2008-10-30 10:17:10

हो हाई पर्यटन क्षेत पुराने पेइचिंग के भू दृश्यों का द्योतक है

ब रात को आप अपने कई पुराने मित्रों के साथ चातिनफांग नामक बार के दूसरी मंजिल पर बैठकर हो हाई झील पर नाव से आई मधुर बांसुरी आवाज का आनन्द उठाते हैं , तो झील में छोड़े गये अंगिनत कमलफूल रूपी दीपों को देखने में बड़ा मजा भी आता है । इसी वक्त इतने दर्लभ खूबसूरत माहौल में घरवालों या मित्रों के साथ गपशप करने या शराब पीने में कितना सुखद मिलता है । चातिन फांग के सेवक याऔ पिन ने परिचय देते हुए कहा कि भिन्न भिन्न प्रकार वाली शराबों को एक साथ मिलाये जाने से अलग अलग स्वाद निकलता है । चीनी लोगों को खटा , मिठा , कड़ुआ और तेज इन चार स्वादों में क्रमशः खटा , फिर मिठा और अंत में कड़ुआ स्वाद लेना ज्यादा पसंद है । इसलिये इसी प्रकार के स्वाद वाली शराब तैयार करना भी बहुत कठिन व रहस्यपूर्ण है ।

प्रिय दोस्तो , जब रात को आप अपने कई पुराने मित्रों के साथ चातिनफांग नामक बार के दूसरी मंजिल पर बैठकर हो हाई झील पर नाव से आई मधुर बांसुरी आवाज का आनन्द उठाते हैं , तो झील में छोड़े गये अंगिनत कमलफूल रूपी दीपों को देखने में बड़ा मजा भी आता है । इसी वक्त इतने दर्लभ खूबसूरत माहौल में घरवालों या मित्रों के साथ गपशप करने या शराब पीने में कितना सुखद मिलता है । चातिन फांग के सेवक याऔ पिन ने परिचय देते हुए कहा कि भिन्न भिन्न प्रकार वाली शराबों को एक साथ मिलाये जाने से अलग अलग स्वाद निकलता है । चीनी लोगों को खटा , मिठा , कड़ुआ और तेज इन चार स्वादों में क्रमशः खटा , फिर मिठा और अंत में कड़ुआ स्वाद लेना ज्यादा पसंद है । इसलिये इसी प्रकार के स्वाद वाली शराब तैयार करना भी बहुत कठिन व रहस्यपूर्ण है ।

जी हां , बार से बाहर निकलने के बाद सड़कों के दोनों किनारों पर बेशुमार छोटे बड़े रेस्त्रां भी खड़े हुए नजर आते हैं । इन तिंग पुल के छोर पर स्थित मुसलीम रेस्त्रां में तैयार भूने हुए मटन देशी विदेशी पर्यटकों को बराबर मोहित कर लेते हैं । साथ ही नम्बर 11 यांगफांग गली में विभिन्न प्रकार के रेस्त्रां भी देखने को मिलते हैं । मजे की बात है कि यहां के ली चा रेस्त्रां में ग्राहकों के लिये मेन्यू का प्रबंध नहीं है । यह रेस्त्रां प्रतिदिन नये नये भोजन तैयार करता है और वह अपनी विशेष परम्परा के अनुसार ग्राहकों को भोजन खिला देता है , चाहे साधारण ग्राहक हो या मशहूर हस्तियां व राज्याध्यक्ष क्यों न हों , सभी ग्राहकों के साथ यही बराबर बर्ताव किया जाता है ।

बेशक , ग्राहकों को यहां की गलियों में भिन्न भिन्न चिल्लाने वाली आवाजों के अनुसार अलग अलग पेइचिंग स्थानीय पकवान चखने का मौका भी मिलता है ।

इतना ही नहीं , ग्राहक रिक्शा पर सवार होकर पेइचिंग की पुरानी गलियों , प्रसिद्ध हस्तियों व पारम्परिक चार दीवारी निवास स्थानों का दौरा भी कर सकते हैं ।

68 वर्षीय ताई हुंग चांग हो हाई क्षेत्र का एक रिक्शा वाला है । वह अपने जन्म से ही यहां की गली में रहते आये हैं । इसलिये उन्हें यहां की गलियों से अत्यंत लगाव है । उन्हों ने कहा कि पेइचिंग की गलियों के इतिहास और इस के पीछे छिपी हुई कहानियां कई दिनों तक भी बतायी नहीं जा सकतीं ।

हम लोगों का गली जीवन व आम पेइचिंग वासियों के साधारण जीवन को महसूस करने पर हार्दिक स्वागत करते हैं , उन्हें गलियों के चार दीवारी निवास स्थान में रहने का नया अनुभव अवश्य ही होगा , कृपया सब लोग मौका मिलकर जरूर ही गलियों का दौरा करने जाएं ।

हो हाई क्षेत्र में और बहुत सी विभिन्न रूपों वाली दुकान भी देखने लायक हैं ।

स्वर्ग आंख नामक तिब्बती स्थानीय छोटी मोटी सजावटें बेचने वाली दुकान उन में से एक है । इस दुकान के मालिक निमाजाम्चे ने कहा कि उन्हें हो हाई क्षेत्र बहुत पसंद है । क्योंकि उन्हें यहां पर उपलब्ध शांति , प्राचीन ऐतिहासिक अवशेष और मंदिर बहुत पसंद है । उन का कहना है कि यह सड़क पेइचिंग शहर की सौ वर्षों से अधिक पुरानी सड़क है , इस क्षेत्र में पेइचिंग और राष्ट्र की विशेष संस्कृतियां गर्भित हूई हैं , इसलिये सभी सांस्कृतिक व जातीय विशेषताएं यहां के विशेष वातावरण से मेल खाती हैं । मेरा विचार है कि जातीय वस्तुएं मानव जाति के ऐतिहासिक विकासक्रम में अग्रसर रही हैं ।

हो हाई क्षेत्र में और बहुत सी मजेदार लोक कलात्मक कृतियां भी पायी जाती हैं । शिल्पकार सड़क के किनारे पर बैठकर गरम गरम पिघलने वाले चीनी व रंगीन आटे को एक साथ मिलाने के बाद हाथ से छोटा टुकड़ा बनाते है , फिर वे इस टुकड़े पर तैयार छोटे छेद में मुंह से हवा भरकर तुरंत ही नाना प्रकार वाले मुर्गे , चूल्हे , बंदर व परियों की प्यारी प्यारी आकृतियां तैयार कर लेते हैं , जिन्हें देखकर लोग खरीदे बिना नहीं रह सकते ।

इस के अतिरिक्त यहां की कुछ दुकानें पर्यटक के टी शर्त पर सीधे चित्र बनाने की सेवा भी उपलब्ध करा देती है । उस्दात चू माओ फू उन में से एक हैं । वे ड्रेगन बनाने में बहुत निपुण हैं । उन्हों ने कहा कि ड्रेगन एक चित्र मात्र ही नहीं , वह विभिन्न चीनी राष्ट्रों के मेल मिलाव का प्रतीक है और चीनी राष्ट्रीय संभ्यता की सहनशीलता व उदारता की अभिव्यक्ति भी है ।