2008-10-25 20:46:36

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन में बहुत सी उपलब्धियां हुईं

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन 25 तारीख को पेइचिंग में संपन्न हुआ। सम्मेलन में एशिया यूरोप सहयोग बढ़ाकर वित्तीय संकट के मुकाबले के बारे में एक वक्तव्य जारी किया गया और अनाज सुरक्षा और विपत्ति के राहत कार्य में सहयोग , निरंतर विकास और मौसम परिवर्तन के क्षेत्रों में बहुत सी उपलब्धियां हासिल हुई हैं । चीनी प्रधान मंत्री वन चापो ने सम्मेलन के बाद कहा कि मौजूदा सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों का एशिया यूरोप सहयोग पर गहरा और दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा।

दो दिवसीय सातवें शिखर सम्मेलन का विश्व में भारी वित्तीय संकट जैसी चुनौति की स्थिति में आयोजन हुआ, इसलिए एशिया यूरोप के देशों और विश्व लोकमतों ने इस पर भारी महत्व दिया । दोनों महाद्वीपों के 45 सम्मेलन सदस्यों के नेतागण और प्रतिनिधि सम्मेलन में शरीक हुए , जिन में 10 राज्याध्यक्ष , 26 सरकारी प्रमुख और क्षेत्रीय संगठनों के नेता शामिल हैं ।

24 तारीख की रात जारी अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के बारे में वक्तव्य में कहा गया है कि विभिन्न पक्षों को समय रहते हुए कारगर कदम उठाते हुए उचित रूप से वित्तीय संकट से पैदा चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा व वित्त व्यवस्था के कारगर व पूर्ण सुधार के लिए संकल्प जाहिर किया गया है और अगले महीने में वाशिंगटन में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय शिखर सम्मेलन के आयोजन का समर्थन किया गया।

चीनी प्रधान मंत्री वन चापो ने समापन रस्म के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौजूदा संकट के मुकाबले के लिए सारी दुनिया को विश्वास , सहयोग व कर्तव्य निभाने की जरूरत है । उन्हों ने कहा विभिन्न देशों को विश्वास, सहयोग व जिम्मेदारी से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का निपटारा करना चाहिए

उन्हों ने कहा कि सौ वर्षों में अभूतपूर्व अति बड़ी वित्तीय संकट के सामने विभिन्न देशों को विश्वास को दृढ़ करना तथा सहयोग को मजबूत करना चाहिए, विभिन्न देशों की सरकारों, कारोबारों व निगरानी विभागों के कर्तव्यों को स्पष्ट करके एक साथ कठिन समय को दूर करना चाहिए।

श्री वन चा पाओ ने यह भी कहा कि विभिन्न देशों को वर्तमान वित्तीय संकट से सबक लेकर वित्तीय सृजन और वित्तीय निगरानी के बीच संबंध, वास्तविक अर्थतंत्र और काल्पनिक अर्थतंत्र के बीच संबंध तथा बैंकिंग जमा व उपभोक्ता के बीच संबंध को अच्छी तरह निपटाना चाहिए और यथाशीघ्र ही वित्तीय व्यवस्था को स्थिर बनाना चाहिए, ताकि वित्तीय जोखिम को नियंत्रित किया जाए और वास्तविक अर्थतंत्र के विकास पर वित्तीय संकट के प्रभाव मिटाया जाए ।

उन्हों ने कहा कि वित्तीय संकट के बढ़ते हुए हालत में चीन के आर्थिक स्थिरता और तेज विकास विश्व के लिए भारी योगदान है और चीन सक्रिय रूप से वाशिंगटन अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय शिखर सम्मेलन में भाग लेगा और सहयोग व व्यवहारिक रूप से अन्य देशों के साथ वित्तीय संकट का सामना करने के तरीकों की खोज करेगा ।

सम्मेलन के बाद चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने वर्तमान सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों का उच्च मूल्याकन किया।उन्होंने कहा कि वर्तमान सम्मेलन का बड़ा महत्व होता है, जो अवश्य ही एशिया-युरोप सम्मेलन के सहयोग की प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण व गहरा प्रभाव डालेगा। चीन विभिन्न सदस्यों के साथ वर्तमान सम्मेलन की विभिन्न उपलब्धियों का कार्यान्वयन करने, एशिया व युरोप के नये साझेदारी संबंध को मजबूत करने व गहरा करने को तैयार है, ताकि सब लोग एशिया-युरोप सहयोग के नये दौर में प्रवेश कर सकें।

चीनी विदेश मंत्री श्री यांग च्यैई छी ने सम्मेलन के बाद बताया कि मेजबान देश होने के नाते, चीन यथार्थ व खुलेपन और सहमति की खोज करने की भावना से सम्मेलन के सफलतापूर्ण आयोजन के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया है। वित्तीय संकट आदि महत्वपूर्ण सवालों पर चीन ने अनेक महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये , जिन्हें विभिन्न पक्षों की विस्तृत सहमति मिली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान एशिया युरोप सम्मेलन एशिया व युरोप के सहयोग की प्रक्रिया में अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जो अवश्य ही एशिया व युरोप के बीच नये साझेदारी संबंधों की स्थापना को आगे बढ़ाएगा, और चिरस्थायी शांति व समान समृद्धि की सामन्जस्यपूर्ण दुनिया का निर्माण करने को योगदान प्रदान करेगा।