2008-11-03 18:11:38

जलडमरूमध्य आर पार संबंध सोसाइटी की थाएवान यात्रा दोनों तटों के संबंध की ओर बढ़ाया एक महत्वपूर्ण कदम है

तीन तारीख को मुख्यभूमि की जलडमरूमध्य आर पार संबंध सोसाइटी के निदेशक छन वी लिंग के नेतृत्व वाले प्रतिनिधि मंडल ने थाएवान जलडमरूमध्य पार कर थाएपए की यात्रा शुरू कर दी है, वह थाएवान पक्ष के जलडमरूमध्य आदान प्रदान कोष के बोर्ड निदेशक च्यांग पिन खुन के साथ सिलसिलेवार सवालों पर वार्ता व विचार विमर्श करेगें। यह दोनों संगठनो के सर्वोच्च नेताओं की थाएवान में आयोजित पहली वार्ता होगी। विशलेषकों का मानना है कि यह इस बात का द्योतक है कि दोनों तटों के शान्ति विकास संबंध के रास्ते में बढ़ाया एक महत्वपूर्ण कदम है।

जलडमरूमध्य आर पार संबंध सोसाइटी और जलडमरूमध्य आदान प्रदान कोष के बीच सर्वोच्च स्तरीय वार्ता सबसे पहले 1993 में शुरू हुई थी, उस समय जलडमरूमध्य आर पार संबंध सोसाइटी के निदेशक वांग ताओ हान और जलडमरूमध्य आदान प्रदान कोष के बोर्ड निदेशक कू चंग फू के बीच दोनों तटों की नियमित विचार विमर्श व्यवस्था कायम की गयी। इस के बाद थाएवान प्रशासन ने संबंधित एक चीन सिद्धांत पर हासिल वर्ष 1992 मतैक्य को ठुकरा दिया और दोनों संगठनो के बीच 1999 में वार्ता को अनिश्चित काल तक स्थगित कर दिया गया। इस साल थाएवान परिस्थिति में सकारत्मक परिवर्तन आये , दोनों तटों की सोसाइटियों ने इस साल की जून को दस साल पहले स्थगित नियमित वार्ता की बहाली की, दोनों तटों के बीच चार्टर विमान, मुख्यभूमि चीन के नागरिकों के थाएवान में पर्यटन आदि सवालों पर सर्वसम्मति हासिल हुई।

इस उम्दा स्थिति में जलडमरूमध्य आर पार संबंध सोसाइटी के निदेशक छन वी लिंग शुरू से ही दोनों संगठनो के इस साल के अन्त से पहले फिर एक बार दोनों तटों से संबंधित सवालों पर विचार विमर्श व्यवस्था को आगे बढ़ाने में संलग्न रहे हैं। उन्होने कहा दोनों तटों के संगठनो के बीच करीब 10 साल तक स्थगित वार्ता से हमने बहुत मूल्यवान समय बर्बाद किए हैं, हमारे बीच बहुत से समाधान करने वाले सवाल पड़े हुए हैं। यदि इस साल की जून में बहाल दोनों तटों के बीच की वार्ता को बखूबी अंजान न दिया गया , नियमित विचार विमर्श प्रक्रिया जारी न की गयी, तो दोनों तटों के बन्धुओं के हितों को और भारी नुकसान भुगतना पड़ेगा।

तीन तारीख को श्री छन वी लिंग प्रतिनिधि मंडल लिए थाएपए पहुंच गए हैं और वह 4 तारीख को जलडमरूमध्य आदान प्रदान कोष के साथ वार्ता शुरू करेगें। श्री छन वी लिंग ने अपने होटल में पधारने के बाद कहा कि इस बार की थाएवान य़ात्रा का मुख्य कार्य यह है, पहले आदान प्रदान कोष के साथ दोनों तटों के सीधे विमान परिवहन, सीधे नौ-परिवहन, डाक सेवा, खाद्यपदार्थ सुरक्षा आदि चार विषयों पर विचार विमर्श किए जाने के बाद समझौता संपन्न किया जाएगा। दूसरा विषय यह है कि विश्व वित्तीय संकट के आगे दोनों तटों के अर्थतंत्र पर पड़े ठेस को किस तरह सुलझाया जाए, इस पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।। उन्होने कहा इस बार दोनों संगठनो के बीच की वार्ता बिल्कुल स्पष्ट है और एकदम साफ है, सभी विषय दोनों तटों के बन्धुओं के हितकारी से संबंधित सवाल होगें, दोनों तटों के राजनीतिक सवालों पर कोई बातचीत नहीं की जाएगी, न ही थाएवान द्वीप के भीतर की किसी राजनीतिक सवाल पर बातचीत की जाएगी।

पेइचिंग संयुक्त यूनिवर्सिटी के थाएवान सवाल के विशेषज्ञ चू सुंग लिंग का मानना है कि उक्त चार सवालों पर बातचीत , दोनों संगठनो द्वारा इस साल की जून की सलाह मश्विरा के आधार पर निश्चित एक गहन वार्ता व विचार विमर्श बैठक होगी। उन्होने कहा दोनों तटों के बीच सीधी विमान व सीधी नौ-परिवहन, डाक सेवा व खाद्य पदार्थ सुरक्षा पर सार्थक प्रगति हासिल की जाने की कोशिश की जाएगी, यह दोनों तटों के अर्थतंत्र व समाज के बीच संपर्क को गहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। इस के अलावा, खाद्यपदार्थ सुरक्षा सवाल पर बातचीत दोनों तटों व दोनों संगठनों के बीच एक नियमित महत्वपूर्ण वार्ता है।

श्री छन वी लिंग की इस बार की थाएवान यात्रा बहुत ही ध्यानाकर्षक है, श्री छन वी लिंग 4 तारीख को श्री च्यांग पिन खुन के साथ वार्ता शुरू करेगें, दोनों सर्वोच्च नेताओं के बीच थाएवान में आयोजित पहली विचार विमर्श वार्ता होगी। चीनी समाज विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञ फंग वे श्वे ने कहा वर्ष 1949 के बाद यह श्री छन वी लिंग के नेतृत्व वाला सर्वोच्च प्रतिनिधि मंडल की थाएवान यात्रा है। इस का महत्व वाकई असाधारण है, वह दोनों तटों के आपसी विश्वास को प्रगाढ़ करने में अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा।