2008-11-05 17:56:32

चीन अपना पहला मानवाधिकार से संबधित प्रमुख विषय वाला राष्ट्रीय कार्यवाही कार्यक्रम निर्धारित करेगा

चीन सरकार ने 4 तारीख को राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यवाही कार्यक्रम निर्धारित करने का फैसला लिया, यह चीन का पहला मानवाधिकार से संबंधित प्रमुख विषय वाला राष्ट्रीय कार्यवाही कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम आगामी दो सालों के चीनी मानवाधिकार कार्य के विकास की योजना तय करेगा और सार्थक कार्यवाही पेश करेगा। संबंधित विशेषज्ञों का कहना है कि इस कार्यवाही से चीन के मानवाधिकार स्थिति को अधिक सुधारा जाएगा और चीन के मानवाधिकार कार्य के सर्वोतोमुखी विकास को आगे बढ़ा कर समंजस्पूर्ण समाज के निर्माण को प्रेरित किया जाएगा।

2004 में चीन ने राष्ट्रीय सम्मान व मानवाधिकार सुनिश्चता को संविधान में लिख डाला, पहली बार मानवाधिकार को एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में उसे कानूनी विचारधारा तक उन्नत किया, पार्टी और सरकारी दस्तावेजों में निर्धारित नीतियों को राष्ट्रीय का एक मूल कानून सिद्धांत का रूप दिया। इस कार्यक्रम के एक निर्माता , नानखाए यूनिवर्सिटी मानवाधिकार अनुसंधान केन्द्र के स्थायी उप निदेशक छांग च्येन का मानना है कि कार्यक्रम को निर्धारित करना संविधान के सिद्धांत को बखूबी अंजाम देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होने कहा संविधान में उसे लिखने के बाद हमें न केवल मानवाधिकार की सुनिश्चता को ठोस मूल रूप देना चाहिए बल्कि उसे सरकार की कार्यवाहियों में भी वास्तविक रूप से अमल में लाना चाहिए।

श्री छांग च्येन ने हमारे संवाददाता को बताया कि कार्यक्रम के विषय में सरकारी कार्यकौशलता को परिपूर्ण करना, लोकतांत्रिक का विस्तार करना, कानून को सुदृढ़ करने के साथ जनता के जीवन में सुधार लाना व महिला व बालक तथा अल्पसंख्यक जातियों के विशेष अधिकार की रक्षा भी करना है। कार्यक्रम आगामी दो सालों के विकास पर नजर रखेगा और उसे व्यवहारिक व कार्यन्वित बनाएगा। उन्होने कहा मानवाधिकार कार्यवाही निर्धारित करने की पूरी प्रक्रिया असल में सरकार के विभिन्न विभागों से अपने कार्यों को मानवाधिकार के मापदंड के अनुरूप करने की मांग करना है। इस लिए इस कार्यवाही की निर्धारित प्रक्रिया वास्तव में मानवाधिकार को सरकार की कार्यवाहियों में अमल में लाने को प्रेरित करना है।

सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम को निर्धारित करने के लिए, चीन ने राज्य परिषद सूचना कार्यालय व विदेश मंत्रालय का एक संयुक्त सभा व्यवस्था स्थापित की है और राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा, राष्ट्रीय राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन, सर्वोच्च न्यायालय व सर्वोच्च प्रोक्यूरेटोरेट तथा राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग आदि राज्य परिषद के संबंधित विभागों , जन समूहों व गैर सरकारी संगठनों से गठित 50 से अधिक विभागों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। श्री छांग च्येन की तरह शांगहाए सामाजिक विज्ञान अकादमी के मानवाधिकार अनुसंधान केन्द्र के निदेशक ल्यू च्ये भी इस कार्यक्रम के प्रारूप विशेषज्ञ दल में भाग ले रहे हैं। उनका मानना है कि कार्यक्रम चीन के अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क्षेत्र में खड़ी चुनौतियों का सामना करने में मददगार सिद्ध होगा। उन्होने कहा पश्चिम लोगों ने मानवाधिकार सवाल पर चीन पर अनेक किस्म के प्रहार किए हैं । इस कार्यक्रम के निर्धारित होने के बाद मानवाधिकार की समझदारी में अन्य देशों के आपसी संपर्क को उन्नत करेगा और और अच्छी तरह चीन के मानवाधिकार समझ को प्रतिबिंबित करेगा।

चीन के सुधार व खुलेपन के पिछले 30 सालों में चीन के मानवाधिकार कार्य को भारी सफलताए हासिल हुई हैं। अर्थतंत्र व समाज का सर्वोतोमुखी विकास हुआ है, जनता के जीवन में निरंतर सुधार हो रहा है. चीन के मानवाधिकार कार्यवाही कार्यक्रम श्वेत पत्र को जारी करने से मानवाधिकार का सम्मान व उसे सुनिश्चत करने को संविधान व पार्टी के चार्टर में लिख दिया जाएगा, जो चीन के राष्ट्रीय निर्माण व समाजवादी विकास का एक महत्वपूर्ण विषय होगा।

अलबत्ता , चीन के मानवाधिकार कार्य विकास में सवाल मौजूद हैं। श्री छांग च्येन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा चीन के मानवाधिकार को उल्लेखनीय सफलताए प्राप्त हुई हैं, लेकिन कुछ सवाल भी मौजूद है, लेकिन इन सवालों पर सरकार ने भारी ध्यान दिया है, जो निरंतर हल हो रहे हैं, चीन का मानवाधिकार सुनिश्चता कार्य लगातार उन्नति के पथ पर तेज कदम बढ़ाते चल रहा है।