मौजूदा एशियाई कला दिवस सितम्बर के अंत में चीन के हनान प्रांत की राजधानी जङ चाओ में उद्धाटित हुआ, जिस में एशिया के 22 देशों व क्षेत्रों से आये 36 कला मंडलियों के 2 हजार कलाकारों ने भाग लिया और उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों के 80 शॉ पेश किये।
एशियाई कला दिवस चीनी राज्य परिषद की अनुमति पर आयोजित होने वाला प्रथम राष्ट्र स्तर का क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय कला दिवस है। 1998 से एशियाई कला दिवस क्रमशः पेइचिंग, हांगचाओ आदि शहरों में 9 बार आयोजित हो चुके हैं। कलाकार व अभिनेता-अभिनेत्री एक दूसरे के अभिनय देखते हैं और उन के बीच आवाजाही व आदान प्रदान होता है, जो दिवस की नियमित विशेषता बन गयी है। मौजूदा दिवस हेनान के जङ चाओ व खाइ फिंग में एक ही समय पर आयोजित हुआ है, जिस की एक और विशेषता है कि शहर के सभी निवासी इस में भाग ले रहे हैं। हनान प्रांत के संस्कृति ब्यूरो की प्रभारी सुश्री यांग ली पिंग ने एशियाई कला दिवस के उद्धाटन समारोह से पहले संवाददाताओं को बतायाः
मौजूदा दिवस की सब से बड़ी विशेषता उन की लोकप्रियता और जन व्यापकता है। हमारे दसियों रिहाइशी क्षेत्रों व कला मैदानों ने इस के लिए तैयारी की है और कलाकारों के आगमन का स्वागत करेंगे ।
दिवस के उद्धाटन समारोह से पहले जङ चाओ शहर की प्रमुख इमारतों पर कला दिवस के प्रचास के लिए बड़े बड़े पोस्टर लगाये गए हैं। यहां तक कि सड़कों पर चलती टैक्सियों की खिड़कियों में भी स्वागत के नारे अंकित हुए नजर आये हैं, जो विभिन्न देशों व क्षेत्रों से आये दोस्तों के लिये स्नेहपूर्ण और जोशीला वातावरण तैयार कर दिया गया।
एशियाई कला दिवस के उद्धाटन समारोह में 23 बड़े आकार वाली झांकियां निकलीं , जिस ने सड़कों को बेहद रोनतक कर दिया, झांकियों की शैली भिन्न व विशेष अनोखी है, जिन में हनान प्रांत के लोयांग शहर के मशहूर आर्किड फुलों के मनोहर दृश्य से ले कर पेइचिंग ऑलंपिक विषय पर प्रदर्शित नजारों तक, भारतीय नृत्य व गान से लेकर मंगोलियाई घोड़े तक, रंगून के स्वर्ण मंदिर से लेकर जापान के चेली फूल तक शामिल हैं। इन में से थाइलैंड की परंपरागत शैली में प्रस्तुत स्वर्णिम थाइलैंड चीनी बच्चों में सब से लोगप्रिय है, इस झांकी में प्रयुक्त गाड़ी का अग्रभाग हाथी की आकृति में बनाया गया, ऊपर की ओर उठी हुई हाथी की सूंड बच्चों का अभिवादन करते हुए जान पड़ती है और सूंड में से पानी का फुवारा भी किया जा सकता है , जो बच्चों को काफी आकर्षित करती है और उन में बार बार हर्षोल्लास गूंज उठता है ।
जब विभिन्न देशों की झांकियां निकल रही थीं, तो झांकियों पर और सड़कों पर हजारों कलाकार ढोल नृत्य , यांग ग नृत्य, कूंफी कलाबाजी और ड्रैगन नृत्य जैसे विभिन्न सांस्कृतिक अभिनय पेश कर रहे थे। सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही थी और हर्षोल्लास और अनंत खुशी का माहौल छा रहा था । जङ चाओ शहर के नागरिक सुश्री छन ली जा ने संवाददाता से कहाः
मैं इस कला दिवस देखने के लिये विशेष तौर पर यहां आयी हूं। यह सांस्कृतिक उत्सव बहुत सुंदर है। इस से पहले मैं ने सिर्फ टीवी में इस प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा था । आज मैं बहुत उत्लाहित और प्रसन्न हुई हूं। मुझे भारतीय बालीवूड की झांकी सब से बहुत पसंद है।
सड़कों पर झांकियों की यात्रा के बाद सभी झांकियां शहर के केंद्रीय मैदान में एकत्र हो गयीं और वहां दर्शकों को कला प्रस्तुति प्रदर्शित की गयी और लोगों को फोटो खींचने की अनुमति दी गयी । आंकड़ों के अनुसार 10 दिनों के भीतर लगभग 10 लाख यात्रियों ने यहां झांकियां देखी थीं ।(रूपा)