2008-10-31 10:02:51

भारत के असम में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए

उत्तर पूर्वी भारत के असम में 30 तारीख को लगातार दसेक बम विस्फोट हुए ,जिस से कम से कम 61 व्यक्ति मारे गये और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए ।इधर कुछ सालों में यह उत्तर पूर्वी भारत में हुए सब से गंभीर सिलसिलेवार धमाके हैं ।

स्थानीय पुलिस के अनुसार 30 तारीख की सुबर असम की राजधानी गुवाहाटी के एक बाजार में दबरदस्त विस्फोट हुआ ।फिर एक घंटे के भीतर असम के अन्य चार शहरों में एक के बाद एक कई बम विस्फोट हुए ,जिस से व्यक्तियों की भारी हताहती हुई ।असम के गृहविभाग के अधिकारी सुभस दास ने मीडिया को बताया कि विस्फोटों में कम से कम 61 व्यक्ति मारे गये और 300 से अधिक लोग घायल हुए ।स्थानीय अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि कुछ घायलों की स्थिति गंभीर है ,सो मृतकों की संख्या बढ सकती है ।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार धमाके बाजारों व सडकों जैसी बडी भीड वाली जगहों में पैदा हुईं ।कुछ दुकानें व गाडियां नष्ट हुए ।विसफोट होने के बाद गुवाहाटी में दंगा भी हुआ ।सुरक्षा स्थिति पर असंतोष जताने के लिए उत्तेजित लोगों ने सडक पर उतर कर जुलूस निकाला ,जिस से हिंसा भी पैदा हुई ।स्थानीय सरकार को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कफ्यूर लगाना पडा ।

असम में सिलसिलेवार विस्फोटों के बाद भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पटिल ,प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस आतंकवादी घटना की कडी निंदा की ।प्रधान मंत्री सिंह ने अपने ब्यान में पूरे देश की जनता से एकजुट होकर आतंकवाद का विरोध करने की अपील की ।असम के मुख्य मंत्री गरुण गोगोई ने भाषण देते हुए कहा कि राज्य सरकार आतंकवाद पर प्रहार करने के लिए कडे कदम उठाएगी ।

अब तक किसी संगठन ने विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं उठायी ।प्रारंभिक जांच करने के बाद स्थानीय पुलिस का कहना है कि सिलसिलेवार धमाके सुनियोजित है .जिस का उद्देश्य समाज में दहल फैलाना है ।पुलिस की आशंका है कि बंगलादेश के सीमांत इलाके में छिपे आतंकवादी संगठन ईस्लामी जिहाद आंदोलन ने इस घटना को रचा और उन की कार्रवाई को असम के गैर कानूनी सशस्त्र संगठन की मदद मिली ।कुछ लोगों के विचार में अलगाववादी संगठन युनाइटेड लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ असम या अल्फा ने विस्फोट किये ।लेकिन अल्फा ने इस से इंकार किया है ।

भारत के उत्तर पूर्व सवाल पर विशेषज्ञ सानजोइ हाजारिका ने कहा कि भारत के सब से महत्वपूर्ण त्योहार दिवाली के दौरान आतंकवादियों ने जो हमला किया है ,उस के चार प्रमुख उद्देश्य हैं ।पहला ,बडे पैमाने वाली हानि पहुंचाने से समाज में दहल फैलाना ।दूसरा ,आतंकवाद के विरोध में केंद्रीय व स्थानी सरकरा के प्रित लोगों के विश्वास पर आघात लगाना ।तीसरा ,विभिन्न जातियों व समुदायों के बीच संदेह व नफरत पैदा करना ।चौथा ,आतंकवादियों की शक्ति दर्शाना ।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में असम में हुए सिलसिलेवार धमाकों ने भारत सरकार को फिर चेतावनी दी है ।एक तऱफ आतंकवाद के खिलाफ सरकार की संबंधित नीतियों व कदमों में गंभीर खामियां मौजदू हैं ।दूसरी तरफ ,आतंकवाद की जड मिटाने के लिए भारत सरकार को समुदायों व जातियों की टकराव और गरीबी उम्मुलन जैसे सवालों के समाधान मं अधिक कोशिश करने की जरूरत है ।