2008-11-10 15:07:03

बीस देशों का गुट भूमंडलीय वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए सहयोग के लिए सहमत

बीस देशों के गुट के वित्त मंत्री व केंद्रीय बैंक निदेशक का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन नौ तारीख को ब्राज़िल के साओ पाउलो में समाप्त हुआ, जिस में वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए विभिन्न देशों ने सहयोग पर सहमति प्राप्त की। यानि कि विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार किया जाएगा । लेकिन वार्षिक सम्मेलन में वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए ठोस कदमों की चर्चा नहीं की गई, इन सवालों की आगामी 15 तारीख को वाशिंगटन में आयोजित होने वाले बीस देशों के शिखर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। सुनिए विस्तार से:

दो दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों के गुट के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि पूंजी निवेश बढ़ाया जाए और कम कर वसूला जाए, ताकि और ज्यादा पैमाने वाले आर्थिक घाटे को रोका जा सके ।

सम्मेलन के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ब्राजिल के वित्त मंत्री गुइदो मान्तेगा ने जानकारी देते हुए कहा कि वाशिंगटन शिखर सम्मेलन के बाद के दो या तीन महीनों में वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए उठाए जाने वाले ठोस कदम तय किए जाएंगे और समय तालिका बनायी जाएगी । उन्होंने बल देते हुए कहा कि विभिन्न देशों के नेताओं को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को सुधारने के क्षेत्र में और ज्यादा राजनीतिक भूमिका अदा करनी चाहिए।

इस के पूर्व युरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष देश फ्रांस का अनुमान है कि युरोपीय संघ को कर्ज़ लेने के नए दौर के संकट से बचने के लिए और उपयुक्त कदम उठाने के लिए एक सौ दिन चाहिंए । इस के प्रति श्री मान्तेगा ने कहा कि सौ दिनों के भीतर योजना बनाने की कोशिश की जानी चाहिए । लेकिन उन के विचार में यह अमरीका के लिए थोड़ा सा मुश्किल होगा, क्योंकि वर्तमान में अमरीका नई व पुरानी सरकार के बदलाव के दौर में प्रवेश कर गया है ।

मौजूदा वार्षिक सम्मेलन में ब्राज़िल आदि देशों ने प्रस्ताव पेश किया कि वैश्विक वित्तीय संस्था का रूपांतरण किया जाए और इस में नए बाज़ार वाले देशों के भाग लेने के अधिकार बढ़ाए जाएं । श्री मान्तेगा ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक कार्रवाई में समन्वय करने और विश्व के प्रमुख आर्थिक समुदाय के ज्यादा प्रतिनिधित्व के लिए 20 देशों के गुट की भूमिका को मज़बूत किया जाना चाहिए । सम्मेलन के बाद जारी अंतिम दस्तावेज़ के अनुसार, अगर अंतरारष्ट्रीय मुद्रा कोष का सुधार किए जाने के बाद उस में ज्यादा देशों को प्रतिनिधित्व का अधिकार प्राप्त होगा, तो वह समान कार्रवाई करने वाली समन्वयक संस्था बन जाएगी।

20 देशों के गुट की भूमिका को मज़बूत करने और अंतरारष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार करने के बारे में सम्मेलन में उपस्थितों का समान विचार था ।ब्राज़िल ने यह सुझाव भी पेश किया कि वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक निदेशक की भागीदारी वाले वर्तमान 20 देशों के गुट के सम्मेलन का स्तर शिखर-सम्मेलन तक बढ़ाया जाएगा, ताकि इस संस्था की समन्वयक क्षमता उन्नत हो सके । लेकिन मौजूदा सम्मेलन में कैसे सुधार किया जाए ,इस पर विचार-विमर्श नहीं किया गया । श्री मान्तेगा ने कहा कि यह तकनीकी स्तरीय विचार-विमर्श है, जिस के लिए समय लगेगा।

उल्लेखनीय बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट को कम करने के क्षेत्र में चीन द्वारा उठाए गए कदमों की सम्मेलन में उपस्थितों ने प्रशंसा की। विश्व बैंक के निदेशक श्री रोबर्ट ज़ोएलिक ने कहा कि चीन सरकार ने कुछ साल पूर्व अच्छी अंतरराष्ट्रीय स्थिति का लाभ उठाकर बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी के जरिए अपने आधारभूत संस्थापनों का सुधार किया जोकि बहुत विवेकपूर्ण नीति है ।

उन्होंने कहा कि चीन द्वारा जमा की गई भारी विदेशी मुद्रा से वित्तीय संकट के मुकाबले के क्षेत्र में उस की क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अधिक है ।

लोकमत है कि वर्तमान वित्तीय संकट दूर करने के लिए अंतरारष्ट्रीय समुदाय का घनिष्ठ सहयोग चाहिए । 20 देशों के गुट द्वारा वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए संपन्न सहमति भूमंडलीय वित्तीय बाज़ार की स्थिरता को बहाल करने के लिए लाभदायक होगी । ब्राज़िल के राष्ट्रपति लुइज़ इनासिओ लूला दसिल्वा ने मौजूदा सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि कोई भी एकतरफा तौर पर उठाया गया कदम वर्तमान के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का समाधान नहीं कर सकता । विभिन्न देशों को एक साथ मिल कर आगे बढ़ना चाहिए, और विकसित देशों को नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए ।(श्याओ थांग)