तिब्बती चिकित्सा शास्त्र चीन के परम्परागत चिकित्सा शास्त्र का एक अंग है, जिस का इतिहास कोई 2300 वर्ष पुराना है । चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तिब्बती चिकित्सा व दवा से उपचार करने वाली व्यवस्था सभी देहातों व कस्बों में फैली हुई है । वर्तमान में सारे प्रदेश में बड़े आकार वाली तिब्बती चिकित्सा संस्थाओं की संख्या 10 से ज्यादा हैं, जिन में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कई हज़ार है । आज के इस लेख में विकसित हो रही तिब्बती चिकित्सा व दवा कार्य का परिचय दिया जाएगा ।
प्रोफैसर तुनचू तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के तिब्बती चिकित्सा व औषधि वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान केंद्र के निदेशक हैं । वे गत शताब्दी के पचास वाले दशक में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तिब्बत में प्रथम खेप वाले तिब्बती चिकित्सा शास्त्र वाले कॉलेज से स्नातक हुए विद्यार्थी भी हैं । पिछले 18 वर्षों में वे तिब्बती चिकित्सा व दवा के अनुसंधान में लगे हुए हैं । रोगियों का इलाज करना, विद्यार्थियों को पढ़ाना, वैज्ञानिक अनुसंधान करना उन का रोज़ाना का काम है । हर दिन उन्हें विभिन्न जगहों में काम करते देखा जा सकता है । प्रोफैसर तुनचू ने कहा कि उन्हें बहुत खुश हुई कि अब वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के तिब्बती चिकित्सा शास्त्र मेडिकल कॉलेज में ज्यादा विद्यार्थियों को पढ़ा सकते हैं, जिस से तिब्बती चिकित्सा शास्त्र के विकास का और विस्तार होगा । श्री तुनचू ने कहा:
"पहले परम्परागत तिब्बती चिकित्सा शास्त्र सीखने वाले विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ़ तीन सौ से तक थी। लेकिन वर्तमान में 1440 से ज्यादा हो गयी है। इस से तिब्बती चिकित्सा शास्त्र का अच्छा विकास होगा ।"
तिब्बती प्रोफैसर श्री तुनचू ने जानकारी देते हुए कहा कि इतने भारी परिवर्तन का श्रेय लम्बे समय में तिब्बती चिकित्सा व दवा कार्य के प्रति देश के समर्थन को जाता है । चीन में सुधार व खुले द्वार की नीति होने के बाद देश ने विभिन्न स्तरीय तिब्बती चिकित्सा संस्थाओं के वैज्ञानिक अनुसंधान के लि क्रमशः दसियों करोड़ य्वान की राशि लगायी । वर्ष 1959 के पूर्व तिब्बत में सिर्फ़ दो चिकित्सा संस्थाएं थीं, जो मुख्य तौर पर कुलीन मालिकों और उच्च स्तरीय भिक्षुओं के लिए सेवा प्रदान किया करती थीं। लेकिन आज तिब्बत के सभी कांउटी स्तरीय अस्पतालों में तिब्बती चिकित्सा विभाग हैं ।
तिब्बती चिकित्सा व दवा कार्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 1985 के बाद से लकर अब तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार और स्वास्थ्य विभागों ने तिब्बती चिकित्सा व दवा कार्य का बचाव, विकास व सुनिश्चितता के लिए क्रमशः दसियों नियमों व नियमावलियों की स्थापना की । इधर के बीस से ज्यादा वर्षों में चीन के विभिन्न स्थलों में तिब्बती चिकित्सा शिक्षा कदम ब कदम सुनिश्चित किए गए । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के तिब्बती चिकित्सा मे़डिकल कॉलेज, छिंगहाई तिब्बती चिकित्सा मेडिकल कॉलेज, छंङतु चीनी चिकित्सा युनिवर्सिटी के तिब्बती चिकित्सा विभाग तथा कान सू चीनी चिकित्सा युनिवर्सिटी के तिब्बती चिकित्सा विभाग आदि कॉलेजों ने विभिन्न क्षेत्रों के बड़ी संख्या में विशेष व पेशावर सुयोग्य व्यक्तियों का प्रशिक्षण किया है। इन के अलावा कुछ अस्पतालों व गैर सरकारी संस्थाओं ने भी तिब्बती चिकित्सा कक्षा खोलने के जरिए अनेक तिब्बती चिकित्सीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण किया, जिस से बुनियादी तिब्बती चिकित्सा कर्मचारियों के अभाव की स्थिति को कम किया गया है । वर्ष 2006 के अंत तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में ही 14 तिब्बती चिकित्सा संस्थाएं, 60 कांउटी स्तरीय तिब्बती चिकित्सा विभाग थे, जिन में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या दो हज़ार से अधिक है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अलावा, चीन के भीतरी इलाके के अन्य दस से ज्यादा शहरों में तिब्बती चिकित्सा संस्थाओं की स्थापना हुईं, और जो भीतरी इलाके के रोगियों को सेवा प्रदान कर रहे हैं । तिब्बती चिकित्सा शास्त्र के तेज़ विकास पर देश-विदेश के विभिन्न जगतों का ध्यान केंद्रित हुआ है । अनेक विदेशी आदरणीय अतिथि क्रमशः तिब्बती चिकित्सा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण दौरा करने के लिए तिब्बत आए, इस के साथ ही तिब्बती चिकित्सा प्रतिनिधि मंडल निमंत्रण पर विदेशों की यात्रा करते हैं, तिब्बती चिकित्सा संबंधी पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं और स्थानीय व्यक्तियों को चिकित्सा के अनुभव सिखाते हैं ।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याआओ थांग)