2008-10-30 09:49:41

भूकंप से पाकिस्तान पर भारी हानि पहुंची

दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 29 तारीख को रिएक्टर स्केल पर 6.5 डिग्री भूकंप आया ,जिस से जान माल की भारी हानि हुई ।अब पाकिस्तान सरकार भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में राहत काम करने की पूरी कोशिश कर रही है ।

स्थानीय समयानुसार 29 तारीख की सुबह 4 बजकर 33 मिनट पर रिएक्टर पैमाने पर पांच डिग्री वाला भूंकप आया ।लगभग 40 मिनट के बाद अधिक से तीव्र झटका फिर हुआ ,जिस की डिग्री रिएक्टर पैमाने पर 6.5 मापी गयी ।भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के आसपास के पडाही क्षेत्र में स्थित है ।क्वेटा शहर में जबरदस्त झटका महसूस हुआ और एक हजार से अधिक मकान नष्ट हुए ।

भूकंप से जान माल की भारी हानि पहुंची ।स्थानीय अधिकारी का कहना है कि भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में लगभग 46हजार लोग रहते हैं और 8 गांवों की स्थिति गंभीर है ।राहत काम पर जिम्मेदार पाकिस्तानी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अटोरिटी या एन डी एम ए के अध्यक्ष फारूक अहमद खान ने बतया कि भूकंप में 115 व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और लगभग 300 लोग घायल हुए ।लेकिन अब तक बहुत लोग मतबे में दबे हैं और बचाव चल रहा है ,इसलिए मृतकों की संख्या बढ सकती है ।स्थानीय निजी टी वी स्टेशन का कहना है कि भूकंप में मृतकों की संख्या 200 से ज्यादा हो गयी है ।

भूकंप पैदा होने के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति जार्दारी और प्रधान मंत्री गिलानी ने भूकंप में मरे लोगों के प्रति शोक प्रकट किया और केंद्रीय सरकार व स्थानीय सरकार को राहत काम करने और घायलों को चिकित्सक मदद देने की अथक कोशिश करने का निर्देश दिया ।श्री गिलानी ने घोषणा की कि सरकार हर मृतक के परिवारजनों को 3 लाख रूपये और हर घायल को 1 लाख रूपये का मुआवजा देगी ।

भूकंप के बाद स्थानीय सरकार व चिकित्सक संस्थाओं ने फौरन बचाव व राहत काम शुरू किया ।भूकंप ग्रस्त इलाके में अस्थाई अस्पताल स्थापित किये गये ,जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है ।पाक सेना ने राहत काम के लिए क्षतिग्रस्त क्षेत्र में 12 हेलिकोप्टर भेजे ।अब राहत काम जोरों पर है । एन डी एम ए के अध्यक्ष फारूक अहमद खान ने बताया कि उन्होंने क्वेटा शहर से भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में 2000 तंबू पहुंचाये गये हैं ।इस के अलावा कराची व इस्लामाबाद से राहत सामग्री भी पहुंचायी जा रही है ।

पाकिस्तान सरकार राहत काम जोरदार से चला रही है ,लेकिन वर्तमान में भूकंप ग्रस्त लोगों के सामने दो बडी कठिनाइयां हैं ।पहला ,क्षतिग्रस्त गांवों में मिट्टी से बने अधिकांश मकान ढह गये हैं ।रात में वहां का तापमान शून्य के नीचे रहता है ।लोगों के लिए रात बिताना खासा कठिन है ।गंभीर रूप से प्रभावित जियाराट में पाकिस्तान सरकार ने 3000 तंबू भेजे हैं ,पर स्थानीय अधिकारी और दस हजार तंबू यथाशीघ्र ही भेजने की अपील कर रहे हैं ।दूसरी बडी समस्या यह है कि क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में छोटे झटके होते रहते हैं और भूस्खलन कभी कभी पैदा होता है ,जो क्षतिग्रस्त लोगों राहतकर्ताओं के लिए एक नया खतरा है ।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान में हुए बडे भूंकप पर बडा ध्यान दिया ।भूंकप होने के बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ और प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने पाकिस्तानी सरकार व जनता को संवेदना प्रकट की ।अमरीका समेत कुछ देशों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पाकिस्तान को राहत प्रदान की ।उल्लेखनीय बात है कि भारत सरकार ने इस बार तेज प्रतिक्रिया की ।भूकंप पैदा होने के बाद ही भारत सरकार ने पाकिस्तान को यथासंभव मदद देने को व्यक्त किया ।अंतराष्ट्रीय रेत क्रोस संघ ने आपदा की स्थिति आंकने के लिए पाकिस्तान में दो टीमें भेजी हैं ताकि क्षतिग्रस्त लोगों की असली मांग का पता लगाया जाए ।