इंटरनेट पर नियमित रुप से समय बिताने वाले जब कि नेट में चर्चित विषयों की एजेंडा बनाते हैं जबकि ब्लोगर्स एजेंडा के विषयों पर इन पर मानो इन विषयों पर अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त करते हुए आग में घी का काम करते हैं।
मिसाल के तौर पर नेटिजन्स हाल ही में चीन के हुनान प्रांत की एक टीवी कार्यक्रम टेलिविजन सुपरगर्लस शो की मूल्यांकन और उसकी प्रसिद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। ब्लोगर्स की उत्साह भरी प्रतिक्रियाओं से यह कार्यक्रम को कई नये दर्शक देखने लगे।
हु क की छोटी विडियो " स्टीम्द ब्रैड से उत्पन्न लड़ाई " एक इंटरनेट द्वारा फैलाई हुई बहुत ही महंगी बजट वाली फिल्म " वचन" पर आधारित एक पैरोडी है। यह वीडियो को लेकर इंटरनैट में जमकर विवाद हुआ और इससे अखबारों में और परंपरागत मी़डिया में पूरे पन्ने की प्रतिक्रियाएँ और आलोचनाएँ व्यक्त की गयी।
कोई आशचर्य की बात नहीं है की कुछ जानेमाने पत्रकारों और अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की चेतावनी दी है की शायद ब्लोगर्स और ब्लोगिंग से अखबारों की महत्तवता आहिस्ता आहिस्ता खत्म होती जा रही है। आज ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट में अपनी प्रतिक्रियाएँ जाहिर कर रहे हैं और अन्य लोगों के साथ अपनी जानकारीयों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
लु हान, चीन मी़डिया अनुसंधान केंद्र के एक अनुसंधानकर्ता का कहना है की हाल के वर्षों में अखबारों के माध्यम से विज्ञापन देने के मुनाफे दिन-प्रतिदिन धट रहे हैं और इस वजह से धीरे धीरे इसकी महत्तवता की सूर्यास्त हो रही है। पाशचात्य देशओं की ही तरह आज चीन में की गयी अनेक सर्वेक्षण इस बात की पुष्टि करते हैं की आज के युवा पीड़ी जानकारीयों के लिए और समाचारों के लिए इंटरनेट पर निर्भर है। सन् 2001 से सन् 2005 के समय के बीच चीन में तीस से कम उम्र वाले की अखबार पढ़ने में 27.8 फीसदी की गिरावट आयी है।
मी़डिया टाईकून रुपर्ट मुर्ड़क कहते हैं की यह एक ऐसा रुझान है जो विशव में हमें देखने को मिल रही है। वे आगे कहते हैं की - एक नये पीड़ी की मीडिया उपभोक्ताओं की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है, जो खुद इस बात का निशचय करते हैं की उन्हें कब, कैया और क्या चाहिए।
लेकिन नयी मीडिया को भरोसेम्द बनाने के लिए नये नियम और कानून बनाना चाहिए। इस बात में कोई शक नहीं है की आज चीनी समाज में ब्लोगर्स की प्रभाव काफी गहरी हो गयी है लेकिन समाज में ऐसे नियमकानून पनाने चाहिए जिससे ब्लोगिंग पर एक तरीके का नियंत्रण रखा जा सके। आज इस बात पर पूरा ध्यान देना चाहिए वरना काफी देर हो जायेगी और इसका परिणाम पूरे समाज को भुगतना होगा। आज चीन में ऐसी घटनाएँ देखने को मिलती हैं जो आम पत्रकारता के सिद्धांतों के खिलाफ है।
इंटरनेट में लिखने वालों की पहचान छुपी रहने से लोगों को अपने विचार खुले तरीके से रखने में कोई भी आपत्ती या रोक नहीं होती है । लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, संतुलित समाज, वाणिज्यिक भेद, जैसे महत्तवपूर्ण बातों के अलावा, ब्लोगिंग का उपयोग लोगों को जलिल करने के लिए, धोखा देने के लिए, या बौद्धिक संपत्ति अधिकारों की उल्लंघन करने के लिए नहीम करना चाहिए। इस संदर्भ में पत्रकारता की सिद्धांतों और उसके नियम कानून ब्लोगर्स के लिए एक किस्म की मार्गदर्शक बन सकते हैं।