इजराइल कादिमा पार्टी की नेता और विदेश मंत्री लिवनी ने 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति पेरेस को निर्धारित समय से पहले इजराइल आम चुनाव के आयोजन की सलाह दी। विश्लेषकों का मानना है कि आम चुनाव अगले साल की जनवरी के अंत में या फरवरी में आयोजित होने की संभावना होगी।
लिवनी ने उसी दिन शाम को राष्ट्रपति भवन में पेरेस को मंत्रि मंडल के गठन संबंधी स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्रि मंडल के गठन के लिये हर संभव कोशिश की है लेकिन उन्हें लगता है कि नयी सरकार के गठन की संभावना नहीं है। उन्होंने बलपूर्वक कहा कि वे मंत्रि मंडल के गठन के लिये इजराइल के आर्थिक व राजनीतिक भविष्य को नुक्सान नहीं पहुंचाएंगी।
वर्तमान स्थिति में निर्धारित समय से पहले आम चुनाव का आयोजन बहुत जरूरी है।
लिवनी ने 22 सितम्बर से मंत्रि मंडल का गठन करने की कोशिश शुरू की थी। हालांकि मजदूर पार्टी के साथ आरंभिक समझौता संपन्न हो गया, फिर भी शास पार्टी के साथ हुई वार्ता गतिरोध में फंस गयी। क्योंकि शास पार्टी ने भविष्य में यरुशलम सवाल पर फिलिस्तीन से समझौता न करने का पक्ष लिया और गरीबों को भत्ता देने के लिये 2009 के बचट में से 15 करोड़ अमरीकी डालर देने का आग्रह भी किया, लेकिन लिवनी ने इस से इंकार किया। दोनों 28 दिनों के भीतर मंत्रि मंडल के गठन पर सहमत नहीं हो सके। इस के बाद पेरेस ने 20 अक्टूबर को मंत्रि मंडल का गठन करने के लिये 14 दिन और दिये। 24 अक्टूबर को शास पार्टी ने अपनी दो मांगों पूरी न करने का बहाना बना कर कादिमा पार्टी के साथ वार्ता बंद कर दी। इसलिये लिवनी ने राष्ट्रपति पेरेस को निर्धारित समय से पहले संसद चुनाव आयोजित करने की सलाह दी।
पेरेस ने उसी दिन कानूनी व्यवस्था के अनुसर संसद की विभिन्न पार्टियों के नेताओं के साथ संबंधित सवालों पर विचार विमर्श शुरू किया। इजराइल के कानून के मुताबिक वे 3 दिनों के भीतर फैसला कर सकेंगे। सलाह मशविरे के बाद वे अन्य एक सांसद को मंत्रि मंडल के गठन का अधिकार सौंपेंगे और संभवतः वे आम चुनाव की संबंधित व्यवस्था भी शुरू करेंगे।
इजराइली उद्योग व व्यापार मंत्री, शास पार्टी के अध्यक्ष इशाई ने उसी दिन रात को पेरेस के साथ वार्ता के बाद कहा कि संभवतः पेरेस लिवनी की सलाह को स्वीकार करेंगे। कादिमा पार्टी के नेता योएल हसन ने पेरेस से कहा कि वे 27 अक्टूबर को संसद को भंग करने संबंधी प्रस्ताव पेश करेंगे। मजदूर पार्टी के अध्यक्ष बाराक ने उसी दिन अपने सदस्यों से जुलने मिलने की अपील की। जब कि लिक्विड पार्टी ने लिवनी द्वारा मंत्रि मंडल के गठन में विफल रहने पर कादिमा पार्टी पर दबाव डालने के साथ साथ सितम्बर में आरंभिक चुवान आयोजित करने की घोषणा की।
निर्धारित समय से पहले आम चुनाव के आयोजन का प्रथम परिणाम इजराइल की राजनीति में गड़बड़ फैलाएगा। ओल्मर्ट द्वारा 21 सितम्बर को प्रधान मंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद इजराइली राजनीति में स्थिरता लाने के लिये सब से तेज तरीका 42 दिनों के भीतर लिवनी द्वारा मंत्रि मंडल का सफल गठन करना था। लेकिन उस में वे विफल रहीं, इसलिये मौजूदा हालात में विभिन्न पार्टियों के बीच संघर्ष अगले सवाल संसद चुनाव की समाप्ति तक चलेगा।
निर्धारित समय से पहले आम चुनाव के आयोजन का दूसरा परिणाम इजराइल-फिलिस्तीन वार्ता में अनिश्चितता लाना है। हालांकि ओल्मर्ट संक्रामणकालीन सरकार के प्रधान मंत्री के रूप में वार्ता के लिये अंतिम कोशिश करेंगे, फिर भी इस स्थिति में ओल्मर्ट फिलिस्तीन के साथ समझौता संपन्न करने की स्थिति में नहीं है।
अगर आम चुनाव निर्धारित समय पर आयोजित होता है, तो लिवनी चुनाव के लिये तैयारी करेंगी, इसलिये इजराइल-फिलिस्तीन वार्ता की उम्मीद न होगी। लोकमत के अनुसार अगर आम चुनाव निश्चित समय पर आयोजित होता है तो इजराइल की सब से बड़ी विपक्ष पार्टी लिक्विड चुनाव में जीतेगी। विश्लेषकों की चिंता है कि लिक्विड पार्टी के नेता नेटानयाहू सत्तारूढ़ में आने के बाद सख्त रूख अपना कर इजराइल-फिलिस्तीन वार्ता में हानिकारक रद्देबदल करेंगे।
उक्त तत्वों से वार्ता में कोई भी प्रगति नहीं होगी। इस के प्रति फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष अब्बास के सहायक रतेनेह ने कहा कि आमामी महीनों में कोई सफलता नहीं हासिल होगी। फिलिस्तीनी वार्ताकार एरेकाट ने भी आशा जतायी कि भविष्य में इजराइल शांति प्रक्रिया पर कायम रह सकेगा।(रूपा)
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