजली और मोटर गाड़ी आदि अहम उद्योगों के विकास में गिरावट आयी है।

चीनी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के औद्योगिक विकास अनुसंधान संस्थान के प्रधान श्री हु छुनली ने कहा कि चीन ने देश के वर्तमान आर्थिक चलन व अन्तरराष्ट्रीय संकट के मुद्देनजर उपरोक्त कदम उठाया है। उन्हों ने कहाः

वर्तमान में अमरीका और पश्चिमी यूरोप में उत्पन्न आर्थिक संकट ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, जिस से चीन के अर्थतंत्र पर भी भारी असर पड़ा। ऐसी स्थिति में देश की आर्थिक वृद्धि की प्रवृति को बनाए रखने के लिए चीन सरकार को दृढ़ कदम उठाना पड़ा और विश्व में आर्थिक मंदी के समय भी अपने देश के आंतरिक मांगों का विस्तार करने के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने के लिए नया आयाम खोलना चाहिए।

चीन सरकार की इस योजना के मुताबिक 2010 के अंत तक चीन 40 खरब य्वान की राशि डालेगा, जो बुनियादी सुविधाओं के विकास, सार्वजनिक यातायात, पर्यावरण निर्माण, विपत्ति के बाद पुनर्निमाण, जनजीवन संबंधी परियोजनाओं तथा शहरी व देहाती नागरिकों, खास कर कम आय वाले जन समूहों का आय स्तर बढ़ाने जैसे दस मुख्य मुद्दों में प्रयोग किए जाएंगे । इस के साथ चीन की वित्तीय नीति और मुद्रा नीति में भी परिवर्तन कर स्थिर नीति से सक्रिय नीति में और सिकुड़न से उदारता में तब्दील की जाएगी।

विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक विकास को प्रेरित करने के लिए एक विशेष अजंडा जनजीवन की गारंटी के लिए पूंजी का निवेश है। इस के तहत आवास गारंटी के लिए मकानों के निर्माण को गति देना , देहाती बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में तेजी लाना और शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना शामिल है। चीनी राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केन्द्र के उप प्रधान श्री ल्यू शिचिन ने कहा कि इन कदमों से जाहिर है कि चीन सरकार आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के समय जन जीवन पर प्राथमिकता देने और सामंजस्यपूर्ण समाज के विकास की कोशिश भी करती है । उन्हों ने कहाः

मौजूदा आंतरिक मांगों का विस्तार करने की एक अहम विशेषता है कि जन जीवन को सुधारा जाएगा। दस अहम मुद्धों के विकास के जरिए आम लोगों को ज्यादा लाभ दिलाया जाएगा। उदाहरणार्थ आवास गारंटी के लिए मकानों के निर्माण और स्वास्थ्य चिकित्सा और शिक्षा में निवेश बढ़ाया जाएगा, ये सभी मुद्दे जन जीवन के महत्वपूर्ण भाग हैं, यदि इन मसलों को अच्छा अंजाम दिया गया, तो आम जनता के लिए जीवन में परेशानियां बहुत कम हो जाएंगी।

पिछले साल, चीन की कुल वित्तीय आय 50 खरब य्वान थी, बेहतर वित्तीय आय व्यय के चलते आर्थिक वृद्धि को प्रेरित करने के लिए प्रबल पूंजीगत धरातल तैयार हो गया । सूत्रों के अनुसार पूंजी का स्रोत दीर्घकालीन राजस्व बांड जारी करने तथा अचल संपत्तियों में सरकारी बजट का अनुपात बढ़ाने में है ।

विश्लेषकों का कहना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने जो यह योजना घोषित की है, उस का मकसद यह है कि चीन दुनिया को यह बताना चाहता है कि अपने देश के कामकाज को बेहतर करने से विश्व अर्थव्यवस्था को सब से बड़ा लाभ मिलेगा। चीन एक बड़ा जिम्मेदाराना देश की छवि दिखाना चाहता है।

चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के जनरल अर्थशास्त्री श्री यो चिंगयुन ने कहा कि वर्तमान में चीन की आर्थिक स्थिति आम तौर पर अच्छी है और वित्तीय व्यवस्था स्थिर है । चीन वित्तीय संकट के सफल मुकाबले में विश्वस्त है। उन्हों ने कहाः

हमारा विश्वास दो पहलुओं पर निर्भर है । पहला, वर्तमान वित्तीय संकट अमरीका के सब प्राइम से पैदा हुआ है , यदि अमरीका संकट से निकलेगा , तो चीन के लिए विकास का एक अच्छा बाह्य वातावरण मिलेगा । दूसरा , हम अपनी शक्ति पर ज्यादा भरोसा करते हैं , यह हमारे विश्वास का मुख्य आधार है।